ग्रीष्मकालीन महीनों के लिए आहार कार्यक्रम
April 25, 2017
by admin
ग्रीष्मकाल फिर से बदला लेने आ गया है। भारत में कई जगहों पर गर्मी तेजी से बढ़ रही है, जहाँ पहले से ही खतरनाक 40 + डिग्री तापमान क्षेत्र को छूने लगा है और यह केवल अप्रैल का अंत है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हमें अपने शरीर को ठीक तरह से रखने लिए, नियंत्रित आहार का सेवन करके आंतरिक रूप से ठंडा रख सकते है। एयर कंडीशनर और पंखे केवल बाहरी राहत देते हैं। गर्मियों में पैदा होने वाली बीमारियों से दूर रहने और शरीर को ठंडा रखने के लिए भोजन के संबन्ध में, कुछ सरल नियमों का पालन करने की आवश्यकता होती है।
इस गर्मी में आहार कार्यक्रम के लिए क्या करें और क्या न करें।
निम्नलिखित आहार का सेवन करने से बचें
- तले हुए भोजन और जंक फूड से दूर रहें। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में तेल की सामग्री आपकी त्वचा को तैलीय कर देगी, जिससे असुविधा होगी, इसके अतिरिक्त नकारात्मकता बढ़ाती हैं जैसे भोजन विषाक्तता के कारण अपच।
- ग्रीष्मकालीन महीनों की गर्मी के दौरान लाल मांस खाने से परहेज करें। इस समय शरीर को मांस की उच्च प्रोटीन सामग्री को पचाने बहुत ही कठिन हो जाता है। ग्रीष्मकाल के दौरान मछली खाने से भी बचें क्योंकि इससे फूड प्वॉयजनिंग की संभावना मांस के बराबर या उससे अधिक होती है।
- ठंडा दूध क्षणिक राहत दे सकता है, लेकिन पीने के बाद दूध शरीर को गर्म कर देता है। वहीं दुख की बात है कि डेयरी उत्पादों जैसे मक्खन तथा आइसक्रीम के साथ भी यही स्थिति है। इन डेयरी उत्पादों द्वारा उत्पन्न गर्मी पेट की समस्याओं का कारण बनती है।
- सभी फलों के राजा आम, जिसकी हम लगभग पूरे वर्ष प्रतीक्षा करते हैं, अगर हम इसका अधिक प्रयोग करते हैं, तो यह बहुत अच्छा नहीं है। एक दिन में अधिकतम दो आम खाए जा सकते हैं, लेकिन अगर कोई भी बहुत अधिक खपत करता है, तो यह दस्त को बढ़ावा देगा क्योंकि फल में काफी गर्मी होती है। आमों का अधिक सेवन त्वचा पर फोड़े पनपने का कारण भी हैं।
- मसालेदार खाद्य पदार्थों से दूर रहें। मसाले को पचाने में मुश्किल होती है गर्मी के दौरान इसी कारण शरीर को जबरदस्त असुविधा होती है।
- गेहूं भी आंतरिक रूप से बहुत गर्मी उत्पन्न करता है। ग्रीष्मकाल में गेहूं से बने व्यंजन रोटी और पराठे के साथ, ब्राउन ब्रेड से भी बचें। यदि यह मुख्य आहार का हिस्सा है, तो सेवन की मात्रा को कम करना बेहतर होगा।
- पनीर से बने सॉस अधिक कैलोरी वाले होते हैं और गर्मी के महीनों के दौरान किसी को भी आलस महसूस करा सकते हैं।
- चाय और कॉफी जैसे गर्म पेय से भी बचें। प्रतिदिन अधिकतम 2 कप के सेवन तक ही सीमित करें। अपनी इच्छाशक्ति पर नियंत्रण रखें तथा उठकर कॉफी मशीन तक जाके कॉफी न पिएं, क्योंकि इससे सेहत पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
- शीत पेय जैसे बियर, वाइन कूलर, कोल्ड कॉफी, ऊर्जा पेय, पैक फलों के रस और सोडा में अधिक चीनी सामग्री होती है जो ग्रीष्मकालीन महीनों की गर्मी के लिए अनुकूल नहीं होती है।
- सूखे फल, हालांकि बहुत स्वस्थरपक हैं, उनमें बहुत अधिक गर्मी सामग्री है। गर्मियों के दौरान उनके सेवन को कम करें।
आहार में शामिल होना चाहिए
- मकई एंटी ऑक्सिडेंट्स जैसे ल्यूटिन और ज़ेक्सैतिन में समृद्ध है नियमित रूप से आहार में मकई को शामिल करना ताजा और ऊर्जावान होगा।
- टमाटर में कैरोटीनॉयड होते हैं, जो सूर्य से जलने से प्राकृतिक संरक्षण देता है।
- तरबूज शरीर को ठंडा और दिन की गर्मी के दौरान ताज़ा रखता है।