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भारतीय मूल के क्रिकेटर का अन्य देशों में खेलना

July 20, 2017


ऐसा कहा जाता है कि जब आप किसी भी देश में जाएंगे, तो वहाँ आपको भारतीय मिलेगें। औपनिवेशिक युग के दौरान वेस्ट इंडीज और दक्षिण अफ्रीका के द्वीपों में हमारे देश के कई लोग ब्रिटिशों की कालोनियों में मजदूरों के रूप में काम करने के लिए गए और फिर वे कभी वापस नहीं आ पाए। आजादी के बाद कई भारतीय बेहतर अवसरों की तलाश में इंग्लैण्ड, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी गए। अब इन लोगों के बच्चे विभिन्न खेलों में इन देशों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जिसमें क्रिकेट प्रमुख है, क्योंकि यह भारतीयों का पसंदीदा खेल है। आज की चर्चा उन क्रिकेटरों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो भारत की तरफ से खेल सकते थे, लेकिन उनके पूर्वजों के विदेश में रहने के कारण वे भारत से नहीं खेल सके।

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भारतीय मूल के क्रिकेटर

इस समय जितिन पटेल तस्मान सागर के आसपास खेलने वाले भारतीय मूल के एकमात्र क्रिकेटर हैं। वह एक सक्षम ऑफ स्पिनर हैं, और भरोसेमंद बल्लेबाज भी हैं। मेरी निजी राय यह है कि इनको वर्तमान भारतीय टीम में शामिल करना बेहद फायदेमंद होगा, लेकिन मै पक्का नहीं कह सकता हूँ कि वह ग्यारह लोगों की टीम में शामिल किए जाएंगें।

यहाँ ऑस्ट्रेलिया के गुरिंदर संधू और न्यूजीलैंड के ईश सोधी इस क्षेत्र के कुछ बढ़िया खिलाड़ी हैं, जो भारत की तरफ से खिलाए जा सकते हैं। संधू एक शानदार तेज गेंदबाज हैं, यह एक दिन आस्ट्रेलिया की हरे रंग की टोपी के हकदार होगें। वह अपनी उछाल भरी गेंदबाजी और अनुशासन के साथ, भारतीय तेज गेंदबाजी का स्तर उपर उठाने में काफी मददगार हो सकते हैं। सोधी एक अच्छे लेग स्पिनर है, जिनका डैनियल विटोरी के बाद दूसरे नंबर पर नाम आता है और जो उनकी गुणवत्ता को दर्शाता है।

इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के क्रिकेटर

हाशिम अमला संभवत: अफ्रीका की टीम के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से एक हैं। यह दक्षिण अफ्रीका की टीम के एक टिकाउ सज्जन और सबसे अच्छे पेशेवर बल्लेबाज हैं। जहाँ तक ​​इनके प्रदर्शन की बात की जाए, तो हाशिम अमला अफ्रीकन क्रिकेट टीम में एक बड़ी उपलब्धि हैं। उनके प्रदर्शन से डिविलियर्स, स्मिथ, ड्यूमिनी और जैक कालिस जैसे बल्लेबाज भी प्रभावित हैं। उनके प्रदर्शन को देखकर मुझे नहीं लगता कि भारतीय टीम के सचिन और द्रविड़ को याद करने की जरूरत महसूस करेगें, लेकिन यह केवल एक इच्छा है

वर्तमान में इंग्लैंड में रवी बोपारा, समित पटेल और मोंटी पनेसर भारतीय मूल के सबसे प्रमुख क्रिकेटरों में से एक हैं। बोपारा एक प्रमुख बल्लेबाज हैं, जो एक अच्छे गेंदबाज के साथ-साथ एक बहुत अच्छे क्षेत्ररक्षक भी हैं। बोपारा कम से कम सीमित ओवरों के प्रारूप में भारतीय टीम के लिए एक धन की गठरी साबित हो सकते हैं। समित पटेल एक विस्फोटक बल्लेबाज है और साथ में बाएं हाथ के घातक स्पिनर भी हैं, जो एक दिवसीय मैचों में टीम के साथ अपने आलराउंडर कौशल का प्रदर्शन करते हैं। पनेसर, जिन्होंने पिछले साल स्वान के साथ भागीदारी करके भारत को हराया था, वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और एक समय यह इंग्लैंड के मुख्य स्पिनरों में से एक थे। वह टेस्ट टीम में ओझा और अश्विन के लिए अपनी स्किडी बालिंग स्टाइल के कारण बहुत मददगार साबित हो सकते हैं।

वेस्टइंडीज में भारतीय मूल के क्रिकेटर

वेस्ट इंडीज में हमेशा से भारतीय मूल के अच्छे क्रिकेटरों की एक लंबी सूची रही है। जिनमें सनी रामदीन, रोहन कन्हाई और एल्विन कालीचरण जैसे महानता वाले अन्य लोग शामिल हैं, जिन्होंने विंडीज क्रिकेट संस्करणों में शानदार योगदान दिया है। यह जानकर आपको खुशी होगी कि विंडीज की वर्तमान टीम में 5 खिलाड़ी शिवनारायण चंद्रपॉल, रामनरेश सरवन, रवी रामपॉल, देवेंद्र बिशु और सुनील नारायण खेल रहे हैं।

भारतीय मूल के चंद्रपॉल एक प्रसिद्ध खिलाड़ी हैं और ब्रॉयन लारा जैसे कैरेबियाई द्वीप समूह में प्रेरणादायक क्रिकेटरों में से एक हैं। गुयाना के सरवन एक फुर्तीले बल्लेबाज हैं, जिन्हें एक महानतम बल्लेबाज के रूप में जाना जाता था, लेकिन वह अधिक समय तक विंडीज के लिए नहीं खेले थे। फिर भी, वह विंडीज के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक हैं। त्रिनिदाद के तेज गेंदबाज रामपॉल भी वेस्टइंडीज के प्रमुख खिलाड़ी रहे हैं और उन्होंने इस टीम के लिए कई वर्षों तक तेज गेंदबाजी कर अपना योगदान दिया है।

सुनील नारायण एकदिवसीय और टी-20 क्रिकेट में एक उच्च श्रेणी के ऑफ स्पिनर माने जाते हैं और दुनिया भर में होने वाले टी -20 लीग में इनकी अत्यधिक मांग की जाती है। देवेंद्र बिशु एक बहुत अच्छे लेग स्पिनर हैं, जिन्होंने 2011 के विश्व कप में वेस्टइंडीज की टीम की ओर से अपने खेल की शुरुआत की थी, लेकिन बिशु वर्तमान में टीम से बाहर हैं, जो मेरे लिए थोड़े आश्चर्य की बात है।

मुझे विश्वास है कि एक दिन पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका को छोड़कर दुनिया में हर क्रिकेट टीम में कम से कम दो भारतीय मूल के खिलाड़ी होंगे और वह सभी भारतीयों के साथ-साथ मेरे लिए एक गौरव का दिन होगा।