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आरोग्य भाग्य योजना के तहत कर्नाटक सरकार लांच करेगी यूनिवर्सल हैल्थ कार्ड

August 31, 2017


 

आरोग्य भाग्य योजना के तहत कर्नाटक सरकार लांच करेगी यूनिवर्सल हैल्थ कार्ड

कर्नाटक सरकार ने एक यूनिवर्सल हैल्थ कार्ड स्कीम शुरू करने का फैसला किया है, जिसका नाम आरोग्य भाग्य है। उम्मीद की जा रही है कि राज्य में सभी नागरिकों को सब्सिडी या मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस सुविधा के अन्तर्गत आपातकालीन देखभाल शामिल होगी और सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ इस विशेष कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार की अनुसूची पर निजी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। इस कार्यक्रम का शुभारंभ राज्य सरकार द्वारा 1 नवंबर 2017 को किया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल, जो 28 अगस्त को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के तत्वावधान में मिले थे, उन्होंने पहले ही इस विशेष कार्यक्रम के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी थी।। यह कार्यक्रम सात स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों को शामिल करने के लिए माना जा रहा है, जो पहले से ही राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं।

कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी

इस कार्यक्रम के लिए सरकार ने पहले ही 869.4 करोड़ रुपये का अनुदान दे दिया है। हालांकि, यह लागत कार्यक्रम को केवल एक वर्ष चलाने के लिए है। इस मुद्दे पर मीडिया को पत्रसार (ब्रीफिंग) करते हुए, कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री टीबी जयचंद्र ने कहा कि यह कार्यक्रम श्रेणी ए के अन्तर्गत 1.4 करोड़ परिवारों को कवर करेगा। कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाले परिवार स्वास्थ्य सेवा मुफ्त में पा सकेंगे और उन्हें उपचार कराने के लिए कोई भुगतान करने की आवश्यकता भी नहीं होगी। इसमें निम्नलिखित संस्थाएं और वर्ग समुदाय शामिल हैं:

  • किसान
  • सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक
  • आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
  • असंगठित मजदूर जैसे कि ऑटो चालक, बोझा ढोने वाले (पोर्टर), कूड़ा बीनने वाले, खनन श्रमिक, सड़क के किनारे के विक्रेता, निर्माण श्रमिक, बुनकर, स्वच्छता श्रमिक, और मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) श्रमिक
  • एससी (अनुसूचित जाति) / एसटी (अनुसूचित जनजाति)
  • पौराकर्मिकस
  • पशुओं से घायल होने वाले पीड़ित
  • मीडिया
  • सहकारी समितियों के सदस्य
  • सरकारी कर्मचारी

राज्य में शेष लोगों को समूह बी के तहत वर्गीकृत किया गया है। समूह बी के तहत आने वाले लोगों को राज्य सरकार के द्वारा उनके इलाज में लगा 30 प्रतिशत हिस्सा वापस कर दिया जाएगा।

1 नवंबर का महत्व

संयोग से, 1 नवंबर को कर्नाटक राज्योत्सव दिवस मनाया जाता है और इस प्रकार इस तरह के एक लाभकारी कार्यक्रम को लॉन्च करने के लिए यह एक विशेष और शुभ अवसर होगा। इस परियोजना के विभिन्न लाभों के अलावा, इसका एक लाभ यह भी है कि राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य सेवा योजनाओं के लिए धनराशि के दोहराव को रोका जाए। इस कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए स्वास्थ्य कार्ड को आधार कार्ड से जुड़ा होना चाहिए।

समय

इस संदर्भ में यह भी याद रखना जरूरी है कि राज्य में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं और जैसा कि देखा जा रहा है यह योजना वास्तव में एक महत्वपूर्ण समय पर लॉन्च होने जा रही है। यह योजना यह मानकर चलती है कि प्रत्येक घर में पांच सदस्य होते हैं। वर्तमान में, राज्य में 6.5 करोड़ लोग हैं। इस गणना के अनुसार, राज्य के 83 प्रतिशत लोगों को इस कार्यक्रम के अंतर्गत इलाज कराने के लिए धन की एक छोटी मात्रा का भुगतान भी करने की आवश्यकता नहीं होगी।

कार्यक्रम एकीकृत किए जा रहे हैं

इस कार्यक्रम के तहत एकीकृत किए जा रहे कार्यक्रम नीचे बताए गए हैं:

  • वाजपेयी अरोग्यसरी
  • यशस्विनी
  • ज्योति संजीवनी
  • मुख्यमंत्री सांत्वना हरीश योजना
  • जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्राम
  • राजीव स्वास्थ्य भाग
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना

जयचंद्र ने यह भी कहा है कि यशस्विनी स्कीम के 2.38 करोड़ सहकारी समिति के सदस्यों को इस कार्यक्रम के तहत इलाज का लाभ लेने के लिए धन भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। कार्यक्रम शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में संचालित किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में बी-श्रेणी के लोगों को सालाना 300 रुपये का वार्षिक प्रीमियम देना होगा और शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए वार्षिक प्रीमियम 700 रुपये पर तय किया गया है। इस कार्यक्रम के दायरे में आने वाली बीमारियों का विवरण अभी तक नहीं दिया गया है।

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