Home / / भारत के पाँच प्रसिद्ध गणेश मंदिर

भारत के पाँच प्रसिद्ध गणेश मंदिर

August 28, 2017


Rate this post

Famous Ganesha Temples in Indiaभगवान गणेश हिंदुओं के सबसे प्रिय, अराध्य और श्रद्धास्पद देवता हैं। भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र, गणेश जी को विघ्नहर्ता, कला और विज्ञान के संरक्षक और देवताओं में प्रथम पूज्य के रूप में जाना जाता है। इसलिए, भगवान गणेश की हमेशा विशेष अवसरों जैसे नए व्यवसायों, समारोहों और धार्मिक उत्सवों आदि की शुरूआत करने से पूर्व पूजा की जाती है। हर साल गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के मंदिर, एक उत्सव की भाँति दिखाई पड़ते हैं। इस दिन भगवान गणेश के कई मंदिरों में भक्तों के झुंड समर्पित भाव से पूजा-अर्चना करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं। यहाँ हम आपके लिए पाँच प्रसिद्ध गणेश मंदिरों की पेशकश करते हैं, जहाँ आप गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर जाकर उत्सव का आनंद ले सकते हैं।

श्री सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर, शहर के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण लक्ष्मण विठू और देउबाई पाटिल द्वारा वर्ष 1801 में कराया गया था। इस मंदिर में भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए, राजनेताओं और बॉलीवुड सितारों सहित हजारों भक्त आते हैं। वर्ष 2016 में एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) टिम कुक ने भारत का दौरा किया था और उन्होने सुबह मंदिर में प्रार्थना करने के पश्चात्, भारत में अपनी यात्रा का शुभारंभ किया था।

श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर, पुणे

पुणे में स्थित श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर, महाराष्ट्र राज्य का दूसरा सबसे लोकप्रिय मंदिर है। यह मंदिर जहां पूरे देश से भगवान गणेश के भक्तगण आते हैं, अपनी आंतरिक रचना और शानदार वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर में आम आदमी के अलावा, कई मशहूर हस्तियों के साथ-साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। इस मंदिर का निर्माण-कार्य वर्ष 1893 में पूरा हुआ था और इसका निर्माण पुणे के एक हलवाई दगडूशेठ द्वारा कराया गया था। दगडूशेठ हलवाई के बेटे की मृत्यु प्लेग की चपेट में आने के कारण हो गई थी।

कनिपक्कम विनायक मंदिर, चित्तूर

भगवान गणेश का विनायक मंदिर बहुत ही लोकप्रिय है और यह मंदिर चित्तूर जिले के कनिपक्कम में स्थित है। यह प्राचीन मंदिर 11 वीं शताब्दी से पहले का है। इस मंदिर को कुलोथुंगा चोल ने बनवाया था। 14 वीं सदी में विजयनगर साम्राज्य के शासकों द्वारा, इसका विस्तार किया गया था। इस मंदिर में हर साल बड़ी संख्या में भक्त आते हैं और अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन विनायक मंदिर में कई भक्त और पर्यटक ब्रह्मोत्सव उत्सव में भाग लेने के लिए आते हैं।

रणथंभौर गणेश मंदिर, राजस्थान

राजस्थान के रणथंभौर जिले में स्थित यह मंदिर, भारत के सबसे प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में से एक है। इस मंदिर के बारे में एक दिलचस्प कहानी है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण और रूक्मणी ने अपनी शादी का आमंत्रण इस मंदिर में भिजवाया था। इसके बाद भारत के सभी हिस्सों के लोग, मंदिर में भगवान गणेश को अपनी शादी का निमंत्रण भेजकर आमंत्रित करने लगे। मंदिर के सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से एक, यहाँ हर वर्ष गणेश चतुर्थी के दिन आयोजित किया जाने वाला गणेश मेला है और इस दिन लाखों लोग मेला देखने के लिए आते हैं।

रॉकफोर्ट उच्ची पिल्लयार कोइल मंदिर तमिलनाडु

तमिलनाडु का रॉकफोर्ट उच्ची पिल्लयार कोइल मंदिर, 7 वीं शताब्दी से पहले का प्राचीन गणेश मंदिर है। यह मंदिर तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में एक पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर की ऊँचाई लगभग 272 फीट है। यह मंदिर हिंदू समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यहाँ गणेश जी ने भगवान रंगनाथ (भगवान विष्णु का एक रूप) की एक मूर्ति स्थापित की थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने रावण को मारने के बाद, भगवान रंगनाथ की मूर्ति विभीषण को भेंट की थी। हालांकि, विभीषण चाहते थे कि यह मूर्ति, जहाँ वह रहते थे (लंका) वही पर स्थायी रूप से स्थापित कर दी जाए। रावण के भाई विभीषण ने मूर्ति को लंका में स्थापित करने का फैसला किया, लेकिन देवता इस बात पर राजी नहीं थे। देवताओं ने विभीषण को रोकने के लिए, गणेश जी से आग्रह (विनती) किया। जब विभीषण कावेरी नदी के किनारे पर पहुँचे, तो उन्हे नदी में डुबकी लगाने की जिज्ञासा (इच्छा) हुई, लेकिन विभीषण मूर्ति को जमीन पर (स्थापित होने के डर से) नहीं रखना चाहते थे। उस समय भगवान गणेश एक चरवाहे के रूप में प्रकट हुए और तब विभीषण ने डुबकी लगाने के लिए, मूर्ति को चरवाहे रूपी भगवान गणेश से पकड़ने की गुजारिश की। जैसे ही गणेश जी ने मूर्ति को हाथों में लिया, उन्होने इसे जमीन पर रख दिया और भगवान रंगनाथ की मूर्ति उसी स्थान पर स्थापित हो गई।

इन मंदिरों के अलावा देश भर में कई अन्य गणेश जी के मंदिर भी हैं और साल भर कई भक्तों द्वारा इन मंदिरो की यात्रा की जाती है।

Comments

Like us on Facebook

Recent Comments

Archives
Select from the Drop Down to view archives