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सिंह का अर्थ और इतिहास

July 3, 2017


एक सिक्ख परिवार से संबंधित होने की वजह से मेरे बेटे का उपनाम सिंह है। एक दिन मैं उसको सिंह का अर्थ बता रही थी और हम इस दिन की चर्चा को किसी अन्य सामान्य चर्चा के रूप में लेकर भूल गए। लेकिन मेरे बेटे ने इस बात को किसी तरह से अपने दिमाग में याद रखा और कुछ दिनों के बाद, स्कूल से वापस आते वक्त, अपने पिता से कहा कि हमारे घर पर एक शेर है। मेरे पति ने स्पष्ट करने के लिए उससे कहा कि हमारे पास तो एक कुत्ता भी नहीं है, तो वह शेर के बारे में क्या बात कर रहा था। वह बोला कि वह शेर था, क्योंकि उसका नाम सिंह था। मुझे बहुत ही मासूसियत के साथ देखते हुए उसने पूरी कहानी फिर से सुनाई। सिंह शब्द संस्कृत भाषा के सिन्हा शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ शेर है। सिंह शब्द उपनाम और मध्य नाम दोनों के रूप में प्रयोग किया जाता है।

सिक्खों के अनुसार, 1699 में बैशाखी के शुभ दिन पर गुरु गोविंद सिंह ने अपने अनुयायियों को उनके नामों के बाद सिंह शब्द का उपयोग करने का निर्देश दिया था। उनका उद्देश्य एक बहादुर समुदाय का निर्माण करना था जिससे वह उस समय समाज में मौजूद सभी बाधाओं के खिलाफ लड़ सकें। यह सच है कि सिक्खों का समुदाय बहुत ही बहादुर है।

लेकिन सिर्फ सिख धर्म के लोग ही अपने नाम के मध्य या उपनाम के रूप में सिंह शब्द का उपयोग नहीं करते हैं बल्कि, बहुत सारे उत्तर भारतीय हिंदुओं ने सिंह शब्द को एक सामान्य उपनाम के रूप में प्रयोग करना शुरू कर दिया था। ‘सिंह’ शब्द दक्षिण एशिया में विशेष रूप से भारत, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश में अन्य जातियों और धर्मों का एक सामान्यताः मध्य नाम है। कुछ दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में जैसे सिंगापुर, मलेशिया और वियतनाम के लोग एक परिवार के नाम के रूप में ‘सिंह’ शब्द का उपयोग करते हैं।

यह साक्ष्य मिला है कि दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में रुद्ररामन के सभी दो पुत्रों में पहले, शक राजा का नाम ‘सिम्हा’ के साथ समाप्त होता था। भारतीय राजपूतों ने अपने उपनाम “वर्मन” के बजाय ‘सिंह’ का प्रयोग शुरू किया। इसलिए भारत में योद्धाओं ने उपनाम में सिंह शब्द इस्तेमाल से साहस को दर्शाया है। इसके बाद कई गैर राजपूत वैवाहिक जनजातियों ने राजपूतों की नकल करने के लिए सिंह शब्द को उपनाम के रूप में उपयोग करना शुरू कर दिया था। 19वीं शताब्दी में, बंगाल अदालतों के कई चपरासीयों ने अपने नामों के आगे सिंह शब्द का इस्तेमाल किया था।

इसे क्षेत्र और समुदाय के आधार पर सिंह के कई रूपों जैसे सिम्हा, सिन्ह, सिन्हजी, सिंघम इत्यादि का उपयोग किया जाता है, लेकिन उन सब का मतलब शेर या बहादुर दिल है।