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मध्य प्रदेश के किसानों की हड़ताल – पुलिस की फायरिंग में 5 किसानों की मौत

June 8, 2017


farmers-strike-at-mandsaur-hindiकुछ दिन पहले, मध्य प्रदेश में, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ की अगुवाई वाले किसानों ने ऋण माफी और दूसरी माँगों को पूरा कराने के लिए, हड़ताल शुरू की थी। 6 जून 2017 दिन मंगलवार को हालात काबू से बाहर हो गये, किसानों के हिंसात्मक रवैया अपनाने से विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। परिणामस्वरूप पुलिस द्वारा की गयी फायरिंग में पाँच किसानों की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए।

जिले के संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया मंदसौर, रतलाम, नीमच और उज्जैन में इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गईं। सरकार ने फायरिंग की न्यायिक जाँच के बाद मृतक के परिवार वालों को 10 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। मध्य प्रदेश के किसानों की हड़ताल – पुलिस की फायरिंग में 5 किसानों की मौत हो गयी।

वहाँ मौजूद लोगों के अनुसार, सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने खेत में उत्पादित फसल को सड़क पर फेंक दिया, पुलिस पर पत्थर फेंके और दर्जनों वाहनों को आग लगा दी। उन्होंने पिपल्या मंडी परश्नाथ चौपाटी क्षेत्र में दुकानें जबरन बंद करा दीं। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए, पहले गैस के गोले छोड़े और जब इससे भी भीड़ नियंत्रित नही हुई, तो उन्होंने फायरिंग कर दी जिसमें 5 किसानों की मौत हो गयी।

राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्षी दलों के मध्य इस घटना के लिये एक दूसरे को दोषी ठहराने में, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को हिंसा के लिये भड़काने में कांग्रेस जिम्मेदार है, जबकि कांग्रेस ने सरकार को दोषी ठहराया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने चौहान के इस्तीफे की माँग करते हुए कहा, कि एक मुख्यमंत्री जो किसान का बेटा होने का दावा करता है, उसके लिए मंदसौर में गोलीबारी की घटना में शामिल होना शर्मनाक है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भड़के हुए किसानों को शांत कराया, माँगों को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाने और आंदोलनकारी किसानों के मुद्दों को हल करने का वादा किया। उन्होंने कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कृषि उत्पाद की खरीद के लिए, 1,000 करोड़ रुपये का एक मूल्य स्थिरीकरण करने के लिए एक निधि की स्थापना की जाएगी।

इस बीच, कांग्रेस और राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने बुधवार को मंदसौर में किसानों की मौत के विरोध में राज्य भर में बंद का आह्वान किया है।

आंदोलन के पीछे कारण

मध्य प्रदेश में किसान 1 जून से निम्नलिखित मुद्दों पर आंदोलन कर रहे हैः

  • वे अपने खेत में बेहतर उपज के लिए, न्यूनतम समर्थन मूल्य की माँग कर रहे हैं।
  • किसान भी ऋण माफी की माँग कर रहे हैं, ताकि वे नए ऋण के लिए आवेदन कर सकें।
  • पिछले साल नबंबर में, नोटबंदी के कारण कृषि क्षेत्र में नकदी का लेन-देन न हो पाने के कारण, किसानों को एक गंभीर झटका लगा था।
  • आरएसएस के साथ संबन्धित, एक संगठन ने भारतीय किसान संघ के आंदोलन को निलंबित करते हुए, कहा कि सरकार ने कुछ माँगों को स्वीकार कर लिया है, जिसमें मंडियों द्वारा 8 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज खरीदा जाएगा और किसानों को आधा भुगतान नकदी के रूप में किया जायेगा और शेष भुगतान उनके बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक स्थानांतरण के माध्यम से भेज दिया जायेगा। लेकिन राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ की अगुवाई में दूसरी माँगें पूरी न हो पाने के कारण किसानों ने कहा, कि आंदोलन जारी रहेगा।

ताजा खबर

  • ताजा रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
  • सुहात्रा पुलिस स्टेशन के एसएचओ श्याम बाबू पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया, अब उन्हें मंदसौर पहुँचा दिया गया है।
  • उज्जैन के चाँदटुकड़ी गाँव में हिंसा फैल गई जिसके कारण वहाँ 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
  • कई किसान अभी भी धरने पर बैठे हुए हैं।
  • देवास जिले के हाटपीपल्या में एक पुलिस स्टेशन के बाहर खड़े वाहनों को आग लगा दी गई थी।
  • इंडिया टुडे के समाचार के अनुसार, कथित रूप से रेलवे लाइन क्षतिग्रस्त होने के बाद रतलाम में रेल सेवाएं बाधित हुईं हैं।
  • मध्य प्रदेश के गृह मंत्रालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को नीमच, मंदसौर, देवास और उज्जैन में अतिरिक्त सुरक्षा बलों के लिए कहा, जहाँ पर हड़ताल चालू थी।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंदसौर में स्थिति की जानकारी दी गई है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने एक बैठक में प्रमुख मंत्रियों के साथ इस मामले पर चर्चा की।
  • मध्य प्रदेश के मंत्री ए. चिटनीस ने कहा, कि वे किसानों को ऋण पर छूट देने का प्रयास कर रहे हैं, कृषि ऋण समाधान नामक योजना शुरू की जायेगी, आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा, कि कृषि ऋण छूट के विषय पर सावधानी से बातचीत करने की जरूरत है।