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मुबारकां ” मूवी रिव्यू – बधाई हो। एक क्लिचिड कॉमेडी

July 29, 2017


mubarkan

  • कलाकार – अनिल कपूर, अर्जुन कपूर, इलियाना डि क्रूज़, अथिया शेट्टी, रत्ना पाठक शाह, पवन मल्होत्रा, नेहा शर्मा
  • निर्देशक – अनीस बज़्मी
  • निर्माता – अश्विन वर्दे, मुराद खेतानी, सुविदेश शिंगड़े
  • लेखक – राजेश चावला
  • पटकथा – बलविंदर सिंह जंजुआ, गुरमीत सिंह
  • कहानी – बलविंदर सिंह जंजुआ, रूपिंदर चहल
  • बैकग्राउंड स्कोर – अमर मोहिले
  • छायांकन – हिम्मान धमीजा
  • संपादित – रामेश्वर एस. भगत
  • प्रोडक्शन हाउस – सिने वन स्टूडियो, मार्क प्रोडक्शन
  • अवधि – 2 घंटे 36 मिनट

फिल्म मुबारकां अनीस बज़्मी द्वारा पहले से निर्देशित कई कॉमेडियन फिल्मों जैसे नो एंट्री, वेलकम, सिंह इज किंग, नो प्रॉब्लम, रेडी और वेलकम बैक की चालबाजियों पर आधारित है। हालांकि, फिल्म का हास्य इतना अच्छा नहीं है कि यह किसी को सीट से चिपकाये रखे या उथल-पुथल कर दे।

कथानक

फिल्म की कहानी दो जुड़वा भाइयों करण और चरण (अर्जुन कपूर के डबल रोल) की है, इनके माता-पिता एक कार एक्सीडेंट में मारे जाते हैं, इसके बाद दोनों भाइयों की परवरिश उनकी बुआ जीतो (रत्ना पाठक शाह) और मामा बल्देव (पवन मल्होत्रा) द्वारा की जाती है। करण की परवरिश लंदन में होती है इसलिए वह एक स्टाइलिश यंग ब्वॉय के रूप में उभरता है, वहीं चरण की परवरिश चंडीगढ़ में होने के कारण वह एक शमीर्ले और सीधे-साधे लड़के के रूप में सामने आता है। इनके चाचा करतार सिंह उस समय इनकी प्रेम कहानी में शामिल हो जाते हैं जब करण की गर्लफ्रेंड स्वीटी गिल (इलियाना डि क्रूज़) की शादी चरण से तय हो जाती है। शुरू में ऐसा माना जाता था कि चरण, नफीसा कुरैशी (नेहा शर्मा) से प्यार करता था और बाद में पाया गया कि वह बिंकल (अथिया शेट्टी) के चक्कर में पड़ जाता है, बिंकल की मंगनी करण से हो जाती है इस प्रकार चरण का यह चक्कर भी खत्म हो जाता है। बाद में नफीसा भी बिंकल के भाई मनप्रीत (करन कुंद्रा) के प्यार में पागल हो जाती है। दोनों भाइयों के शादी करने के लिए लंदन के गुरूद्वारे में जाने से पहले, जहाँ पर सब परिवारी जन इकट्ठा होते हैं वहाँ पर कमियों से भरी कॉमेडी की हालत और बदतर हो जाती है, लेकिन इस गड़बड़ी को चाचा करतार के द्वारा सुलझा लिया जाता है।

प्रदर्शन

मुबारकां एक हल्की कॉमेडी वाली फिल्म है और इस प्रकार के अभिनय को करने के लिए किसी भी कलाकार ने उम्मीद से ज्यादा कलाकरी नहीं की है।

अर्जुन कपूर ने दो जुड़वा भाइयों करण और चरण का किरदार बखूबी निभाया है। ऐसा लगता है कि उन्होंने अपने डांस स्किल को परफेक्ट मान लिया है। यद्यपि यहाँ पर कुछ भी खास नहीं है। इलियाना डी क्रूज़ एक मस्त जवान लड़की का किरदार निभा रहीं हैं जिसे बहुत पसंद किया गया है, जबकि अथिया शेट्टी का प्रदर्शन औसतन है।

करतार सिंह का किरदार निभा रहे अनिल कपूर फिल्म मुबारकां के दो प्रमुख आकर्षणों में से एक हैं। एक मजाकिया सरदार का किरदार हमारे लिए नया नहीं है, लेकिन यह एक ऐसा किरदार है जिसे हम सब बहुत पसंद करते हैं।

रत्ना पाठक शाह इस फिल्म की एक अन्य आकर्षण हैं। पिछले शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म लिपिस्टिक अंडर माय बुर्का में रत्ना पाठक शाह द्वारा निभाया गया बुआ जी का किरदार हम लोग अभी तक भुला नहीं पाये हैं, अब इस फिल्म में लंदन में रहने वाली पंजाबी महिला “जीतो” के रूप में इनका किरदार बहुत आश्चर्यजनक है। यह एक अभिनेत्री के रूप में रत्ना पाठक की बहुमुखी प्रतिभा को प्रमाणित करता है। पवन मल्होत्रा ने भी अपनी छोटी और रसदार भूमिका में यह साबित कर दिया कि वह एक अनुभवी अभिनेता हैं।

म्यूजिक रिव्यू

फिल्म के गानों पर औसत लागत लगाई गई है। हालांकि, ऐसा लगता है कि इस फिल्म का एक गाना “द गॉगल साँग” साल भर डिस्को और डांस पार्टियों मे छाया रहेगा। मुबारकां का म्यूजिक पंजाबी थीम पर आधारित कॉमेडी फिल्म के लिए ज्यादा रोमांचक नहीं है।

  • गाना – “मुबारकां (टाइटल ट्रैक)”

संगीत – ऋषि रिच, आर.डी. बर्मन

गायक – जुगी डी, यश नार्वेकर, बादशाह, सुक्रति कक्कर,

  • गाना – “द गॉगल साँग”

संगीत – अमाल मलिक

गायक – सोनू निगम, अरमान मलिक, अमाल मलिक, तुलसी कुमार, नीती मोहन

  • गाना – “जट्ट जगुआर”

संगीत – अमाल मलिक

गायक – विशाल ददलानी, नवराज हंस, अपेक्षा दांडेकर

नीचे दिये गये तीन गाने गोरोव रोशिन द्वारा कंपोज किये गये हैं।

  • गाना – “दिल धड़के लाउडर लाउडर”

गायक – रिंकू गिरी, पूजा बसनेट

  • गाना – “हांथों में थे हांथ”

गायक –  पापन, अल्तमश फरीदी, अदिति सिंह शर्मा, अर्पिता मुखर्जी

  • गाना – “हवा हवा”

गायक – मीका सिंह, प्रकृति कक्कर

लिरिक (बोल) – कुमार

म्यूजिक राइट्स – टी-सीरीज

अच्छा क्या है, बुरा क्या है?

मुबारकां सही समय पर हँसाते हुए एक कॉमेडी फिल्म है। छायांकन बहुत ही श्रेष्ठ है, हिम्मान धमीजा लंदन और चंडीगढ़ दोनों के ही शानदार दृश्यों को कैप्चर करने में अच्छी तरह सफल रहे। अनिल कपूर, रत्ना पाठक शाह और पवन मल्होत्रा ने स्क्रीन पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। फिल्म में इस प्रकार की सभी चीजें बहुत अच्छी हैं।

फिल्म में उपयोग की गई हास्य सामग्री सुस्त है और कथानक वैसा ही है जैसी उम्मीद की जा रही थी। आप 156 मिनट की इस फिल्म को हंसी खुशी देख सकते है लेकिन मुबारकां निश्चित रूप से उन फिल्मों में से एक नहीं है जो आपको घर तक याद रहती हैं। फिल्म काफी खिंची (लंबी) हुई है और आपको कई बार घड़ी पर नजर डालते हुए देखा जा सकता है।

हमारा फैसला

मुबारकां ऐसी फिल्म नहीं है कि इसके लिए सिनेमा घर में अपना समय और पैसा खर्च किया जाये। यह आपके लिए मूर्खतापूर्ण कॉमेडी और आँख मिचौली के अलावा और कुछ नहीं है। यह उन कॉमेडियन फिल्मों में से एक है जिसे आप घर के टेलीविजन पर परिवारी जनों (बच्चे, बूढ़े और जवान) तथा पालतू जानवरों के साथ देख सकते हैं। अगर आप अनिल कपूर के बहुत बड़े फैन हैं और सिल्वर स्क्रीन पर अर्जुन कपूर के डबल रोल (डबल डोज) से प्यार करते हैं तो “मुबारकां!” (मुबारक हो)

रेटिंग – 2 और 1/2