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राजमार्ग पर शराब प्रतिबंध : महाराष्ट्र में 40% कम हुई सड़क दुर्घटनाएं

August 1, 2017


Highway-Liquor-Ban-hindiअप्रैल, मई और जून इन तीन महीनों में, महाराष्ट्र राज्य में शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से 40% की कमी आई है। इन तीन महीनों में सड़क दुर्घटनाओं से मरने या घायल होने वाले लोगों की संख्या में भी कमी आई है। अन्य स्थानों पर इस प्रकार के मामलों में 11 से 14 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। यह आँकड़े सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजमार्गों पर शराब पीकर गाड़ी चलाने पर लगाए गए प्रतिबंध का परिणाम हैं। हाँ, यह सच है सड़कों पर बने हुए गड्ढे इन दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण हैं और शायद यही गड्ढे सड़क पर होने वाली कई दुर्घटनाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ड्राइवरों को अधिक सतर्क किया जा रहा है

हालांकि, यदि 1 अप्रैल से 30 जून के बीच सड़क दुर्घटनाओं का आंकलन किया जाए तो एक बात स्पष्ट हो जाती है, कि हाइवे पर गाड़ी चलाने वाले लोगों में काफी सतर्कता आई है। जैसा की पहले ही बताया गया है की सामान अवधि में २०१६ की तुलना में शराब पीकर ड्राइविंग और इससे संबंधित दुर्घटनाओं के मामले में 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। महाराष्ट्र पुलिस ने इसका डेटा भी तैयार किया है जिसमें काफी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि 2016 की अवधि में मामूली दुर्घटनाओं में करीब 21% तक की कमी आई है। बहुत कम ऐसी भी दुर्घटनाएं सामने आईं हैं जिनमें किसी को चोट ही नहीं लगी है।

लंबी अवधि के प्रभाव को आंकना

महाराष्ट्र के संयुक्त पुलिस अधिकारी (यातायात) अमितेश कुमार ने कहा है, अभी यह तय करना बहुत जल्दबाजी होगी कि राजमार्ग पर शराब पीकर ड्राइविंग करने पर लगे प्रतिबंध का क्या असर होगा और क्या यह लंबे समय तक बरकरार रहेगा। हालांकि उन्होंने एक तथ्य यह भी कहा है कि दुर्घटनाएं कम हो रही हैं, जो कि एक सकारात्मक प्रभाव है। कुमार ने यह भी कहा है कि इस मामले में पुलिस ने सकारात्मक तरीके से हस्तक्षेप किया है और वाहन चालकों ने भी पूरी तरह इसे सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान किया है। मोटर चालकों ने ड्राइविंग करने से पहले शराब पीने से परहेज को लेकर अपनी सकारात्मक भूमिका निभाई है।

पुलिस द्वारा की गई पहल

अमितेश कुमार ने कहा है कि राज्य पुलिस ने इस संबंध में अपनी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहाँ पर होटल में “एल्को-बूथ” की स्थापना की गई हैं ताकि लोग गाड़ी चलाने से पहले खून में शराब के स्तर को मापने में सक्षम हो सकें। इस विशेष पहल ने वास्तव में अब तक के उचित क्रियान्वयन और प्रतिबंध के निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, जो ड्राइविंग और सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण करता है, ने कहा है कि शराब प्रतिबंध केवल एकमात्र कारण नहीं हैं।

वास्तविक परिदृश्य क्या है?

इस सवाल के जवाब पर अधिकारी का कहना है कि नशे में ड्राइविंग कम करने के ज्यादातर मामलों में जहाँ गिरावट देखी जा रही है, वहाँ कस्बों और शहरों में राज्य राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या कम है। इस अधिकारी ने यह भी बताया है कि किसी भी मामले में सामान्य सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या की तुलना में राजमार्गों पर दुर्घटनाएं कम हुई थी। संयोग से, जैसा कि इस अधिकारी द्वारा बताया गया है, अभी भी राज्य में ऐसे ढाबे हैं जो लोगों (ड्राइवरों) को शराब उपलब्ध करवा रहे हैं। आबकारी विभाग में लोग कह रहे हैं कि भविष्य में शराब पर और अधिक कठोर प्रतिबंध लगाया जाएगा और इसमें भोजनालयों पर छापा मारने और अवैध शराब के अन्य स्रोतों को बंद या रोकने को भी शामिल किया जाएगा। उम्मीद की जाती है कि इससे इस तरह के मामलों को कम करने में आसानी होगी।

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