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राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई)

July 10, 2018


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पृष्ठभूमि और योजना के उद्देश्य

इस दिव्य युग के शुरुआती वर्षों में आबादी में आकास्मिक वृद्धि के कारण ,रोजगार के अवसरों और धन की वृद्धि में कमी से, यह स्पष्ट हो गया है कि सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा एक अति-आवश्यक जरूरत थी। वर्ष 2000 के प्रारम्भिक दिनों की रिपोर्टों के अनुसार, देश के लगभग 93 प्रतिशत श्रमिक असंगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे थे। जबकि इनमें से कई श्रमिक पहले से ही गरीबी रेखा (बीपीएल) से नीचे थे और बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती होने के लिए पडने वाले शुल्क ने, लोगों को बिल्कुल कंगाल बना दिया था। चिकित्सा सुविधाओं की व्यापक उपलब्धता के बावजूद, देश में गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य देखभाल की लागत अधिक रही है।

इस मामले को हल करने के लिए, 2008 में भारत सरकार ने असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम को लागू किया था। इस अधिनियम को असंगठित क्षेत्रों में श्रमिकों के कल्याण के लिए भारत सरकार द्वारा लागू किया गया। इस अधिनियम में इन श्रमिकों को अपने स्वास्थ्य के लिए अधिक व्यय की क्षति की पूर्ति करने के प्रयास के कारण, सरकार ने 2008 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) शुरू की। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए आरएसबीवाई एक स्वास्थ्य बीमा योजना है।

योजना में उल्लिखित आरएसबीवाई वेबसाइट के मुख्य उद्देश्य निम्नानुसार हैं –

  • ओओपी को कम करके, आपत्तिकारी स्वास्थ्य लागतों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए।
  • अस्पताल में भर्ती और असंगठित क्षेत्र में अन्य कमजोर वर्ग के लिए शुल्क को कम करके – गरीबी रेखा के नीचे वाले परिवारों के लिए उच्चतम स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच में सुधार करना।

 योजना का उद्देश्य और लक्षित लाभार्थी

आरएसबीवाई एक स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसका उद्देश्य भारत के गरीब परिवारों के लिए स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा प्रदान करना है। यह निजी और सार्वजनिक दोनो अस्पतालों में भर्ती के लिए कैशलेश बीमा सुरक्षा प्रदान करता है। बीमा प्रीमियम की लागत केंद्र (75 प्रतिशत) और राज्य (25 प्रतिशत) दोनों सरकारों द्वारा वहन की जाती है। प्रारम्भिक रूप से, यह योजना श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा शुरू की गई थी, लेकिन इसे 1 अप्रैल 2015 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के हाथों में सौंप दिया गया था।

1 अप्रैल, 2008 को देश के 25 राज्यों में आरएसबीवाई को शुरू किया गया था। फरवरी 2014 तक इस योजना में कुल 36 करोंड़ परिवारों को शामिल किया गया था।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) का प्रथम उद्देश्य गरीबी रेखा (बीपीएल) के नीचे के लोंगों के स्वास्थ्य की देखभाल और वित्तीय सहायता प्रदान करना था। कुछ अन्य श्रमिकों और उनके परिवारों को सुरक्षा योजना अपनाने के लिए, शुरूआत में इस योजना के दायरे में शामिल नहीं किया गया था। हांलांकि, बाद में यह विकसित हुआ-

इसमें शामिल है –

  • पिछले वित्तीय वर्ष में 15 दिनों से ज्यादा मनरेगा में काम करने वाले मजदूर।
  • घरेलू सहायक और श्रमिक।
  • सफाई-कर्मचारी।
  • खादान में काम करने वाले श्रमिक।
  • रिक्शा चालक और टैक्सी चालक।
  • फेरी करने वाले और रेलवे पर बोझा उठाने वाले कुली।

आरएसबीवाई का विवरण

2008 में शुरू आरएसबीवाई के अनुसार –

  • एक वैध राशन-कार्ड वाले प्रत्येक बीपीएल परिवार को योजना के विस्तार के लिए, बीमा लाभ लेने के लिए नामांकित किया जा सकता है।
  • पंजीकरण कराने के लिए 30 रुपये शुल्क के रूप में लिया जायेगा।
  • एक परिवार के मुखिया, पति या पत्नी और तीन आश्रित व्यक्ति (बच्चों या माता-पिता) सहित परिवार के 5 सदस्यों को सुरक्षा बीमा योजना का लाभ दिया जा सकता है।
  • प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष 30,000 रूपए तक की मुफ्त दवाखाने वाली चिकित्सा पर माँग करने का अधिकार है।
  • आवेदक किसी भी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हो सकता है।
  • बीमारियों का पता चलने पर पहले दिन से ही उपचार किया जाएगा।
  • प्रत्येक परिवार अधिकतम 1000 रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से किसी अस्पताल में प्रति वर्ष 100 रुपये के परिवहन व्यय का दावा कर सकता है।

आरएसबीवाई का कार्यान्वयन

योजना सूची के अनुसार, प्रत्येक राज्य की सरकार एक राज्य प्रधान संस्था (एसएनए) स्थापित करने के लिए जिम्मेदार है, जो बदले में, इस योजना के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होगी। यह योजना राज्य स्तर पर, संस्था सर्वेक्षण और पात्र परिवारों की एक सूची बनायेगी। इन परिवारों को फिर से फोटो दाखिल कराने के लिए, मोबाइल नामांकन स्टेशनों से संपर्क करना होगा और बायोमेट्रिक सूचना (फिंगरप्रिंट) द्वारा एक ही समय में स्मार्ट कार्ड एकत्रित करके जमा करने होंगे।

स्मार्ट कार्ड न केवल लाभार्थी का पहचान पत्र है, बल्कि यह अस्पतालों में मुफ्त सुविधाओं का लाभ प्रदान करने में भी मदद करता है। पूरी योजना की जानकारी अस्पतालों की सूची स्मार्ट कार्ड के साथ एसएनए द्वारा दी जाती है। इस योजना के तहत मुख्य शिकायत और शिकायत निवारण प्रणाली (सीजीआरएस) प्राप्त शिकायतों का समाधान करती है और उन्हें हल करने में मदद करती है।

वर्ष 2012-13 के केंद्रीय बजट में 1096.7 करोड़ रुपये सरकार द्वारा आरएसबीवाई को दिये गए थे। यह पूरे देश की बीपीएल आबादी की सुरक्षा के लिए आवश्यक राशि का एक अंश था और इस योजना ने अपने कार्य से बहुत लोंगों को प्रभावित किया था।

बधाई और प्रशंसा

देश की पूरी बीपीएल आबादी की सुरक्षा में कमी होने के बावजूद भी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना द्वारा किए गए उत्तम काम को अस्वीकृत नहीं किया जा सकता है। हाल की खबरों के अनुसार, आरएसबीवाई योजना के तहत अस्पताल में भर्ती कराए गए लोंगों की कुल संख्या (31 मार्च, 2016 तक) 11.8 करोड़ दर्ज की गई है।

इस योजना का विस्तारण, देश के लाखों गरीब लोगों को दिए गए लाभ के कारण विश्व बैंक, संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने इसकी बधाई और प्रशंसा की है। जर्मनी ने अपनी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए इसे अपनाने के उद्देश्य से स्मार्ट कार्ड के प्रतिरूप का अध्ययन करने में गहरी रूचि दिखाई है।

भविष्य की योजनायें

अपने स्वयं के सामाजिक सुरक्षा उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में, एनडीए सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को सुधारने के लिये अपने विचार की घोषणा की है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार 30,000 रूपये से लेकर एक लाख रूपए तक प्रति परिवार को प्रति वर्ष आरएसबीवाई के जरिये लाभ देने की योजना बना रही है। इसका मतलब यह है कि इस योजना के लाभ से कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है।

वर्तमान में, इस योजना के तहत प्रति व्यक्ति औसत बीमा का दावा 22,000 रुपये है और सरकार का एक लाख रुपये का आवंटन एक गंभीर वायदा है।

प्रधान मंत्री और उनके मंत्रिमंडल ने योजना के क्षेत्र में वृद्धि के लिए और पूरी बीपीएल आबादी में इसे लागू और सुझाव भेजने के लिए इन लोगों ने हितधारकों और यहाँ तक कि सदस्यों को भी आमंत्रित किया है।