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दिल्ली की बसों में लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे और पेनिक बटन

June 22, 2017


panic-button-and-cams-in-dtc-buses-hindi2012 के निर्भया बलात्कार का मामला, एक युवा लड़की का अमानवीय रूप से बलात्कार और उस पर अत्याचार की वजह से पूरे देश में सदमे की लहर दौड़ गई, भारत में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दों के बारे में नागरिकों के साथ-साथ भारत सरकार को और खासकर राजधानी बलात्कार सिटी ऑफ इंडिया, दिल्ली को जागृत करने की एक पुकार आई है। 2013 के बजट में तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा निर्भया निधि की घोषणा की गई थी। इस निधि में 10 अरब डॉलर का एक संग्रह शामिल है, जिसका इस्तेमाल सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा भारत की महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके सम्मान की रक्षा करने के लिए किया जाएगा।

दिल्ली की आम आदमी पार्टी (एएपी) की सरकार द्वारा चुनावों के जनादेश में किए गए अपने प्रमुख वादों के तहत, अब यहाँ की डीटीसी और क्लस्टर बसों में सीसीटीवी कैमरे और पेनिक बटनों को लगवाया जाएगा, इनको लगवाने के लिए इस निधि का इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला निर्भया निधि को इस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

आम आदमी पार्टी के मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “इन यंत्रों का सार्वजनिक परिवहन में उपयोग करके महिलाओं के लिए सुरक्षा की अनुभूति प्रदान करना है।”

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता वाली एक बैठक में, परिवहन विभाग के ठेका करने की माँग पर और 6,350 डीटीसी और क्लस्टर बसों पर सीसीटीवी कैमरों को लगाने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस परियोजना को निर्भया निधि द्वारा लगभग 140 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर वित्त पोषित किया जाएगा।

मंत्रियों की परिषद ने यह भी निर्णय लिया है कि राज्य सरकार की स्वामित्व वाली कंपनी दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, इस परियोजना को कार्यान्वित करेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने सभी बसों में विशेष विवरण वाले सीसीटीवी कैमरे लगवाने की सिफारिश की है। इस परियोजना का नाम “राष्ट्रीय स्तर पर वाहन सुरक्षा और ट्रैकिंग प्रणाली” है।

योजनाएं

  • डीटीसी और क्लस्टर बसों में राज्य के अत्याधुनिक आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएगें।
  • प्रत्येक बस में इसी प्रकार के तीन कैमरे होंगे।
  • कैमरों की स्थापना और अनुरक्षण पाँच साल तक की होगी।
  • तीनों कैमरों में से प्रत्येक के आउटपुट का प्रसारण करने के लिए प्रत्येक बस पर एक स्क्रीन लगाई जाएगी।
  • प्रत्येक बस में एक पेनिक बटन होगा।
  • जब बटन दबाया जाएगा तो नियंत्रण कक्ष सतर्क हो जाएगा और एक सुरक्षा दल खतरे को विफल करने के लिए आ जाएगा।

निर्भया की घटना के बाद डीटीसी बसों में सरोजिनी नगर और राजघाट डिपो के संचालन के आधार पर 200 सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे। इन बसों के कैमरों में 15 दिनों का विवरण संग्रहीत किया जा सकता है और आवश्यकता के अनुसार विवरण को लंबे समय तक अभिलेखागार में संग्रहीत किया जा सकता है।

भारत में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। हाल ही के दिनों में खासकर दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आई हैं। यह बहुत आवश्यक है कि भारत की महिलाओं की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी सावधानियाँ बरती जाएं। सीसीटीवी कैमरों के साथ-साथ पेनिक बटनों की स्थापना, निश्चित रूप से एक सही दिशा में कदम है।