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मिशन इंद्रधनुष- पूर्ण टीकाकरण

June 29, 2017


mission-indradhanush-full-immunization-for-all-children25 दिसंबर 2014 को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने देश में बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल को मजबूत करने के लिए एक कार्यक्रम शुरु किया इसे ‘मिशन इंद्रधनुष’ के रूप में नामित किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इसे गुड गवर्नेंस डे के अवसर पर लॉन्च किया था। यह स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न स्वर्गीय मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधान मंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन मनाने के लिए निर्धारित किया गया था।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य

2020 तक देश के सभी बच्चों के लिए पूर्ण प्रतिरक्षण कवरेज प्राप्त करना।

पृष्ठभूमि

यह बताया गया है कि 2009 और 2013 के बीच की अवधि के दौरान, देश में प्रतिरक्षण कवरेज 61% से बढ़कर 65% हो गया। इसका मतलब है कि पिछले सात वर्षों के दौरान प्रत्येक वर्ष में केवल 1% प्रतिरक्षण की वृद्धि हुई थी। जो कि बहुत कम है। जनसंख्या में वृद्धि को देखते हुए हर साल यह भी देखा गया है कि कुछ बीमारियां हैं जो देश में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत का मुख्य कारण बन गई हैं जबकि इन्हें टीकाकरण से रोका जा सकता है। टीकाकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की गई थी। पूर्ण कवरेज का लक्ष्य वर्ष 2020 तक हासिल किया जा रहा है।

रोगों को कवर किया जाना चाहिए

इस योजना का उद्देश्य निम्न सात रोगों के लिए प्रतिरक्षण प्रदान करना है, जिन्हें टीकाकरण से रोका जा सकता है-

  • काली खांसी
  • हेपेटाइटिस बी
  • डिप्थीरिया
  • टिटेनस
  • पोलियो
  • क्षय (टी.बी.)
  • खसरा

प्रक्रिया

इंद्रधनुष के सात रंगों की तरह मिशन इंद्रधनुष में सात रोग शामिल हैं। यह कार्यक्रम उन बच्चों को टीकाकरण प्रदान करेगा जिन्हें या तो इन सात रोगों में से किसी का टीका न लगा हो या कुछ का टीका लगा हो। ये बीमारियां खतरनाक हैं और कई बच्चों के जीवन को प्रभावित करती हैं लेकिन टीकाकरण से इनको रोका जा सकता है। 2020 तक सभी बच्चों को कवर करने और पूर्ण प्रतिरक्षण प्राप्त करने की योजना है। इस कार्यक्रम को चरण-वार लागू किया जाएगा, सबसे पहले इसके अन्तर्गत उन जिलों को कवर किया जाएगा जहाँ बच्चों में से आधे बच्चों को बिल्कुल भी टीके न लगे हों। जनवरी और जून 2015 के बीच, मिशन के तहत चार विशेष टीकाकरण अभियान आयोजित किए जाएंगे। लगभग 201 जिलों को पहले चरण में शामिल किया जाएगा और दूसरे चरण में 297 को लक्षित किया जाएगा।

निम्न जिलों को कवर किया जाना चाहिए

पहले चरण में मिशन में शामिल किए जाने वाले देश में 201 उच्च ध्यान वाले जिलों की पहचान की गई है। इस चरण में अधिकांश जिलों में से करीब 82 जिले बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्य के हैं। इन चार राज्यों में कम से कम 25% बच्चों को कोई भी टीका लहीं लगाया गया है या आंशिक रूप से टीका लगाया गया है।

मिशन के दिशा निर्देश

  • सभी जिलों में शामिल होने के लिए टीकाकरण की गति में सुधार किया जाएगा।
  • यह टीकाकरण अभियान “कैच-अप” अभियान पर जोर देगा जिसका अर्थ है कि इसके अन्तर्गत उन सभी बच्चों को टीकाकरण के लिए लक्षित किया जाएगा जो टीकाकरण कराना भूल गए थे या छूट गए थे।
  • पल्स पोलियो कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन में इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रिया इस मिशन में लागू होगी।
  • केंदीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, रोटरी, इंटरनेशनल और अन्य दाता भागीदारों द्वारा इंद्रधनुष मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिए सहयोग दिया जायेगा।