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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: समग्र कल्याण के लिए एक मील का पत्थर

June 20, 2016


सदियों से भारत आध्यात्मिक सोच और दर्शन का केंद्र रहा है और योग का अभ्यास, विश्वास और समझ इसका अभिन्न अंग रहा है। शरीर और मन के बीच संतुलन बनाने के महत्व को देखते हुए और योग द्वारा इसे पाए जाने की जरुरत को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने जा रहा है।

योग विश्व को भारत का दिया हुआ सबसे अहम योगदान है और इसका मकसद जीवन के कल्याण के लिए एक साधन के तौर पर पेश करना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी इसे आधिकारिक तौर पर मानते हुए भारत द्वारा पेश प्रस्ताव, कि ‘उत्तरी हैमस्फियर के सबसे लंबे दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाया जाए‘ को मंजूरी दी।

मान्यता के लिए की गई पहल

भारत से योग के ऐसे कई राजदूत रहे हैं जिन्होेंने योग को वैश्विक स्तर पर फैलाने के लिए काम किया, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हमेशा ऐसे व्यक्ति के तौर पर याद किया जाएगा जो योग को वैश्विक चेतना के मामले में सबसे आगे लाए और 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिये अपने पहले भाषण में यह सुझाव दिया कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाया जाए।

इस पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के राजदूत अशोक मुखर्जी ने बहुत सक्रिय रुप से काम किया और इस प्रस्ताव का मसौदा पेश किया जिसे 177 देशों का समर्थन मिला और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर घोषित किया गया।

दुनिया भर में समारोह

पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के समारोह की निगरानी और तालमेल को लेकर बनी हाई-पावर कमेटी के प्रमुख प्रधानमंत्री हैं।

28 मई 2015 को प्रधानमंत्री ने इस हाई-लेवल कमेटी की अध्यक्षता की और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के वैश्विक समारोह की तैयारियों को देखा जिसकी थीम थी ‘तालमेल‘।

भारत और विदेशों में बड़े स्तर पर समारोह की योजना बनाई गई है जिसमें मशहूर योग गुरु, आध्यात्मिक लीडर, मशहूर हस्तियां और बेहद सक्रिय प्रवासी भारतीय भी शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून और महासभा के अध्यक्ष सेम कुतेसा संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उद्घाटन समारोह की अगुवाई करेंगे। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस समारोह का संचालन करेंगी और ‘आर्ट आॅफ लिविंग’ के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर इस समारोह में एक विशेष व्याख्यान और प्रदर्शन करेंगे।

अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कैसे मनाया जाएगा?

दुनिया भर में होने वाले समारोह में से एक न्यूयाॅर्क के टाइम्स स्क्वेयर पर होने वाला समारोह सबसे खास रहेगा। यहां आने वाले हजारों लोगों के लिए संयुक्त राष्ट्र में होने वाले समारोह का सीधा प्रसारण होगा। यहां पर मास योग के प्रदर्शन की भी योजना है।
पूरे अमेरिका में कई भारतीय मूल के समूहों की मास योग कार्यक्रम करने की योजना है। पहली बार ओवरसीज वोलेंटिया फाॅर बेटर इंडिया और अन्य 70 संगठन मिलकर अमेरिका के 100 से ज्यादा शहरों में मास योग का प्रदर्शन करेंगे।
कई देशों के भारतीय मिशन को भी भारतीय समुदाय के साथ मिलकर योग पर भाषण और प्रदर्शन आयोजित करने में सहयोग करने के लिए कहा गया है। पहली बार 190 देशों में 250 शहरों में एक ही दिन योग अभ्यास किया जाएगा।

आयुष मंत्रालय की मंशा है कि 21 जून को होने वाले मास योग को गिनीज विश्व रिकाॅर्ड किताब मेें दर्ज करवाया जाए।

21 जून को सुबह सात बजे नई दिल्ली के राजपथ पर लगभग 40,000 लोगों के आने की उम्मीद है, जो साथ मिलकर 35 मिनट तक योग के आसन करेंगे और मास योग का विश्व रिकाॅर्ड स्थापित करने का प्रयास करेंगे। आयुष मंत्रालय इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की ओर पूरी दुनिया का ध्यान खींचने का प्रयास कर रहा है। केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए व्यक्तिगत तौर पर देखरेख कर रहे हैं। इसमें भाग लेने वालों के लिए मंत्रालय 40,000 चटाइयों की व्यवस्था कर रहा है।

सरकार योग के साथ साथ आयर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और होम्योपैथी को बढ़ावा देने के लिए गंभीर है और वित्त वर्ष 15-16 के लिए गैर योजना खर्च के लिए 205.36 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।

स्कूलों में योग शुरु करने को लेकर हाल में हुआ विवाद

भारत में कुछ मुस्लिम समूहों ने स्कूल में योग को अनिवार्य करने पर एतराज जताया है। इसमें सबसे प्रमुख विरोध सूर्य नमस्कार के दौरान ‘ओम’ के उच्चारण को लेकर है। केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने आधिकारिक तौर पर मुस्लिम समुदाय से कहा है कि इस कार्यक्रम से सूर्य नमस्कार हटा दिया गया है और प्रतिभागी ‘ओम’ के बदले ‘अल्लाह’ का जाप भी कर सकते हैं। कुछ मुस्लिम समूहों ने योग को गैर-इस्लामिक भी कहा है वहीं कई और लोगों ने कहा है कि स्कूल में योग शुरु करने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

21 जून समारोह के संदर्भ में कैथलिक बिशप कांफ्रेंस आॅफ इंडिया ने रविवार को इस समारोह के चुने जाने का विरोध जताया है क्योंकि यह उनके अनुयाइयों के लिए पवित्र दिन हैै। हालांकि उन्होनें साफ किया है कि समुदाय योग के अभ्यास या उसे शुरु करने के खिलाफ नहीं है।

सरकार ऐसे पाठ्यक्रम को शुरु करने पर काम कर रही है जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय की आपत्तियों को ध्यान में रखा गया हो जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें भाग लें।

21 जून को होने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को इतिहास में एक लैंडमार्क के तौर पर याद रखा जाएगा जिसमें दुनिया योग से होने वाले फायदों की पहचान कराने के लिए भारत को आधिकारिक मान्यता देगी।

हालिया घटनाक्रम

19 जून 2015

मोदी द्वारा शुरू किए गए अन्य कार्यक्रम:

भारत में सामाजिक सुरक्षा हेतु अटल पेंशन योजना (एपीवाय)

‘बेटी बचाओ, बेटी पदाओ योजना’

सुकन्या समृद्धि अकाउंटः भारत में लड़कियों के लिए नई योजना

प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाय)

भारत में सामाजिक सुरक्षा हेतु अटल पेंशन योजना (एपीवाय)

2014 में मोदी द्वारा किये गए टॉप पांच कार्यक्रम