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भारतीय इतिहास में प्रमुख बाढ़ घटनाएं

August 21, 2017


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Floot1987 में आजादी के बाद की सबसे घातक बाढ़ बिहार में आयी। बिहार परंपरागत रूप से बाढ़ के मामले में संवेदनशील राज्य है और इसलिए इसे आसानी से कोई भी बाढ़ के लिए सबसे खराब राज्य कह सकता है। इस घातक बाढ़ ने 5,302 जानवरों के साथ 1399 लोगों का जीवन ले लिया। इस बाढ़ ने राज्य के 30 जिलों, 382 ब्लॉक, 6,112 पंचायतों और 24,518 गांवों में 29 लाख लोगों को नकारात्मक तरीके से प्रभावित किया।

यह अनुमान लगाया गया है कि बाढ़ ने करीब 68 बिलियन अमरीकी डॉलर की फसलों को नष्ट कर दिया है। प्राधिकरणों का अनुमान है कि सार्वजनिक संपत्ति का लगभग नुकसान 68 मिलियन के आसपास होगा। कोसी नदी, पूर्वी भारतीय राज्य के मध्य में बह रही मुख्य नदी है, जो बाढ़ के मामले में मुख्य दोषी है। इसे पारंपरिक रूप से बिहार में दुख के रूप में जाना जाता है।

2012 की असम बाढ़

भारत में 1998 के बाद यह सबसे खराब बाढ़ के रूप में वर्णित है। नौ जिलों के 1744 गांवों में कम से कम 120 लोग मारे गए और हर किसी के जीवन पर भी प्रभाव पड़ा। 70,000 हेक्टेयर फसल योग्य जमीन भी प्रभावित हुई थी। उपलब्ध रिपोर्टों के मुताबिक, कम से कम पांच लाख लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा। इस बाढ़ से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भी अत्यधिक प्रभावित हुआ था जिसमें 540 जानवरों की मौत बाढ़ के कारण हो गई थी।

इस बाढ़ में 13 ग्रेट इंडियन राइनो (गैंडों) भी शामिल हैं, गैंडों की मौत के कारण इस बाढ़ का प्रभाव बढ़ गया था क्योकि किसी ने भी ऐसा होने की उम्मीद नहीं की थी। बाढ़ आने का कारण ब्रह्मपुत्र और सहायक नदियों में अधिक पानी का बहाव था और यह बाढ़ उस साल भारी मॉनसून बारिश के कारण आयी थी।

महाराष्ट्र में 2005 की बाढ़

महाराष्ट्र की बाढ़ में लगभग 1094 लोग मारे गए थे। यह बाढ़ जुलाई में गुजरात की बाढ़ के कारण आयी थी, जो सिर्फ एक महीने पहले ही गुजरात में आयी थी। बाढ़ में नुकसान या क्षतिग्रस्त 52 लोकल ट्रेनें, 37,000 ऑटो, 4,000 टैक्सियाँ, 900 बेस्ट बसें और 10,000 ट्रक थे। इस बाढ़ की वित्तीय लागत अनुमानित 550 करोड़ रुपये थी।

2013 में उत्तराखंड की बाढ़

2013 में इस उत्तर भारत के राज्य के नौ जिलों में बड़े पैमाने पर भारी वर्षा के साथ भारी भूस्खलन हुआ, जिससे राज्य भर में बाढ़ का पानी फैल गया। केदारनाथ मंदिर, जो देश में भगवान शिव के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है और चार धाम यात्रा के चार धामों में से एक है, इस बाढ़ में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। इस बाढ़ में लगभग 1000 लोग मारे गए थे। यह आम तौर पर भारत को प्रभावित करने वाली सबसे भयानक बाढ़ में से एक मानी जाती है।

2012 की हिमालयी बाढ़

3 अगस्त 2012 में हिमालय में तेज बहाव की बाढ़ आधी रात के दौरान आयी। इस बाढ़ से भारत के सभी हिमालयी राज्य प्रभावित हुए थे। बादल फटने की वजह से 31 लोगों की मौत हो गई और पूरे क्षेत्र में बाढ़ और भूस्खलन भी आ गया।

1998 की भयानक असम की बाढ़

1950 में आयी बाढ़ के बाद से 1998 में आयी बाढ़ को असम राज्य के लिए सबसे घातक माना जाता है। बाढ़ आने से तीन महीने पहले नदी के किनारे लगे 6 प्रमुख गेजो (नदी में पानी का स्तर मापने का पैमाने) पर पहले ही देखा गया था कि नदी खतरे के निशान पर बह रही थी। बाढ़ ने राज्य के सभी 21 जिलों को प्रभावित किया और 5,300 गांवों में रह रहे 47 लाख लोगों को प्रभावित किया। बाढ़ ने 9.7 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके अलावा, बाढ़ ने 30,900 घरों को बहा दिया या क्षतिग्रस्त कर दिया और इस बाढ़ में 156 लोगों ने अपनी जान गवाई। इस भयानक बाढ़ ने 7814 मवेशियों की जान ले ली।

 

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