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आईडीएफसी बैंक – बैंकिंग उद्योग में एक नया खिलाड़ी

June 13, 2017


idfc-bankइंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कंपनी (आईडीएफसी बैंक – बैंकिंग उद्योग में एक नया खिलाड़ी) एक वित्तीय कंपनी है, जोकि बुनियादी ढांचा परियोजनाएँ, परिसंपत्ति प्रबंधन और निवेश बैंकिंग के लिए वित्त और सलाहकार सेवाएँ प्रदान करती है। कंपनी ने अब अपने उद्यम, आईडीएफसी बैंक के साथ बैंकिंग उद्योग में प्रवेश किया है।

अनुज्ञप्ति

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रैल 2014 में 25 बैंकिंग उम्मीदवारों के बीच दो संस्थाओं को मंजूरी दी थी। आईडीएफसी बैंक – बैंकिंग उद्योग में एक नया खिलाड़ी, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में से एक थी, जिसे लाइसेंस प्राप्त हुआ। फर्म ने 23 जुलाई 2015 को, आरबीआई से बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त किया था।

प्रमोचन

बैंक ने 1 अक्टूबर 2015 से अपना परिचालन शुरू किया, जो अब भारत में 91 वां वाणिज्यिक बैंक बन गया। यह एक दशक बाद बैंकिंग क्षेत्र में दूसरा प्रवेशक है। आईडीएफसी ने दिल्ली, मध्य प्रदेश और मुंबई में 23 शाखाएँ और साथ में मध्य प्रदेश के 3 जिलों में 15 शाखाएँ स्थापित करने की शुरुआत की।

विशेषताएँ

  • बैंक पाँच वर्षों में भारत बैंकिंग के माध्यम से 15,000 करोड़ रुपये का कारोबार करने की योजना बना रही है।
  • निजी और व्यावसायिक बैंकिंग, जो खुदरा, छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) और स्वयंरोजगार पेशेवरों पर केंद्रित है, जनवरी 2016 से इसका परिचालन शुरू कर देंगे।
  • बैंक का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में मौजूदा 400 कॉर्पोरेट ग्राहकों से 15 मिलियन ग्राहक बढ़ाने की उम्मीद में है।
  • बैंक का दूसरा लक्ष्य 10-15% शुद्ध लाभ वृद्धि हासिल करना है और भारत में शाखाएँ खोलने के बजाय ग्राहक अधिग्रहण के लिए प्रौद्योगिकी पर निर्भर रहना होगा।

बैंकिंग अनुभाग

बैंक ने खुद को बैंकिंग के चार अलग-अलग हिस्सों में विभाजित किया हैः

भारत बैंकिंगः बैंकिंग के इस अनुभाग का उद्देश्य एक समय में एक जिले की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदलना है। यह वित्तीय सेवाएँ प्रदान करती है जो अद्वितीय और नवीन है और ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी परिवारों की जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरा करती हैं, ताकि उन्हें अपनी आजीविका में अग्रिम रूप से सहायता मिल सके।

पर्सनल बैंकिंगः व्यक्तिगत बैंकिंग ग्राहकों की आवश्यकताओं को सही समय पर और सही जगह पर पूरा करती है। बैंक ग्राहकों की व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए एक त्वरित और सुसंगत सेवा देती है।

व्यवसायिक बैंकिंगः व्यापारिक बैंकिंग का लक्ष्य ग्राहकों के सभी व्यवसाय की आवश्यकताओं को पूरा करना है। इस अनुभाग में दी गई सेवाएँ – कैश मैनेजमेंट सर्विसेज, बिजनेस डेबिट कार्ड, बैंकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट और ट्रेड एंड फॉरेक्स सेवाओं में शामिल हैं।

वाणिज्यिक और थोक बैंकिंगः यह बैंकिंग विभाग कॉर्पोरेटों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों, सरकार, वित्तीय संस्थानों, ज्ञान केंद्रों और एसएमई और उद्यमियों के लिए काम करता है।

ब्याज दर

  • बचत खाते पर 1 करोड़ रूपये की सीमा पर ब्याज दर 4% तक और 1 करोड़ रूपये से ऊपर 6% है।
  • आईडीएफसी 9.50% की आधार दर 1 अक्टूबर 2015 से लागू करेगा।
  • 1 करोड़ से कम की जमा पर ब्याज की दर 7 दिनों से 10 वर्ष की अवधि से भिन्न होती है। ब्याज दर 4% से लेकर 8.25% तक है।
  • वरिष्ठ नागरिकों को पेश की गई ब्याज दर से अतिरिक्त 0.50% ब्याज की पेश की जाती है।

डीमर्जर

आईडीएफसी लिमिटेड ने 1 अक्टूबर 2015 को अपने बैंक उद्यम, आईडीएफसी बैंक को डिमर्ज कर दिया। हालांकि, 5 अक्टूबर 2015 को डिमर्जर की रिकॉर्ड तिथि तय की गई थी। कंपनी ने अपने शेयरधारकों द्वारा आयोजित समतुल्य शेयर के लिए बैंक में एक-एक शेयर जारी किया था। डिमर्जर के बाद, आईडीएफसी अब फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के जरिए बैंकिंग उद्यम में 53% हिस्सेदारी रखती है, एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी होल्डिंग कंपनी शेष हिस्सेदारी आईडीएफसी के निवेशकों के साथ है।

दिल्ली में शुरू हुई आईडीएफसी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 19 अक्टूबर 2015 को दिल्ली में आईडीएफसी बैंक का उद्घाटन किया। उद्घाटन के दौरान, प्रधानमंत्री ने कहा, कि बैंक का मुख्य उद्देश्य गाँवों में बाहरी उद्यम को लाना है। उन्होंने कहा, कि गाँव भारत के विकास के लिए, एक महान केंद्र है। उन्होंने यह भी कहा, कि बैंकिंग क्षेत्रों में इन दिनों में परिवर्तन देखा जा रहा है, क्योंकि मोबाइल बैंकिंग का उपयोग ज्यादातर लेन-देन के लिए किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा, कि मैने बैंकों में शीर्ष अधिकारियों की नियुक्ति में सुधार लाने का फैसला किया है क्योंकि इससे दक्षता में सुधार होगा।

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