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भारतीय उपराष्ट्रपति का चुनाव – नायडू वर्सेज गाँधी

August 8, 2017


Vice-president-Elections-2017-hindiएक पखवाड़े से भी कम समय पहले 25 जुलाई 2017 को रामनाथ नाथ कोविंद ने भारत के 14 वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था। देश के प्रमुख (राष्ट्रपति) के बाद, यह देश के लिए उस व्यक्ति का चुनाव करने का समय है जो देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद (उपराष्ट्रपति का पद) धारण करेगा। इस पद के अधिकारी (भारत के उप राष्ट्रपति) मोहम्मद हामिद अंसारी को पहली बार अगस्त 2007 में तथा दूसरी बार 2012 में चुना (निर्वाचित किया) गया था। वह इस माह इस पद से रिटायर (सेवानिवृत्त) होने जा रहे हैं। उपराष्ट्रपति के चुनाव में दो उम्मीदवरों पहले पूर्व केन्द्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू जो कि भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए पार्टी के उम्मीदवार हैं तथा दूसरे पश्चिमी बंगाल के पूर्व गवर्नर गोपालकृष्ण गाँधी (महात्मा गाँधी के पौत्र) जो कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए पार्टी से समर्थित हैं, के बीच मुकालबा है।

भारत के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान चल रहा है। उम्मीद की जा रही है कि आज शाम 5 बजे तक मतदान हो जायेगा और आज ही शाम 7 बजे तक चुनाव के नतीजे भी आ जायेगें।

उम्मीदवारों पर एक नजर

भारत के उपराष्ट्रपति का पद बहुत ही महत्वपूर्ण है। उपराष्ट्रपति राज्य सभा परिषद का पदेन अध्यक्ष होता है। उपराष्ट्रपति अपनी भूमिका में राज्य सभा में होने वाले वाद विवादों की अध्यक्षता करता है और एक निर्णायक फैसला देकर किसी भी गतिरोध या मसले को सुलझाता है। विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के अलावा यदि किसी कारण से भारत का राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने में असमर्थ हो जाता है तो वह उपाध्यक्ष के रूप में देश के राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वाहन करने की स्थिति रखता है।

भारत में उपराष्ट्रपति की भूमिका के महत्व को ध्यान में रखते हुए उन्हें इसका पालन करने की आवश्यकता होगी, आइए उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों पर एक नजर डालते हैं।

  • 1949 में जन्मे वेंकैया नायडू ने विशाखापत्तनम से अंतर्राष्ट्रीय कानून और राजनीति की पढ़ाई की और बहुत छोटी उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हो गए। एक युवक के रूप में नायडू आपातकाल के कड़े विरोधी थे। भाजपा में शामिल होने के बाद नायडू पार्टी की रैंको पर तरक्की करते चले गये और एक कुशल वक्ता के रूप में जानने लगे। जब कभी एनडीए ने केन्द्र में सरकार बनाई तब उन्होंने कई प्रमुख मंत्री पदों पर अपनी सेवा प्रदान की। 2004 से नायडू शहरी विकास, आवासन और शहरी गरीबी उन्मूलन तथा संसदीय मामलों के मंत्री रहे हैं। 2016 में उन्होंने अतिरिक्त सूचना और प्रसारण मंत्रालय का पद संभाला तथा उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए सभी मंत्री पदों से त्याद पत्र दे दिया था। वर्तमान उपराष्ट्रपति के चुनाव में नायडू को एनडीए, एआईएडीएमके, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है।
  • गोपालकृष्ण गाँधी एक प्रसिद्ध परिवार से संबंध रखते हैं। महात्मा गाँधी उनके दादा तथा सी राजगोपालाचारी उनके नाना थे। गाँधी अंग्रेजी साहित्य में मास्टर की डिग्री हासिल करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में शामिल हो गए और श्रीलंका, लेसोथो और दक्षिण अफ्रीका के लिए भारत के उच्चायुक्त तथा नॉर्वे और आइसलैंड के लिए भारत के राजदूत का पद भार संभाला। उन्होंने 2004 से 2009 तक पश्चिम बंगाल के गवर्नर के रूप में भी अपनी सेवा प्रदान की। वर्तमान में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में वह कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए समर्थित उम्मीदवार हैं।

उपराष्ट्रपति का चुनाव

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 66(1) भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंध रखता है। उपराष्ट्रपति, निर्वाचन मंडली द्वारा डाले गए वोटों की अधिकता पर चुनाव जीतता है। इस निर्वाचन मंडली में दोनों राज्य सभा तथा लोक सभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य शामिल होते हैं। वर्तमान में एनडीए के पास लोकसभा में 337 सदस्य तथा राज्य सभा में 80 सदस्य हैं। यह निर्वाचक मंडली के 790 वोटों में से 417 वोट रखता है। इसमें 67 एआईएडीएमके, टीआरएस और वाईएसआर सांसदों के वोट शामिल करने पर 484 वोट हो जाते हैं, जो नायडू के बहुमत से जीतने के लिए काफी हैं। कुछ समय पहले जेडी (यू) के नेता नीतीश कुमार ने एनडीए को समर्थन देने का वायदा किया है, फिर भी वह और उनके सांसद अपनी प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए गाँधी को वोट कर सकते हैं। इसके बावजूद, वेंकैया नायडू भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए दो उम्मीदवारों में से सबसे मजबूत लग रहे हैं और उनकी विजय एक पूर्ववर्ती निष्कर्ष लगती है।

उपराष्ट्रपति चुनाव 2017 के नतीजे आज शाम 7 बजे तक आ जायेंगे और 11 अगस्त 2017 को नये उपराष्ट्रपति के अपने कार्यभार संभालने की संभावना है।

 

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