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रामनाथ कोविंद बनाम मीरा कुमार – राष्ट्रपति चुनाव 2017 के लिए दौड़

June 30, 2017


meira-kumar-vs-ramnath-kovind-hindi2017 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए दौड़ आरम्भ हो गई है। राष्ट्रपति भवन पर आधिपत्य प्राप्त करने के लिए दोनों पक्षों के बीच युद्ध प्रारूप तैयार हो गया हैं और इस बार हमारे पास दो दलित नेता हैं जो विजय रेखा (राष्ट्रपति पद को प्राप्त करने) की ओर दौड़ रहे हैं। एनडीए सरकार ने रामनाथ कोविंद को नामित किया है, जबकि विपक्षी यूपीए सरकार मीरा कुमार का समर्थन कर रही है। इस दौड़ के परिणाम के बारे में एक चीज तो पक्की हो गई है, वह यह है कि इस बार हमारे पास भारत के राष्ट्रपति के रूप में दलित होगा।

नीचे दोनों नामांकित व्यक्तियों के कुछ तथ्य और आंकड़े दिए गए हैं।

रामनाथ कोविंद बनाम मीरा कुमार

पालन-पोषण

श्री कोविंद 71 वर्षीय हैं। इनका जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ, यह दलित जाति से हैं। बहुत ही कमजोर शुरूआत के साथ यह निम्न मध्य वर्ग के एक किसान के पुत्र हैं।

श्रीमती कुमार 72 वर्षीय हैं। यह बिहार की रहने वाली हैं, हालांकि यह भी दलित है। भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की बेटी होने के कारण इनकी परवरिश अधिक समृद्ध परिवार में हुई है।

कैरियर

श्री कोविंद ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में 16 साल तक वकील के रूप में अपनी सेवा प्रदान की है।

श्रीमती कुमार भी पेशे से एक वकील हैं, इन्होंने राजनीति में शामिल होने से पहले एक दशक तक भारतीय विदेश सेवा में एक राजनयिक के रूप में सेवा की थी। उन्हें स्पेन, मॉरीशस और यूनाइटेड किंगडम में राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया था।

राजनीतिक कैरियर

1991 में, श्री कोविंद जी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। तब से वह पार्टी के एक निष्ठावान सदस्य हैं।

1984 में श्रीमती कुमार कांग्रेस में शामिल हुई और उत्तर प्रदेश के बिजनौर शहर से चुनाव लड़ने के लिए अपने आईएफएस (भारतीय विदेश सेवा) पद से इस्तीफा दे दिया।

विशिष्ट काम और स्थिति

श्री रामनाथ कोविंद को राज्यसभा सदस्य के रूप में अपनी नियुक्ति के दौरान, न्यूयॉर्क में भारत का प्रतिनिधित्व करने के साथ-साथ अक्टूबर 2002 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने का सम्मान मिला है। उन्होंने भाजपा दलित मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है। श्री कोविंद अखिल भारतीय कोली समाज के अध्यक्ष के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी थे। श्री कोविंद ने डॉ. बी आर अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्य के साथ भारतीय प्रबंधन संस्थान कोलकाता के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य के रूप में अपनी सेवा प्रदान की है।

श्रीमती कुमार द्वारा आयोजित सबसे विशेष स्थिति लोकसभा के अध्यक्ष की थी। वह 2009-2014 में लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष थीं। इसके अलावा वह पाँच बार संसद की सदस्य रह चुकी हैं। श्रीमती कुमार ने मनमोहन सिंह की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार के सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री के रूप में सेवा की है।

आखिरी नियुक्ति कब हुई

श्री कोविंद 2015 से 2017 तक बिहार के राज्यपाल थे, जब उन्हें एनडीए सरकार ने भारत के राष्ट्रपति पद के लिए नामांकित किया तो उन्होंने राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया।

श्री कुमार द्वारा आयोजित अंतिम विशिष्ट स्थिति 2009 से 2014 तक लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष थी। वह निर्विरोध निर्वाचित हुईं थी।

समर्थन

श्री रामनाथ कोविंद को एनडीए सरकार द्वारा नामित किया गया है,  इस तरह भाजपा और उनकी सहयोगी शिवसेना और पीडीपी का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। जेडी (यू) और एआईएडीएमके के दोनों गुटों ने भी समर्थन का वादा किया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी भाजपा के उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला किया है।

श्रीमती मीरा कुमार को यूपीए सरकार ने नामित किया है उनको कांग्रेस, वाम, एनसीपी, राजद और द्रमुक सहित 17 दलों का समर्थन मिला है।

प्रतिस्पर्धा

जबकि भाजपा और उनके सहयोगियों का मतदान 60 प्रतिशत से अधिक है,  विपक्षी चुनाव करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने इस बात को दोहराया है, कि यह चुनाव जाति व्यवस्था पर आधारित एक प्रतिस्पर्धा नहीं है। श्रीमती मीरा कुमार ने इस बात का हवाला दिया है, यह प्रतिस्पर्धा विचारधाराओं की लड़ाई होगी।

हमारा राष्ट्रपति कौन होगा

वर्तमान में श्री रामनाथ कोविंद बहुमत से समर्थन के साथ बेहतर स्थान पर हैं, चुनाव होने में अब दो सप्ताह से ज्यादा का समय नहीं है। राजनीतिक  दुनिया में समय के किसी भी बिंदु पर परिवर्तन की हवा बह सकती है। राजनीतिक लहर किसी भी समय बदल सकती हैं। कोई भी जीत सकता है राजनीतिक परिदृश्य और विभिन्न पार्टियों द्वारा विस्तारित समर्थन का खुलासा इस राष्ट्रपति चुनाव के विजेता को तय करने पर होगा।