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दिल्ली में इस्कॉन मंदिर

May 25, 2017


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इस्कॉन मंदिर, दिल्ली: भगवान कृष्ण का विशाल मन्दिर

स्थान: हरि कृष्णा हिल, कैलाश के पूर्व, नई दिल्ली

दिल्ली में इस्कॉन मंदिर का निर्माण, इंटरनेशनल सोसायटी “कृष्ण चेतना” द्वारा वर्ष 1998 में कराया गया था जो संबंधित 40 मंदिरों में से एक है। कैलाश पर्वत के पूर्व में, हरि कृष्णा हिल पर स्थित राजधानी में सबसे भव्य मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है, और इस मंदिर को श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। इस्कॉन मंदिर हरे राम हरे कृष्ण पंथ के भक्तों द्वारा श्रीमद भगवत गीता के संदेश को पहुँचाने के लिए बनाया गया था। दिल्ली में इस्कॉन मंदिर भारत के सबसे बड़े मंदिर में से एक है वही भक्तों के ठहरने को लिए भवन इत्यादि भी हैं। मंदिर की भव्यता वास्तुकला की एक अच्छी मिसाल भी है, यह “शिखर” 90 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। मंदिर के अंदर के भागों को रूसी कलाकारों के द्वारा भव्यता से सजाया गया है। जिसमें राधा-कृष्ण और सीता-राम जैसे देवी-देवताओं के जीवन के विभिन्न चरणों को दर्शाया गया है। मुख्य कक्ष में राधा-कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की उत्कृष्ट मूर्तियों का सुव्यवस्थित किया गया है। हॉल की इसी दिव्य दृष्टि से आगंतुकों को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान होता है। जैसे ही आप मंदिर के अन्दर प्रवेश करते है, चैन और सुकून की भावना आपकी आत्मा को शुद्ध करती है। वही अंदर का माहौल खुशियों और रोशनी से भव्य हो जाता है। पुजारियों और भक्तों ने अपने हाथों को हवा में उठाकर “हरे राम हरे कृष्ण” के मंत्र से मंदिर को मंत्रमुग्ध कर दिय़ा है। आरती के समय मंदिर जाना सबसे अच्छा होता है, जब मंत्र और मधुर ढोल की ताल सुनकर, अपनी इंद्रियों को वश में करके आप परमेश्वर के करीब आ जाते हैं।

समय: मुख्य कक्ष बंद होने का समय सुबह 1 बजे से शाम 4 बजे तक और रात्रि 9:00 से सुबह 04:30 तक है।

प्रार्थना का समय

सुबह की प्रार्थना का समय: सुबह 4.30 बजे, से सुबह 7.15 बजे एवं सुबह 7.45 बजे तक रहता है।

शाम की प्रार्थना का समय: शाम 12.30 बजे से, शाम 7.00 बजे एवं शाम 7.45 बजे तक रहता है।

फोटोग्राफ़ी: के लिए मंदिर प्राधिकरणों की आवश्यक अनुमति ले।

त्वरित सुझाव:

  • मंदिर में किसी भी जाति और धर्म के लोग सच्चे दिल से आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
  • मुख्य कक्ष के अलावा मंदिर परिसर में संग्रहालय भी उपलब्ध है, जो मल्टीमीडिया शो के द्वारा दिखाये गये रामायण, महाभारत और भगवद्गीता के छंदों को समझाता हैं।
  • मंदिर में स्वयं का एक पुस्तकालय भी है जिसमें आध्यात्मिक पुस्तकों का एक विशाल भण्डार है।
  • मंदिर के अन्दर गोविंदा के रेस्तरां में बिना प्याज और लहसुन का भोजन मिलता है।

जन्माष्टमी के समय भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है, भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का यह त्यैहार वास्तव में आनन्दकर है। हजारों भक्त मंदिर में इकट्ठा होकर, भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को अनेक भक्ति और उल्लास के साथ मनाते हैं।