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बिहार महाभारतः महागठबंधन ने जारी की 242 सीटों की सूची, ओबीसी को सबसे ज्यादा हिस्सेदारी

September 24, 2015


महागठबंधन ने कल 242 सीटों की संयुक्त सूची जारी की। ओबीसी को सबसे ज्यादा सीटें दी हैं। सिर्फ राजगीर (अनुसूचित जाति) सीट की घोषणा ही बाद में की जाएगी। 55 प्रतिशत सीटें ओबीसी को दी हैं। अनुसूचित जाति/जनजाति को 15 प्रतिशत, मुस्लिमों को 14 प्रतिशत और सामान्य श्रेणी को 16 प्रतिशत सीटें दी गई हैं।

सीटों के बंटवारे को करीब से देखने पर पता चलता है कि हर पार्टी का लाभ उठाने की रणनीति के तहत तीनस्तरीय रणनीति अपनाई गई है। नीतीश कुमार ने अपने कुर्मी समुदाय के वोटर्स पर ध्यान केंद्रित किया है। जबकि जेडी(यू) का ध्यान कुशवाहा समुदाय पर रहेगा। आरजेडी का ध्यान मुख्य तौर पर मुस्लिम और यादव वोटरों को साथ लाने पर रहेगा। जो पारंपरिक रूप से उसकी ताकत भी रहे हैं। सामान्य श्रेणी के वोटर्स में पकड़ मजबूत करने की जिम्मेदारी कांग्रेस पर रहेगी।

लेकिन सीटों के बंटवारे में सिर्फ 10 प्रतिशत सीटें ही महिलाओं को दी गई हैं। नीतीश कुमार ने यह घोषणा की कि सभी समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है। हालांकि, वे अपने सबसे बड़े सपोर्ट बेस को भूल गए। यदि वे हर जाति/समुदाय की सीटों में महिलाओं की हिस्सेदारी सुनिश्चित करते तो निश्चित तौर पर महागठबंधन को अपने विरोधी एनडीए गठबंधन पर बढ़त हासिल होती। वैसे भी बिहार में महिला वोटरों की संख्या 50 प्रतिशत से ज्यादा है। महिलाओं में नीतीश को पर्याप्त समर्थन है। यह उनके लिए मौका था कि इस तबके की आकांक्षाओं को पूरा कर उनका दिल जीत सकते थे। बिहार के बाहर भी उनका कद बढ़ सकता था।

नीतीश कुमार ने इस मौके का इस्तेमाल बीजेपी पर हमला करने में किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस की राजनीतिक शाखा है बीजेपी। आरएसएस ही उसकी सुप्रीम कोर्ट है। उनका इशारा मोहन भागवत के आरक्षण पर दिए हालिया बयान की ओर था।

जेडी(यू) और आरजेडी 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस 41 सीटों पर।

बीजेपी ने स्टार प्रचारकों की सूची तैयार की, नारा भी तैयार “बदलिए सरकार, बदलिए बिहार”

बीजेपी अपने नए नारे “बदलिए सरकार, बदलिए बिहार” के साथ पूरी ताकत से सड़क पर उतरने को तैयार है। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 40 स्टार प्रचारकों की सूची चुनाव आयोग को सौंपी है। इस सूची में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास शामिल है। पार्टी के अन्य नेताओं में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरूण जेटली, रवि शंकर प्रसाद, नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी, अनंत कुमार, राजीव प्रताप रूड़ी, गिरिराज सिंह और धर्मेंद्र प्रधान शामिल हैं।

पार्टी में सामने आ रहे बगावती सुरों को कमजोर करने के लिए वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी के साथ ही शत्रुघन सिन्हा को भी सूची में शामिल किया है। भीड़ खींचने वाले अन्य नेताओं में हेमा मालिनी और नवजोत सिंह सिद्धू शामिल है। राज्य में कई रैलियों की योजना बनाई गई है। इसके बाद भी पार्टी बड़े पैमाने पर प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर निर्भर है। ताकि अभियान के जरिए वोटरों का दिमाग जीता जा सके।

क्या लालू के बेटे सफल होंगे, जहां उनकी पत्नी और बेटी नाकाम रही थी?

राजनीति में अपनी पारिवारिक विरासत आगे बढ़ाने के लिए लालू प्रसाद यादव ने अब अपने दो बेटों पर भरोसा किया है। उन्होंने दोनों के लिए सुरक्षित सीटों का चुनाव किया है ताकि उनकी जीत को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने नीतीश कुमार पर यह दो सीटें खाली कराने के लिए दबाव डाला। वैशाली जिले की महुआ और राघोपुर सीटें यादवों का मजबूत गढ़ रही है। 2010 से यहां जेडी(यू) का कब्जा रहा है। बड़े बेटे तेज प्रताप यादव महुआ से और तेजस्वी यादव राघोपुर से चुनाव लड़ेंगे।

लेकिन उनकी जीत इतनी आसान भी नहीं रहने वाली। महुआ से मौजूदा सांसद रवींद्र राय ने जीतन मांझी की हम के टिकट पर मैदान पकड़ा है। वह इसी सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं। दूसरी ओर, राघोपुर से मौजूदा सांसद सतीश कुमार बीजेपी में जा चुके हैं। वे बीजेपी के टिकट पर इसी जगह से चुनाव लड़ रहे हैं। सतीश कुमार वहीं शख्स हैं, जिन्होंने 2010 में लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी को हराया था। लालू के बेटे राजनीति में नए हैं और उनके लिए यह चुनाव इतने आसान भी नहीं रहने वाले क्योंकि उन्हें चुनौती दे रहे दोनों मौजूदा विधायकों की इन क्षेत्रों में मजबूत पकड़ है।

आलोचना से घिरा चुनाव अभियान के दौरान राहुल गांधी का अमेरिका दौरा

यह आश्चर्यजनक है कि राहुल गांधी ऐसे वक्त पर अमेरिका जा रहे हैं, जब उन्हें बिहार में महागठबंधन और अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव अभियान में भाग लेना चाहिए। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला के मुताबिक, राहुल गांधी अमेरिका चार्ली रोज कॉन्फ्रेंस में भाग लेने जा रहे हैं। यह कॉन्फ्रेंस अलगअलग क्षेत्रों से आने वाले वैचारिक नेताओं का जमावड़ा होगा।

अब, राहुल गांधी बिहार के चुनावों पर इस कॉन्फ्रेंस को प्राथमिकता कैसे दे सकते हैं, खासकर ऐसे वक्त पर जब उनकी पार्टी अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही है? एक व्यक्ति यह तो समझ सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका जातेजाते आयरलैंड क्यों गए हैं। सबको पता है कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट हासिल करने की महत्वपूर्ण कूटनीतिक लड़ाई लड़ने वे वहां गए हैं। लेकिन राहुल गांधी का चुनाव अभियान छोड़कर अमेरिका का दौरा करना, कई सवाल पैदा कर रहा है।

चर्चा में नेताः श्रीमती वीणा देवी, एलजेपी (जन्म 5 नवंबर 1976)

श्रीमती वीणा देवी का जन्म बिहार के बेगुसराय में दुलारपुर में श्री उमा कांत सिंह और सरस्वती देवी के यहां हुआ था। उन्होंने मेट्रिक स्तर तक पढ़ाई की और फिर सुरजभान सिंह से उनकी शादी कर दी गई। सुरजभान सिंह 14वीं लोकसभा में बलिया से जेडी(यू) सांसद थे। 2014 में वीणा देवी ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ी एलजेपी के टिकट पर मुंगेर से चुनाव लड़ा और मुंगेर इलाके के मजबूत जेडी(यू) नेता लल्लन सिंह को हराया।

उसके बाद से वह कई समितियों में सदस्य रही हैं। इनमें पटल पर दस्तावेज रखने वाली समिति, रसायन और उर्वरक, परामर्शदात्री समिति और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस पर बनी समितियां शामिल हैं।

चर्चा में विधानसभा क्षेत्रः नवादा

नवादा शहर एक नगर निगम और नवादा जिले का मुख्यालय है। यह मगध क्षेत्र का हिस्सा है। नवादा 33 वार्ड्स में बंटा है। 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में नवादा को उजाड़ दिया गया था। शहर के कई इलाके नष्ट कर दिए गए थे। 2011 की जनगणना के मुताबिक, नवादा जिले की आबादी 2,57,305 है। इनमें 1,34,416 पुरुष और 1,22,889 महिलाएं हैं।

2010 विधानसभा चुनाव परिणाम

  • 2010 विधानसभा चुनाव में विजेताः पूर्णिमा यादव, जेडी(यू)
  • जीत का अंतरः 6,337 वोट्स; 5.32 प्रतिशत कुल वैध मतों का
  • निकटतम प्रतिद्वंद्वीः राजबल्लभ प्रसाद, आरजेडी
  • पुरुष वोटरः 64,229; महिला वोटरः 54,778; कुलः 1,19,019
  • मतदान प्रतिशतः 45.22 प्रतिशत
  • पुरुष उम्मीदवारः 13; महिला उम्मीदवारः 3
  • मतदान केंद्रः 279