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सोमवार को, इसरो ने जीएसएलवी मार्क -3 उपग्रह को सफलतापूर्वक किया लॉंच

June 7, 2017


isro-launches-most-powerful-rocket-hindiसोमवार, 5 जून 2017 को अब तक के सबसे विशाल रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट वाहन मार्क -3 (जीएसएलवी-मार्क-3) के सफल प्रक्षेपण ने भारत और इसरो के लिये सफलता की कहानी दोहराई है। बाहुबली उपनाम वाले इस रॉकेट की लम्बाई 140 फुट और वजन 640 टन है, जो आंध्र प्रदेश के तट पर स्थित श्रीहरिकोटा के दक्षिण-पूर्वी बैरियर द्वीप से, 5 बजकर 28 मिनट पर लॉन्च किया गया। इसे आधुनिक संचार उपग्रह जीएसएटी -19 की कक्षा में स्थापित किया गया है।

भारतीय अंतरिक्ष के अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों को आशा है, कि भविष्य में उपग्रह अंतरिक्ष यात्रियों को भी अंतरिक्ष में ले जाएगा, यह उपलब्धि अभी तक केवल रूस, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका ने हासिल की है।

इसरो के निर्देशक ए.एस.किरण कुमार ने कहा है कि जीएसएलवी मार्क -3 भारत से लॉन्च होने वाला सबसे बड़ा रॉकेट और सैटेलाइट है। यह एक स्वदेशी इंजन द्वारा संचालित है, जो तरल ऑक्सीजन और तरल हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन के रूप में करता है।

इस रॉकेट का निर्माण, वर्ष 2002 से किया जा रहा है, वैज्ञानिकों ने इस परियोजना पर लगातार काम किया है, वास्तव में, यह इसरो के लिए, एक ऐतिहासिक दिन था। कुमार ने कहा, भविष्य में, भारत ने अपने भारी संचार उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए, फ्रांसीसी रॉकेट का उपयोग किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीटर पर ट्वीट करके इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। “जीएसएलवी – मार्क -3 डी 1 / जीएसएटी -19 मिशन, भारत को अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण वाहन और उपग्रह क्षमता के करीब ले जाता है। राष्ट्र को उन पर गर्व है!” ऐसा उन्होने अपने ट्वीट में कहा।

रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के साथ, भारत ने इस साल फरवरी में 104 उपग्रहों के रिकॉर्ड तोड़ने वाले पेलोड के साथ, ध्रुवीय उपग्रह लॉन्च वाहन (पीएसएलवी) का शुभारंभ किया। भारत वाणिज्यिक लाँच कारोबार में अपने हितों को और विस्तारित करने की उम्मीद कर रहा है, जो इस प्रकार देश की अर्थव्यवस्था की दिशा में मदद करेगा। जीएसएलवी मार्क -3, 300 अरब डॉलर के व्यावसायिक उपग्रह प्रक्षेपण से व्यवसाय में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा को बनाए रखने में मदद करेगा।

जीएसएलवी मार्क -3

जीएसएलवी मार्क -3 जो कि एक देशी इंजन है, जो क्रायोजेनिक इंजन प्रौद्योगिकी पर चलता है, इसके विकास के साथ भारत अब अमेरिका, यूरोपियन स्पेस एजेंसी, रूस, चीन और जापान सहित देशों के अभिजात वर्ग क्लब में शामिल है। इस रॉकेट में निम्नलिखित विशेषताएं हैः

  • बाहुबली नामक 140 फीट लम्बे रॉकेट का वजन 640 टन है।
  • नया रॉकेट भारी उपग्रहों के परिवहन के लिए सक्षम हो जाएगा।
  • सोमवार के प्रक्षेपण में लगभग 7,000 पाउंड जीएसएटी -19 उपग्रह, जिसका जीवनकाल 10 साल का है और इसका उद्देशय दूरसंचार एवं इंटरनेट सेवाओं में सुधार लाना है।
  • जीएसएलवी मार्क -3 लॉन्च ने, सीई 20 स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन की दक्षता को भी साबित कर दिया है, जो पिछली जीएसएलवी मार्क -2 की तुलना में पेलोड को दोगुना करने के लिए, कोशिशों और क्षमता को दोगुना करने की तकनीक की डिजाइन पूरी तरह से नई है, जो कि केवल 2 टन का पेलोड ले सकता है।
  • इसरो ने 300 करोड़ रुपये की लागत वाला रॉकेट भी भारत के पहले मानव मिशन के लिए, इस स्थित पर तैयार कर दिया है।

भविष्य

इस वित्तीय वर्ष में, भारत ने अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के बजट को 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ा दिया है। इसरो अब नासा के साथ मिलकर मंगल ग्रह पर एक दूसरे मिशन की और संभावित शुक्र ऑर्बिटर की योजना बना रहा है।