भारत में सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेज – आईआईटी और एनआईटी के अलावा
हम सभी का सपना होता है कि हम अपने जीवन काल में सबसे कामयाब व्यक्ति बनें और इस प्रकार के सपनों को पूरा करने के लिए हम सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों का चयन करते हैं। भारत में, जो छात्र एक दिन सफल इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं उनका पढ़ाई करने का उद्देश्य आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) और एनआईटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में होता है। हालांकि, हमेशा हम सभी का प्रवेश इन संस्थानों में संभव नही होता। लेकिन हमें आशा नहीं खोनी चाहिए, क्योंकि इन्जीनियर बनने के लिए आईआईटी या एनआईटी कॉलेज ही नहीं बल्कि और भी व्यवहार्य विकल्प मौजूद हैं। हम इन इंजीनियरिंग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में बहुत अच्छी तरह से अध्ययन कर सकते हैं और एक दिन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफल करियर बना सकते हैं।
बिट्स (बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस) पिलानी
बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बीआईटीएस) पिलानी भारत में शीर्ष गैर आईआईटी और एनआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज में से एक है। यहाँ पर उपलब्ध ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने का तरीका बिटसैट इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में भाग लेना है। सामान्य तौर पर, छात्रों को प्रति सेमेस्टर 1,36000 रुपये और भोजनालय तथा हॉस्टल शुल्क के लिए 20,500 रूपये का भुगतान करने की आवश्यकता होती है। यह कॉलेज राजस्थान के पिलानी में स्थित है। छात्र सीधे आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन करके अपने पसंदीदा कोर्स का चयन कर सकते हैं। किसी एक कोर्स में आवेदन करने के लिए बिटसैट नामक अनुभाग पर जाना होगा। इस कॉलेज में एकीकृत प्रथम डिग्री, उच्च डिग्री और डॉक्टरेट कार्यक्रम उपलब्ध हैं।
दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी
दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) को औपचारिक रूप से दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के रूप में भी जाना जाता है और यह भारत के प्रमुख सरकारी विश्वविद्यालयों में से एक है। जो छात्र यहाँ प्रवेश पाना चाहते हैं उन्हें संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन्स में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। इस विश्वविद्यालय में प्रत्येक छात्र को शुल्क के रूप में प्रति वर्ष 1,51000 रुपये का भुगतान करना होगा। यह विश्वविद्यालय नई दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में स्थित है। यह कॉलेज ग्रेजुएट, पोस्ट-ग्रेजुएट और पी.एच.डी तीनों स्तरों पर अपने पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1940 में की गई थी।
बीआईटीएस मेसरा
रांची के मेसरा में स्थित, झारखंड बीआईटीएस मेसरा को इस सूची में सबसे प्रमुख नामों में से एक माना जाता है। एक बार फिर आपको इस मानित विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन्स में भाग लेकर अच्छा प्रदर्शन करना होगा। यहाँ पर एक छात्र को शुल्क के लिए प्रति वर्ष 99,500 रुपये और साथ ही साथ छात्रावास के लिए 13,500 रूपये का भुगतान करने की आवश्यकता होती है। मुख्य रूप से यह ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट जैसे कार्यक्रम प्रदान करता है। 1995 में, इसे एक स्वतंत्र प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग संस्थान के रूप में स्थापित किया गया था। सामान्यतः यह महाविद्यालय एक वर्ष में लगभग 560 छात्रों का आवेदन स्वीकार करता है।
आईआईआईटी हैदराबाद
दूसरे कॉलेजों की अपेक्षा सबसे बेहतर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 1998 में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी) हैदराबाद की स्थापना की गई थी। इस संस्थान में प्रवेश पाने में दिलचस्पी रखने वाले छात्रों को जेईई मेन में भाग लेकर अच्छा प्रदर्शन करने की आवश्यकता होती है। यह कॉलेज एक वर्ष में 210 छात्रों को प्रवेश प्रदान करता है। यहाँ पर आपको प्रति सेमेस्टर 1,30000 रुपये के साथ-साथ प्रत्येक सेमेस्टर के लिए 10,900 रुपये की अतिरिक्त फीस देनी होगी। यहाँ दिए गए कार्यक्रमों को निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है –
ग्रेजुएट
पोस्ट- ग्रेजुएट
डबल डिग्री
पार्ट टाईम
लेटरल इन्ट्री
पीएचडी
नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना वर्ष 1983 में हुई थी। इसे पहले दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के नाम से भी जाना जाता था। जेईई मेन मुख्य परीक्षा है जिसके माध्यम से आप इस इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। कॉलेज तीन स्तरों पर ग्रेजुएट, पोस्ट-ग्रेजुएट और डॉक्टरेट कार्यक्रम प्रदान करता है और लगभग 766 छात्रों को एक वर्ष में प्रवेश देता है। यहाँ पर आपको प्रति वर्ष 1,50000 रुपये का भुगतान करना होगा और यह महाविद्यालय नई दिल्ली के द्वारका में स्थित है।
इसके अलावा यहां कुछ अन्य विकल्प दिए गए हैं जहाँ आप प्रवेश लेने की कोशिश कर सकते हैं –
अन्ना यूनिवर्सिटी
आईआईआईटी इलाहाबाद
जादवपुर यूनिवर्सिटी
इंजीनियरिंग कॉलेज पुणे
इंजीनियरिंग कॉलेज पंजाब
सूचनाः यह लेख 20 जुलाई, 2017 को समुद्रनिल द्वारा लिखा गया है। इस लेख में निहित जानकारी हाल ही में अपडेट की गई है।