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बिहार चुनावः पीएम मोदी आज करेंगे चार रैलियां

October 8, 2015


बिहार में पहले दौर के मतदान में सिर्फ चार दिन बचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिरी मिनट की कोशिशों के तहत आज चार रैलियों को संबोधित करेंगे। उनकी पहली रैली मुंगेर में 10 बजे होगी। इसके बाद 11 बजे बेगुसराय, एक बजे समस्तीपुर और दो बजे नवादा में रैली है। चारों जगहों पर 12 अक्टूबर, सोमवार को वोटिंग होनी है। कल प्रधानमंत्री 10.30 बजे सासाराम में और 12.30 बजे औरंगाबाद में रैलियां करेंगे। इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में दूसरे दौर में 16 अक्टूबर (शुक्रवार) को वोटिंग होगी।

पहले चरण में 10 जिलों की 49 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान होगा। इनमें भागलपुर (7 सीटें), मुंगेर (3 सीटें), बांका (5 सीटें), लखीसराय (2 सीटें), नवादा (5 सीटें), समस्तीपुर (10 सीटें), बेगुसराय (7 सीटें), जमुई (4 सीटें), खगड़िया (4 सीटें) और शेखपुरा (2 सीटें) शामिल हैं। कुल मतदान केंद्र 12,686 हैं। वोटों की गिनती 8 नवंबर को होगी।

ताजा चुनावपूर्व सर्वेक्षण में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को फायदा

लोकनीतिसीएसडीएस के ताजा चुनावपूर्व सर्वेक्षण के मुताबिक, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को महागठबंधन के मुकाबले 4 प्रतिशत का लाभ मिल रहा है। सर्वे के मुताबिक एनडीए को 38, जबकि एनडीए को 42 सीटें मिल रही हैं। संकेत यह भी है कि मुकाबला करीबी है। कई कारकों से यह अंतर कम भी हो सकता है। सर्वे के मुताबिक एनडीए, खासकर बीजेपी को शहरी क्षेत्रों में ज्यादा फायदा है। ऊपरी जातियां बीजेपीगठबंधन के पक्ष में खड़ी दिख रही हैं। एनडीए को शहरी क्षेत्रों में 20 प्रतिशत फायदा दिख रहा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में उसे सिर्फ 2 प्रतिशत का फायदा है।

बिहार की सिर्फ 15 फीसदी आबादी शहरों में रहती है, इससे ग्रामीण इलाकों में मुकाबला करीबी होगा। यहां दो प्रतिशत का अंतर है, जिसे कभी भी पाटा जा सकता है। यह भी ध्यान देना जरूरी है कि यह सर्वेक्षण सितंबर के आखिरी हफ्ते में हुआ था। दादरी का असर बिहार पहुंचने से पहले। इस घटना का निश्चित तौर पर चुनावों पर असर पड़ेगा। करीबी मुकाबला किसी भी एक पक्ष में जा सकता है।

एसपी के नेतृत्व वाले तीसरे मोर्चे के प्रभाव की जटिलता और बढ़ गई है। पहले कहा जा रहा था कि चुनाव से पहले या बाद में महागठबंधन या एनडीए के लिए तीसरा मोर्चा परेशानी का सबब बन सकता है। मुलायम सिंह यादव भी यह अच्छे से जानते हैं। लेकिन यहां फिर कहना होगा कि दादरी घटना को जिस तरह यूपी की सपा सरकार ने संभाला, उससे स्थिति बदल सकती है। खासकर बिहार के मुस्लिम वोटर्स पर अपना असर एसपी गंवा सकती है।

पिछले हफ्ते की घटनाओं को लेकर मुस्लिम समुदाय निश्चित तौर पर असुरक्षित और निराश है। एक हत्या को लेकर सियासत ने तूल पकड़ लिया है। सांप्रदायिक तनाव और ध्रुवीकरण की राजनीति की कोशिशें तेज हो गई हैं। पहले चरण के मतदान में चार दिन बचे हैं और निश्चित तौर पर दादरी की घठना सभी पार्टियों के नंबरों पर असर दिखाएगी। यह घटना ओवैसी की एआईएमआईएम को खेल में ला सकती है। एक पखवाड़े पहले तक मुस्लिम की बहुलता वाले सीमांचल इलाके में इस पार्टी का कोई ज्यादा असर नहीं था। आज की तारीख तक उसे किसी भी तरह का फायदा महागठबंधन को नुकसान ही पहुंचाएगा, क्योंकि वह तो पूरी तरह से मुस्लिमों के वोटों पर ही निर्भर है।

राहुल गांधी ने अपनी रैलियों में पीएम पर साधा निशाना

राहुल गांधी कल बेगुसराय और शेखपुरा में रैलियां संबोधित करने में व्यस्त थे। उन्होंने पीएम पर आरोप लगाया कि वे गरीब किसानों की समस्याओं को दूर करने के बजाय विदेशों में ज्यादा वक्त बिताते हैं। राहुल ने यह भी कहा कि अमेरिका में प्रधानमंत्री ने चार दिवसीय टूर पर 16 बार कपड़े बदले। उन्होंने कहा कि पीएम अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं। कॉरपोरेट जगत के लोगों और ब्यूरोक्रेट्स के साथ हमेशा ‘सूटबूट’ में ही नजर आते हैं।

उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने पीएम को कभी फटे कपड़े पहने गरीब किसानों से बात करते हुए देखा है। राहुल गांधी ने मोदी के हाईप्रोफाइल कपड़ों की तुलना नीतीश कुमार के साधारण कपड़ों से की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विदेशों में अपनी छवि को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन घरेलू मुद्दों पर उन्हें कोई चिंता नहीं होती।

उन्होंने लोक सभा चुनावों से पहले काले धन को वापस लाने और हर नागरिक के खाते में 15-20 लाख रुपए पहुंचाने के वादों में नाकाम रहने पर भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या उनमें से एक व्यक्ति भी ऐसा है जिसके खाते में पैसे मिले हो।

नीतीश कुमार ने मोदी को दी सार्वजनिक बहस की चुनौती

नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी उपलब्धियों को लेकर आत्मविश्वास से भरे हैं। उन्होंने मौजूदा गोमांस विवाद से लेकर तमाम मुद्दों पर नरेंद्र मोदी को सार्वजनिक बहस की चुनौती दे डाली। कल एक रैली को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने बीजेपी पर बीफ विवाद बिहार लाने और चुनावों से ठीक पहले मतदाताओं के ध्रुवीकरण की कोशिशों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सफल नहीं होगी क्योंकि बीफ विवाद से ज्यादा बिहार विकास से जुड़े मुद्दों को लेकर चिंतित है।

लालू प्रसाद से हाथ मिलाने को लेकर बीजेपी के लगातार आरोपों का जवाब देते हुए, उन्होंने कहा कि बीजेपी की राजनीति का विरोध करने वाली सभी पार्टियों का दायित्व बनता है कि वे एक साथ आकर चुनाव लड़ें। वरना बिहार और देश की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।

लोकतंत्र रक्षा दिवस पर लालूनीतीश के धोखे को सामने लाने की है बीजेपी की योजना

11 अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण की जयंती है। बीजेपी लोकतंत्र बचाने में जेपी के योगदान को हाईलाइट करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रही है। यह भी बताने की कोशिश होगी कि उनके समाजवादी आदर्शों ने बीजेपी और अन्य पार्टियों के नेताओं पर क्या असर डाला है।

बीजेपी इस मौके का इस्तेमाल यह दिखाने में कर सकती है कि जेपी आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे लालू प्रसाद और नीतीश कुमार उस दौरान के बड़े समर्थकों और कार्यकर्ताओं में से एक थे। किस तरह उन्होंने इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के आपातकाल लागू करने के फैसले के विरोध में लड़ाई लड़ी। बीजेपी लोगों को बताना चाहती है कि लालूनीतीश ने कांग्रेस से हाथ मिलाकर जयप्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया के समाजवादी विचारों को धोखा दिया है। लोकतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत विज्ञान भवन में होगी। इस कार्यक्रम में आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए 800 मीसा बंदी भी मौजूद रहेंगे।

बिना अनुमति हेलिकॉप्टर उतारने पर केंद्रीय राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ एफआईआर दर्ज

केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री और आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भागलपुर जिले के अम्मापाली गांव में आयोजित चुनावी रैली के लिए बिना अनुमति हेलिकॉप्टर उतार दिया। इसके लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। शेरमारी बाजार के प्रगति मैदान की जमीन पर हेलिकॉप्टर उतारने की अनुमति दी गई थी, लेकिन किसी कारण से हेलिकॉप्टर को अम्मापाली गांव में उतारा गया। चूंकि जिस जगह हेलिकॉप्टर उतारा गया, वहां अनुमति नहीं थी इसलिए चुनाव आयोग की ओर से तय आचार संहिता नियमों का उल्लंघन हुआ।