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‘ जग्गा जासूस ’ मूवी रिव्यू – संगीत से भरी लेकिन मसाला नहीं

July 15, 2017


jagga-jasoosकलाकार रणबीर कपूर, कैटरीना कैफ, शाश्वत चटर्जी, सौरभ शुक्ला, नवाजुद्दीन सिद्दीकी

निर्देशक – अनुराग बासु

निर्माता – सिद्धार्थ रॉय कपूर, अनुराग बासु, रणबीर कपूर

पटकथा – अनुराग बासु

संगीत – प्रीतम

छायांकन – रवि वर्मन

संपादित – अकीव अली

प्रोडक्शन हाउस – डिज्नी इंडिया, पिक्चर शुरु एंटरटेनमेंट, इशाना मूवीज

अवधि – 3 घंटे

सेंसर रेटिंग – अ/व

भारत में संगीत

बॉलीवुड के मानक किराये को देखते हुए हम उन्हें मसाला मूवी कह सकते हैं, सभी भारतीय फिल्में गानों से भरी होती हैं कुछ फिल्मों में तो गानों की संख्या 10 तक होती है। हालांकि बहुत सी शैलियों में गीत और डांस के अलावा और भी बहुत कुछ शामिल होता है। कुछ ऐसे भी गाने हैं जिनका वाकई में कुछ मतलब निकलता है जैसे – ला ला लैंड, मम्मा मिया! द किंग एण्ड आई, फिडलर ऑन द रूफ। हम जग्गा जासूस द्वारा बॉलीवुड को दिये गये संगीत के बारे में चर्चा करते हैं। अनुराग बासु की नई झलक बहुत ही शानदार है, इन्होंने ऐसा काम किया है कि इसे देखकर किसी की भी आँखें खुल जायें लेकिन यह एक बहुत ही हिम्मत वाला काम है।

अगर सीधे-सीधे बात करें तो जग्गा जासूस ऐसी फिल्म नहीं है कि इसे बच्चों की फिल्म समझा जाये, यह एक ऐसी फिल्म है जो वयस्कता से कम या वयस्कों के लिए बहुत काम की है जो अपने गुजरे हुए कल को याद करते हैं। जग्गा जासूस जैसे फिल्में बहुत कम ही रिलीज होती हैं, अनुराग बासु इस फिल्म में काम करने के लिए तैयार नहीं थे। यह फिल्म हमें उन शानदार कहानियों और फिल्मों की याद दिलाती है जिसको देखकर शायद हम लोग बड़े हुए हैं जैसे – गोपी गयने बाघा बयने, फेलुदा (प्रोदेष मित्रा), टिनटिन और शेरलॉक होम्स आदि। दार्जिलिंग में स्थित बोर्डिंग स्कूल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा अपनाया गया बर्मा से उत्तरी भारत में जाने वाला गुप्त रास्ता, हमारे दिलों को अपनी ओर खींचता है।

जग्गा जासूस एक हकलाने वाले लड़के जग्गा की कहानी है जिसको एक प्रोफेसर द्वारा गोद ले लिया गया है। बादल बगची उर्फ टूटी फूटी (जो इस फिल्म में जग्गा के पिता का किरदार निभा रहे हैं) जग्गा को हकलाने से बातचीत करने में होने वाली परेशानियों से निपटने के लिए उसको अपनी बात गाने के माध्यम से व्यक्त करने को कहते हैं। लेकिन बगची एक भयानक साजिश में शामिल हैं इसलिये वह जग्गा को एक बोर्डिंग स्कूल में भेज देते हैं। लंबा समय ऐसे बीत जाता है जैसे लंबी कहानी छोटी हो गई है, जग्गा बड़ा होकर जासूस बन जाता है और एक रिपोर्टर श्रुति सेन गुप्त की मदद के अपने लापता पिता को ढूँढने निकल पड़ता है। पृष्ठभूमि में दुनिया में हो रहे भयंकर शस्त्र व्यापार और पुरुलिया हथियार ड्राप घटना 1995 को चित्रित किया गया है।

संगीत

कुछ समय से बॉलीवुड से निकलने वाले घुटन भरे गानों के बीच प्रीतम के गानों को एक नया जीवन मिला है। गाने बहुत ही अप्रत्याशित और तीव्र हैं और आपको जग्गा जासूस की दुनिया से दूर ले जाने में काफी सक्षम हैं। फिल्म मे 6 मुख्य गाने हैं तथा संवाद में 20 से अधिक गाने उपयोग किये गये हैं जो इस फिल्म को संगीतमय बनाते हैं। गीत, ज्यादातर अमिताभ भट्टाचार्य के द्वारा दिये गये बकवास छंद के रूप में शुरू हो सकते हैं, लेकिन इनका महत्व बहुत ही गहराई तक ले जाता है जो उन दृश्यों को दर्शाता है जिसको गाने में दिखाया गया है। ‘खाना खाके’ गीत इसका उपयुक्त उदाहरण है। अगर आप मानते हैं कि फिल्म में बहुत ज्यादा गीत होना सही है तो जग्गा जासूस बहुत सही है। यह फिल्म इस बात की गवाही देती है कि भारतीय संगीतकरों को दुःख भरे, रोमांटिक और बेतुके गीतों में परिपक्व होने और उनको गाने के लिए केवल एक अवसर की जरूरत होती है।

अच्छा क्या है? बुरा क्या है?

जग्गा जासूस की यूएसपी तीन चींजों पर निर्भर करती है –

प्रेरणादायक शाश्वत चटर्जी और कैटरीना कैफ स्क्रीन पर रणबीर को समर्थन देने के लिए बहुत अच्छी तरह से योग्य हैं।

फिल्म में संपादन की कमी और सुस्ती एक प्रमुख दोष है। सेकेंड हाफ के बाद जग्गा अपने दर्शकों को रोके रखने में विफल रहता है। फिल्म में क्रियेटिविटी बनाये रखने के लिए निर्देशक ने कथानक की लय को खो दिया है। क्रियेटिव निर्देशक इस फिल्म के लिए एक खतरा है।

  1. रणबीर कपूर – हम इस बात पर यकीन करते हैं कि रणबीर कपूर भारत के जिम कैरी हैं। बॉलीवुड की शैली में होने वाले डांस और रोमांस के कारण रणबीर को कैरी का नया संस्करण कहा जा सकता है। जग्गा जासूस के रूप में रणबीर बहुत ही सरल और ऊर्जा से भरे हुए हैं। एक अभिनेता के रूप में रणबीर अपने दादा राज कपूर की यादों को ताजा करते हैं।
  2. रवि वर्मन – रवि वर्मन सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफर हैं। दार्जिलिंग के सुंदर दृश्य, थाईलैंड के समुद्र तट और मोरक्को के रेगिस्तान में लिये गये शॉट्स अपने शानदार रंगों और स्थानों के साथ स्क्रीन को एक खास आकर्षण प्रदान करते हैं। सपनों की वह दुनिया जिसमें जग्गा की कहानी दिखाई जाती है, फिल्म को जीवंत बनाती है।
  3. अनुराग बासु – निर्देशक की स्वयं की उपजाऊ कल्पना बहुत ही महत्वाकाँक्षी है जो उसकी क्षमता को प्रदर्शित करती है। लेकिन निश्चित रूप से यह एक खतरनाक प्रोजेक्ट था। इसके लिए निर्देशक ने काल्पनिक इनाम कमाया है। मंच पर अपनाई गई अनुकूल तकनीकें निर्देशक के कौशल को बढ़ाती हैं।

दुर्भाग्य से बासु फिल्म को कई स्थानों पर शानदार नहीं बना पाये हैं, हमें इनको अवॉइड (नकार) कर देना चाहिए।

हमारा फैसला

हम जानते हैं कि –

जग्गा जासूस एक अलग श्रेणी की मूवी है।

जग्गा जासूस की शैली संगीतात्मक है जो बॉलीवुड के लिए बहुत ही आवश्यक है।

भारत के अलावा दुनिया भर के किसी भी हिस्से में जग्गा जासूस ‘युवा वयस्क’ दर्शकों के बीच अगला क्रेज हो सकता है।

जग्गा जासूस मूवी का अगला पार्ट आ सकता है।

जग्गा जासूस एक बहुत रचनात्मक फिल्म है, जो सर्वश्रेष्ठ रणबीर कपूर के साथ, शानदार छायांकन और मस्त दृश्य दिखाती है।

वह चीजें जो हम नहीं जानते –

एक्शन से प्यार करने वाले, ग्लैमर के आदी और औसत भारतीय मूवी देखने वाले लोग इस मूवी की पसंद करेंगे।

इसलिए यदि आप मूवी में कुछ खास जैसे स्टार पावर या एक्शन में कुछ और या फिर डायलॉग देखने की चाहत रखते हैं तो यह मूवी आपको निराश कर सकती है।

अगर आप संगीत सुनना पसंद करते हैं, या अगर बच्चों की तरह हैं जो कल्पनीय, फेलूदा जैसी खुफिया या टिनटिन जैसी कहानियाँ पढ़ते हैं, यदि आप भारतीय सिनेमा में एक नई शैली की शुरूआत के गवाह बनने के लिए तैयार हैं और इस ऑडियो विजुअल मूवी को देखने के लिए तैयार हैं  – घर से बाहर निकलें, अपना टिकट खरीदें और जग्गा जासूस देखने जायें।