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फ्रेंडशिप डे 2017 – दोस्ती का प्रदर्शन करती बॉलीवुड की फिल्में

August 2, 2017


Happy-Friendship-Day-2017-hindiवास्तव में, यह सही कहा गया है कि अच्छे मित्र हमारे भाई बहन से भी बढ़कर होते हैं, जो भगवान द्वारा हमें अलग रूप में दिये जाते हैं।”  दोस्त हमारे परिवार की तरह होते हैं जिनको हम स्वयं चुन और अपना सकते हैं। सिनेमा की मुख्यधारा में दोस्ती का विषय भी एक पसंदीदा विषय रहा है, जहाँ कथित स्वभाव के साथ एक मैत्रीपूर्ण संबंध के विभिन्न रूपों को दर्शाया गया है। हालांकि, इस तरह की असंख्य फिल्में हैं, जो दर्शकों की भावनाओं को प्रभावित करती हैं।

दिल चाहता है (2001)

विचारों और यहाँ तक कि व्यवहार में अंतर होने के बावजूद भी दोस्त एक हो सकते हैं। लेकिन सच्चे दोस्तों में एक आत्मिक संबंध होता है जो उनको एक दूसरे की ओर खींचता है और उन्हें हमेशा एक बंधन में बाँधे रखता है। फिल्म दिल चाहता है आमिर खान (कभी गंभीर न होने वाला), सैफ अली खान (प्लेब्वॉय) और अक्षय खन्ना (एक गंभीर दोस्त, जो बहुत ही शर्मीला है) के बीच इसी प्रकार के संबंध को दर्शाती है। फिल्म यह भी दिखाती है कि अगर दोस्ती में उलझनें से गलतफहमियाँ उत्पन्न हो जाएं, तब भी एक सच्ची दोस्ती का बंधन कभी भी नहीं टूट सकता है और दोस्त इन दूरियों को कम करने का रास्ता ढूंढ ही लेते हैं।

फरहान अख्तर द्वारा निर्देशित इस फिल्म को हिंदी की बेस्ट फीचर फिल्म होने के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

जिंदगी न मिलेगी दोबारा (2011)

फिल्म में यह दिखाया जाता है कि पुरुष अपने दिल से हमेशा लड़के ही बने रहेंगे, उनको अपनी जगह और समय दोनों की जरूरत है। इस फिल्म में तीन दोस्त ऋतिक रोशन, फरहान अख्तर और अभय देओल कुछ समय एक साथ बिताने के लिए स्पेन की लंबी यात्रा पर निकलते हैं। फिल्म यह प्रदर्शित करती है कि कभी-कभी आपसी मतभेदों के कारण दोस्ती में दरार पड़ जाती है, लेकिन जब वे एक दूसरे को समझते हैं गलतफहमियाँ दूर होकर प्यार में बदल जाती हैं। यह भी दिखाया गया है कि केवल मित्र ही अज्ञात भय से छुटकारा दिलाने के लिए एक-दूसरे को प्रोत्साहित तथा एक-दूसरे की प्राथमिकताओं की खोज और उनके जीवन के फैसले का विश्लेषण कर सकते हैं।

यूरोप के सुरम्य शहरों की पृष्ठभूमि में बनाई गई फिल्म जिंदगी ना मिलेगी दोबारा ने दर्शकों का दिल जीत लिया था।

थ्री इडियट्स (2009)

इस फिल्म में वास्तविक रूप में दोस्ती का चित्रण एक आदर्श तरीके से किया गया है। इस फिल्म में आमिर खान द्वारा निभाए गए चरित्र रणछोड़दास चांचड़ उर्फ फुंसुख वांगडू को कौन भूल सकता है। दोस्तों के बीच यह एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसे पता होता है कि क्या सही है। इस फिल्म में आमिर खान ने शर्मन जोशी और माधवन के साथ एक दोस्त की भूमिका निभाई है। फिल्म बताती है कि कभी-कभी जब माता-पिता और शिक्षक एक युवा का मार्गदर्शन करने में विफल हो जाते है, तो एक सच्चा मित्र ही उन्हें गाइड करके सही रास्ता दिखाता हैं। यह फिल्म यह दिखाती है कि वे तीनों अपने दोस्तों के जीवन में उनके जुनून का पालन करने के लिए एक दूसरे की कैसे मदद करते हैं।

यह फिल्म चेतन भगत के उपन्यास फाइव प्वॉइंट समवन पर आधारित है।

आनन्द (1971)

इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना ने दोस्त की भूमिका निभा कर लाखों लोगों का दिल जीत लिया था। फिल्म बताती है कि सच्ची दोस्ती उम्र की मोहताज नहीं होती है। दोस्ती कभी भी और किसी के साथ हो सकती है। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन एक डॉक्टर हैं और उनका दोस्त उनका अपना ही एक मरीज राजेश खन्ना है। राजेश खन्ना ने अपने दोस्त से कहा कि वर्तमान में मजे से जीना ज्यादा जरूरी है इसके बजाय कि अज्ञात भविष्य के बारे में चिंता और शोक मनाया जाए।

इस फिल्म का सह-लेखन और निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था।

दोस्ती (1964)

कई दशकों से दोस्ती का रूप एक जैसा ही रहा है, जिसको तलाश करना आसान न हो और बहुत विश्वसनीय हो। फिल्म दोस्ती में, दो दोस्तों के बीच बहुत ही मजबूत संबंधों को दर्शाया गया है, जहाँ दोनों दोस्त एक दूसरे की सहायता के लिए तैयार रहते हैं। सुधीर कुमार और सुशील कुमार नामक दो दोस्तों की भूमिका वाली  ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म में यह दिखाया गया है कि दो दोस्त जरूरत पड़ने पर कैसे एक दूसरे की मदद करते हैं।

फिल्म का निर्देशन सत्यन बोस द्वारा किया गया है।

फ्रेंडशिप डे 2017

हालांकि, इस साल फ्रेंडशिप डे 6 अगस्त को है, कहा जाता है कि हर दिन फ्रेंडशिप डे होता है। सच्ची दोस्ती की दैवीय गुण के तुलना की गई है। हम कामना करते हैं कि सभी पाठकों को सच्चे दोस्त मिलें, जैसा कि हेलेन किलर ने कहा है, “जब तक कुछ प्यारे दोस्तों की यादें मेरे दिल में रहती हैं, तब तक मैं कहूंगा कि जीवन अच्छा है।”