Home / Government / 10 कारण- नमो क्यों हैं भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री?

10 कारण- नमो क्यों हैं भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री?

May 31, 2017


Best-Prime-Minister-for-India-hindi“यूनेस्को द्वारा मोदी को सर्वक्षेष्ठ प्रधानमंत्री घोषित किया गया”

कुछ हफ्ते पहले इस पोस्ट से भारत के फेसबुक और ट्विटर उपयोगकर्ताओं को काफी उत्साह हुआ। खेल की कई हस्तियों ने इसे एक अफवाह बताया। हालांकि, लाखों लोगों ने इस समाचार को व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग एप्लीकेशनों पर पोस्ट किया।

यद्यपि यूनेस्को ऐसा देश नहीं है जहाँ से ऐसी भ्रष्ट घोषणाओं का निर्माण किया जाये यहाँ तक कि प्रधानमंत्री को पहचानने के लिये मानदंड तैयार न किये गये हों, यह संदेह से परे है कि नरेंद्र मोदी इस देश के सबसे प्रमुख प्रधानमंत्रियों में से एक हैं। हालांकि, उनकी सफलता (या आलोचकों के अनुसार इसकी कमी) हाल ही के दिनों में बहुत अधिक बहस वाली व्यक्तिपरक बात है, अधिकांश भारतीय मानते हैं कि नमो भारत के लिए सबसे अच्छे विचारों वाले व्यक्ति हैं। यह फिर से एक ऐसा दावा है जिससे बड़े पैमाने पर बहस की जा सकती है। लेकिन इस नजरिये को समर्थन देने के कई कारण हैं।

निर्णायक स्थिति

वर्तामान में देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निर्णायक स्थिति के बारे में खबर चली जब उन्होंने अपने एक निर्णायक रूख के तहत देश की आंतरिक सुरक्षा की बात कही है। सुरक्षा खतरों और क्रॉस बॉर्डर पर घुसपैठ से निपटने के लिए आने वाले वर्षों में, भारत ने बैक फुट का रूख अपनाया है। पिछले प्रधानमंत्री ने अपनी शांति प्रिय छवि को बनाये रखने के लिये देश की सरहदों पर लहू बहने की इजाजत दी थी। दूसरी ओर नरेन्द्र मोदी ने एक बहु आयाम वाली नीति अपनाई है। भारत पाकिस्तान के आतंकवादी खतरों से निपटने के लिये पड़ोसी देश पर प्रभावी राजनयिक तरीके अपनाने के लिये सफल रहा, साथ ही में पाकिस्तान को यह भी दिखा दिया कि भारत आतंकवादी संगठनों से निपटने के लिए एलओसी पार सर्जिकल हमलों का संचालन जारी रखेगा। शत्रुओं को अपनी पसंद और समय के आधार पर हर आक्रामक तरीके से प्रतिक्रिया दी जाएगी। यहाँ तक कि नागा विद्रोहियों ने (मार्च 2015 में) भारतीय सैनिकों पर हमला किया और मारे गए थे, यह म्यांमार की सीमा पर हुए हमलों का सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में बदला लिया गया था।

खबरों में भारत

इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी असंख्य विदेश यात्राओं के बाद देश वापस आने पर काफी आलोचनाओं और हंसी का सामना करना पड़ा। हालांकि, प्रधानमंत्री देश के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल करने और आर्थिक गठबंधनों को स्थापित करने में काफी सफल रहे जबकि अन्य नेता ऐसा नहीं कर पाये। इस साल सितंबर तक, प्रधानमंत्री ने 56 विदेशी यात्राएं की जिनमें दुनिया के 44 देशों का दौरा किया गया। आफ्रीका के आम विरासत को रेखांकित करने से विकसित देशों को भारत की कलाकृतियों के वापस करने के लिये समझाना, सऊदी अरब जैसे संभावित सहयोगियों को लुभाना और 42 वर्षों में कनाडा का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी भारत पर दृढ़ता से अंतर्राष्ट्रीय ध्यान रखने में सफल रहे हैं।

आर्थिक नेतृत्व

देश के आर्थिक विकास पर नामो सरकार का ध्यान नकारा नहीं जा सकता। यहाँ पर हमें इन संख्याओं को बोलने देना चाहिए। 2013-14 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत आँकी गई थी, जो 2012-13 की 4.5 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले मामूली वृद्धि थी। 2015-16 की रिपोर्ट के मुताबिक जीडीपी विकास दर 7.6 प्रतिशत के साथ तुलना करें तो 2013 में भारत की औसत मुद्रास्फीति 10.92 प्रतिशत और 2016 में अनुमानित 6.00 प्रतिशत थी। कमजोर अर्थव्यवस्था को सही करने के अवसरों के विस्तार के लिए नामो सरकार के केंद्रित दृष्टिकोण ने निश्चित रूप से काफी योगदान दिया है।

भारत का सशक्तीकरण

प्रधानमंत्री ने लाल किले पर “मेक इन इंडिया” की घोषणा की यह तीन शब्द राष्ट्र को इसकी संभावना तक पहुंचाते हैं। वर्षों से, भारत बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है, भारत को दुनिया के विनिर्माण केंद्र में बदलने के लिए प्रधानमंत्री के स्वप्न ने लगभग 25 विभिन्न कार्य के क्षेत्रों को नया जीवन प्रदान किया है। विदेशी निवेश तेजी से चढ़ कर व्यापार रैंकिंग में आसानी से बढ़त बना रहा है। मोदी के प्रमुख अभियानों जैसे कौशल भारत और डिजिटल भारत के कारण देश दुनिया के सबसे अच्छे स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर के रूप उभर रहा है

लोगों के लिए

एक ऐसी चीज जो मोदी को पूर्ववर्ती नेताओं से अलग करती है वह है जनता के कल्याण पर उनका ध्यान केंद्रित करना। सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय समावेशन नमो की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के प्रमुख एजेंडे रहे हैं। प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), अटल पेंशन योजना (एपीवाई), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) और अन्य योजनाओं को वित्तीय समावेशन के लिये खोला गया था। इसके तहत जनता को बैंक में खाता, बीमा, पेंशन आदि तक पहुंचने की अनुमति दी गयी है। सब्सिडी दरों पर ऐसे वित्तीय लाभों को प्रदान करना, प्रधानमंत्री को देश का एक प्रधान सेवक का पद प्रदान करते हैं।

डायस्पोरा लोगों के प्रिय

प्रधानमंत्री मोदी निस्संदेह भारतीय डायस्पोरा के प्रिय रहे हैं। वह भारत के अकेले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने विदेशों में रहने वाले भारतीयों के साथ संपर्क साधा है। कैलिफोर्निया में 18,000 एनआरआई की भीड़ को संबोधित करते हुऐ, जोहान्सबर्ग में 11,000, टोरंटो में 10,000 और दुबई में 50,000 भारतीयों को संबोधित करके उन्होंने न केवल विदेशों में रहने वाले भारतीयों को गौरवान्वित किया बल्कि उनकी परिस्थितियों में सुधार के लिये भी काम किया है। नमो ने विदेशों में भारतीय राजदूत के रूप में उनको संबोधित करके एनआरआई भारतीयों का सम्मान और समर्थन प्राप्त किया है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

प्रधानमंत्री मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं का एक एजेंडा यह भी था कि वह भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने के लिये अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल करना चाहते थे। फ्रांस में नमो की सफल पहुँच के बाद पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने कहा ने कहा कि “यह कल्पना करना वास्तव में बेतुका है…. कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं है” वह जापान, कनाडा, जर्मनी, रूस और कई अमेरिकियों की भावनाओं को भी व्यक्त करते हैं।

दुनिया की अगुवाई

औपनिवेशिक विरासत के साथ, भारत अपनी विशाल क्षमताओं के बावजूद काफी विनम्र अनुयायी रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत भारत को एक नया आयाम मिला है। ब्रिक्स बैंक या मोदी के संबंध में, फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलैंड ने 120 से अधिक देशों के साथ पेरिस ओसीपी 21 सम्मेलन में एक वैश्विक सौर गठबंधन की शुरूआत की। नमो भारत के गुड़गांव में मुख्यालय स्थापित करने के लिए अपने आप को पेश किया। यह उनका देश को आगे लाने का एक प्रयास है। नामो के तहत, भारत एक छाया के रूप से उभरा है और वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ा है।

बुनियादी बातों पर वापसी

प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं में जागरूकता पैदा करने और घरेलू परिस्थितियों में सुधार के लिए एक अभियान चलाया है, जबकि अन्य नेताओं ने अभी भी इन मुद्दों का मुकाबला करने के लिए पुराना कार्यक्रम तैयार किया है। स्वच्छ भारत अभियान इसका एक शानदार उदाहरण है, स्वच्छता भारत की एक पारंपरिक समस्या है और प्रधानमंत्री ने देश के बच्चों और युवाओं में स्वच्छता के मुद्दे को युद्ध स्तर लागू किया है। स्वच्छता उनका एक राष्ट्रीय एजेंडा है। इस प्रक्रिया में उन्होंने स्वच्छ शहरों और स्वच्छ रेलवे स्टेशनों के नाम से एक स्वस्थ प्रतियोगिता शुरू करने में कामयाबी हासिल की है।

एक सपने के साथ नेता

भारत दूरदर्शीयों का देश था। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य प्राचीन राजाओं और नेताओं के ज्ञान के विपरीत है। मोदी अपने दृष्टिकोण से बढ़ती आबादी के लिए एक तेजस्वी भारत बनाने के लिये प्रयासरत हैं। पारिस्थितिकी के विकास के लिए अक्षय ऊर्जा के संदर्भ में एक स्पष्ट दिशा और क्षेत्रीय विकास पर ध्यान केंद्रित करना, उनके दोहन के अवसरों का उपयोग करने के लिये नमो ने देश के लिये लक्ष्यों को निर्धारित किया है। प्रधानमंत्री ने इन अवसरों को प्राप्त करने के लिये स्पष्ट रूप से लघु और दीर्घकालिक क्रियाओं का मानचित्र भी तैयार किया है।