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आधारकार्ड, उपयोग, उद्देश्य, और लाभ

July 12, 2018


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आधार कार्ड को एक दस्तावेज के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिसमें 12 अंकों की पहचान संख्या की पुष्टि की जाती है, जो कि भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा आपको प्रदान किया जाता है। यह संख्या भारत के विभिन्न भागों में लोगों के पते और पहचान के प्रमाण के रूप में कार्य करती है। कोई भी आधार पत्र प्राप्त कर सकता है, जिसमें कार्ड शामिल है। आप इसे भारतीय डाक के माध्यम से या यूआईडीएआई वेबसाइट से डाउनलोड करके प्राप्त कर सकते हैं। दोनों को समान रूप से प्रमाणित माना जाएगा।

नामांकन विवरण

भारत में कोई भी व्यक्ति आधार कार्ड के लिए नामांकन कर सकता है। व्यक्ति का लिंग एवं आयु यहाँ पर कोई महत्व नहीं रखता है। हालांकि उसे भारत का निवासी होना जरूरी है, और यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित कुछ अन्य मानदंडों को भी पूरा करता हो। प्रत्येक व्यक्ति केवल एक बार नामांकन कर सकता है, और यह सुविधा एकदम मुफ्त प्रदान की जाती है। आधार संख्या अद्वितीय होती हैं और जब तक व्यक्ति जीवित रहता है, तब तक यह मान्य होती है।

आधार कार्ड कैसे उपयोगी है?

आधार नंबर की मदद से मोबाइल फोन कनेक्शन, रसोई गैस कनेक्शन, और बैंकिंग जैसी उपयोगी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। प्रारंभिक चरणों में यह संख्या केवल सरकार द्वारा संचालित सेवाओं को लागू करती है। मगर ये उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में अन्य समान सेवाओं एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा संचालित सभी सेवायें भी इसके दायरे में आ जाएंगी।

कुछ अतिरिक्त जानकारी

आप अपने आधार कार्ड के आवेदन की प्रगति की स्थिति इण्टरनेट से आसानी से जान सकते हैं, यह सेवा निःशुल्क है। इसका लक्ष्य भारत को झूठे और नकली पहचान वाले लोगों से मुक्त करना है। भारत में इस समस्या का सबसे बड़ा कारण यह है, कि अधिकतर नकली पहचान वाले प्रमाण पत्र किसी न किसी सरकारी या गैर सरकारी संस्था द्वारा जारी किये जाते हैं। हमें भारत में अक्सर ऐसी समस्यायें देखने को मिलती हैं। यह सिर्फ एक क्रमरहित संख्या की तरह है जो जाति, धर्म, पंथ और भौगोलिक सामाजिक-विभेदकारी कारकों से मुक्त यह संख्या देश के धर्मनिरपेक्ष लक्ष्य को कायम करती है।

आधार कार्ड अन्य पहचान पत्रों से भिन्न क्यों है ?

आधार कार्ड 12 अंको वाला और अन्य सभी प्रमाण पत्रों और कार्डों से भिन्न एक पहचान पत्र है। कोई भी भारतीय नागरिक शिशु से वृद्ध तक इस अद्वतीय कार्ड को एक बार प्राप्त कर सकता है। यह सभी भारतीयों को एक दूसरे से भिन्न पहचान जारी करता है।

आधार कार्ड बनवाने में बॉयोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय डेटा का प्रयोग होने से हर भारतीय को एक अनूठी पहचान उपलब्ध कराता है। कोई भी दस्तावेज न होने पर भी यह प्राप्त किया जा सकता है। एक व्यक्ति के पास केवल एक आधार संख्या हो सकती है।

आधार कार्ड प्रशासनिक सेवाओं में पहचान पत्र के रूप में उपयोग किया जा सकता है। जैसे पासपोर्ट, राशनकार्ड या किसी अन्य अनुप्रयोग में उपयोग किया जा सकता है यदि आपको आधार कार्ड के बारे में अधिक जानकारी चाहिये तो आप यूआईडीएआई से सम्पर्क कर सकते हैं।

आधार कार्ड के बारे में गलत अवधारणाएं

आधार कार्ड के बारे में कुछ लोगों की गलत अवधारणाएं हैं। परिवार में प्रत्येक सदस्य का अपना एक निजी कार्ड होता है। जबकि कई लोग यह भी सोचते हैं कि पूरे परिवार के लिए केवल एक आधार कार्ड ही पर्याप्त है। गलत अवधारणा है कि आधार, जाति, भाषा और धर्म जैसे मापदंडों के आधार पर जानकारी एकत्रित करता है। यह भी सोचा गया है, कि आधार कार्ड सभी दस्तावेजों के साथ सभी भारतीयों के लिए अनिवार्य है। यह मान लेना मूर्खता है, कि कोई भी व्यक्ति एक से अधिक जितनी बार वह चाहता हो आधार संख्या प्राप्त कर सकता है। और यह मानना भी गलत है कि आधार अन्य सभी पहचान पत्रों की जगह ले सकता है। यह सिर्फ निवास का एक प्रमाण है नागरिकता का नहीं, जैसा कि कई लोग चाहते हैं कि यह हो। बहुत से लोग यह भी मानते हैं, कि यूआईडीएआई की जानकारी को अन्य सार्वजनिक एजेंसियों या निजी स्वामित्व वाली संस्थाओं द्वारा प्रयोग किया जा सकता है। वास्तव में यह भी गलत अवधारणा है।