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कक्षा 10 के बाद पाठ्यक्रम और प्रतियोगी परीक्षाएं

July 4, 2018


 

कक्षा 10 के बाद पाठ्यक्रम और प्रतियोगी परीक्षाएं

कक्षा 10 के बाद छात्र अक्सर दुविधा में पड़ जाते हैं कि आगे के अध्ययन के लिए किस पाठ्यक्रम या शाखा का चयन करें। यह पाठ्यक्रम छात्र के लिए पूरी तरह से उनकी योग्यता, पसंद, नापसंद और हितों पर आधारित होते हैं। कुछ पाठ्यक्रम ऐसे हैं, जिनके लिए छात्रों को प्रवेश परीक्षा देनी पड़ती है, जबकि कुछ अन्य पाठ्यक्रमों के लिए, वह अपने कक्षा 10 के परिणामों के आधार पर सीधे प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।

कक्षा 10 के बाद छात्रों द्वारा चुनी जाने वाली सबसे आम धाराएं:

  • मानविकी या कला: कला या मानविकी धारा में उच्च माध्यमिक स्तर के लिए अंग्रेजी, इतिहास, भूगोल, स्थानीय भाषा या आधुनिक भारतीय भाषा, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, संस्कृत और समाजशास्त्र जैसे विषय शामिल हैं। एक छात्र को चार अनिवार्य विषयों के साथ-साथ अंग्रेजी और आधुनिक भारतीय भाषा को अलग चुनना पड़ता है।
  • विज्ञान: यदि आप उच्च माध्यमिक स्तर के लिए विज्ञान धारा चुनते हैं, तो आपको अंग्रेजी के साथ भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीवविज्ञान, कंप्यूटर जैसे विषयों का अध्ययन करना पड़ेगा।
  • वाणिज्य: यदि आप उच्च माध्यमिक में वाणिज्य लेते हैं, तो आप अंग्रेजी के साथ व्यावसायिक अध्यन, व्यवसाय प्रबंधन, अर्थशास्त्र, लेखाविधि इत्यादि जैसे विषयों का अध्ययन करेंगे।

अन्य पाठ्यक्रम और प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाएं

नौकरी लेने के इच्छुक लोगों के लिए और आगे पढ़ाई में दिलचस्पी न रखने वाले लोगों लिए, निम्नलिखित विकल्प उपलब्ध हैं:

  • व्यावसायिक पाठ्यक्रम: व्यावसायिक पाठ्यक्रम मूल रूप से व्यावहारिक पाठ्यक्रम हैं, जो कौशल प्रशिक्षण और विकास के माध्यम से भविष्य में अजीविका के अवसर प्रदान करते हैं। इसमें आग और सुरक्षा, साइबर कानून, इंटीरियर डिजाइनिंग, आभूषण डिजाइनिंग और फैशन डिजाइनिंग इत्यादि पाठ्यक्रम शामिल हैं। भारत में, व्यावसायिक पाठ्यक्रम भारत सरकार के स्थानीय निकायों, निजी सहायता प्राप्त और निजी गैर-अनुदानित संस्थानों द्वारा संचालित विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रदान किए जाते हैं। व्यावसायिक अध्ययन करने वाले छात्र अपनी पढ़ाई का पहला वर्ष पूरा होने पर डिप्लोमा प्राप्त कर लेते है। दूसरा वर्ष पूरा होने पर उन्हें एक उच्च श्रेणी वाला डिप्लोमा मिलता है। छह सेमेस्टर पूरा होने पर, वह व्यावसायिक पाठ्यक्रम में स्नातक की डिग्री प्राप्त कर लेते हैं। कक्षा 10 या कक्षा 12 के तुरंत बाद व्यावसायिक पाठ्यक्रम किए जा सकते हैं।
  • औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) पाठ्यक्रम: जो छात्र कम लागत पर तकनीकी पाठ्यक्रम का अध्ययन करना चाहते हैं, उन्हें आईटीआई पाठ्यक्रम को चुनना चाहिए। आईटीआई पाठ्यक्रम का एक वर्ष के पूरा होने के बाद, वह पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।
  • पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम: पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम बुनियादी अभियांत्रिकी या तकनीकी पाठ्यक्रम मुख्य रूप से देश के विभिन्न पॉलिटेक्निक कॉलेजों में कक्षा 10 के बाद किया जाता है। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को करने वाले छात्र प्रवेश परीक्षा के माध्यम से तकनीकी डिग्री पाठ्यक्रमों के लिये दूसरे वर्ष में प्रवेश हेतु आवेदन कर सकते हैं। इस कोर्स की अवधि तीन साल है। इस पाठ्यक्रम के बाद, वह सीधे बी.टेक के दूसरे वर्ष में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।
  • किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाई): यह भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा शुरू की गई मूल विज्ञान में साहचर्य का एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा कक्षा 11 और 12 के स्कूली बच्चों के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को विज्ञान के शोध करियर अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। प्रवेश परीक्षा की सफलतापूर्वक समाप्ति के बाद एक छात्र विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के भारतीय संस्थान में पाँच साल इंटीग्रेटेड मास्टर प्रोग्राम में प्रवेश प्राप्त कर सकता है।

कक्षा 10 से 12 के छात्रों के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं

  • सिल्वरजोन ओलंपियाड: अंग्रेजी, गणित, फ्रेंच, सामान्य ज्ञान, सूचना विज्ञान आदि सहित विभिन्न विषयों में स्कूल स्तर पर प्रतिस्पर्धी परीक्षाएं शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय परस्पर संवादात्मक गणितीय ओलंपियाड (एनआईएमओ): इसमें छात्रों का गणितीय कौशल और मानसिक क्षमता का परीक्षण करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। यह परीक्षा कक्षा पाँच से लेकर कक्षा बारह के छात्रों के लिए आयोजित की जाती है।
  • राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी ओलंपियाड (एनबीओ): यह कक्षा पाँच से लेकर कक्षा बारह के छात्रों के लिए आयोजित 50 अंकों की प्रवेश परीक्षा है।
  • राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (एनटीएसई): एनसीईआरटी द्वारा अपने छात्रों की उत्कृष्टता की पहचान और सम्मान करने के लिए कक्षा 10 के छात्रों के लिए यह एक राष्ट्रीय स्तर का छात्रवृत्ति कार्यक्रम है।
  • अंतर्राष्ट्रीय अंक शास्त्र ओलंपियाड (आईएमओ): विज्ञान ओलंपियाड फाउंडेशन, नई दिल्ली कक्षा 2 से लेकर कक्षा 12 के सभी छात्रों के लिए आईएमओ आयोजित करता है।
  • खगोल विज्ञान राष्ट्रीय मानक परीक्षा (एनएसईए): भारतीय भौतिकी संघ के शिक्षकों द्वारा आयोजित, यह कक्षा 10 या 11 के सीबीएसई बोर्ड के छात्रों की पढ़ाई के लिए एक प्रतियोगी परीक्षा है।
  • एनएसईजेएस: सीबीएसई के कक्षा 10 के छात्रों या उससे निम्न छात्रों के लिए भारतीय भौतिकी शिक्षक संघ और एचबीसीएसई मुंबई द्वारा आयोजित यह जूनियर साइंस की एक राष्ट्रीय मानक परीक्षा है। परीक्षा का दूसरा चरण अंतर्राष्ट्रीय जूनियर साइंस ओलंपियाड (आईजेएसओ) है।
  • क्षेत्रीय सूचना विज्ञान ओलंपियाड (जीआईओ): यह चेन्नई में कक्षा 8 से 12 के छात्रों के लिए कम्प्यूटर साइंस में इंडियन एसोसिएशन फॉर रिसर्च (आईएआरसीएस) द्वारा आयोजित किया जाता है।
  • राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा (एनएसटीएसई): यह एकीकृत परिषद हैदराबाद के कक्षा 2 से लेकर कक्षा 12 के छात्रों के लिए आयोजित किया गया है।
  • अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान ओलंपियाड (आईईएसओ): सीबीएसई या आईसीएसई या राज्य बोर्ड के कक्षा 10 और कक्षा 11 के छात्रों के लिए आयोजित एक प्रतियोगी परीक्षा है।
  • अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड विज्ञान (आईओएस): यह कक्षा 1 से लेकर कक्षा 10 के सीबीएसई या आईसीएसई या राज्य बोर्ड के छात्रों के लिए आयोजित एक प्रतियोगी परीक्षा है।
  • राष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड (एनएसओ): कक्षा 1 से कक्षा 10 के सीबीएसई या आईसीएसई या आईबी या सीआईई और अन्य स्कूल बोर्डों के छात्रों के लिए विज्ञान विषय में एक प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जाती है।
  • नेशनल साइबर ओलंपियाड (एनसीओ): कक्षा 1 से कक्षा 10 के सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी या सीआईई और अन्य स्कूल बोर्डों के छात्रों के लिए कम्प्यूटर के विषय में एक प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जाती है।
  • टेक्नोथलॉन: आईआईटी गुवाहाटी द्वारा कक्षा 9 से कक्षा 12 के सीबीएसई, आईसीएसई या राज्य बोर्डों के छात्रों के लिए इस प्रतियोगी परीक्षा आयोजन किया जाता है।