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निर्मला सीतारमन: भारत की प्रथम पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री

September 7, 2017


भारत की प्रथम पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री,

निर्मला सीतारमन को 3 सितंबर 2017 को भारत के रक्षा मंत्री के रूप में चुना गया था। इसके साथ ही वह पूर्णकालिक आधार पर रक्षा मंत्री के पद को ग्रहण करने वाली पहली महिला हैं। इससे पहले, इंदिरा गांधी भी इस पद का कार्यभार संभाल चुकी हैं। इंदिरा गांधी ने दो मौकों पर अस्थायी रूप से वर्ष 1975 और वर्ष 1980 से वर्ष 1982 तक, इस मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। वास्तव में, इस महत्वपूर्ण पद के अधिग्रहणकर्ता निर्मला सीतारमन के बारे में कई सवाल उठाए गए और प्रमुख बीजेपी नेताओं के साथ-साथ प्रमुख सरकारी अधिकारियों ने भी अपनी राय व्यक्त की कि रक्षा मंत्री के पद के लिए, उन्हें ही क्यों चुना गया।

उनके अनुसार, देश की रक्षा करना एक जटिल काम होता है और इसमें संवेदनशील मुद्दों पर सटीक और सावधानीपूर्वक निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। निर्मला सीतारमन प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) में एक कार्यकारी के रूप में भी सेवा कर चुकी हैं और वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पूर्व छात्रा हैं तथा सीतारमन, मनोहर पर्रिकर (पूर्व रक्षा मंत्री) के स्थान पर चयनित की गई हैं।

मंत्रिमंडल के फेरबदल से भी बड़ा आश्चर्य

वास्तव में, मोदी द्वारा सीतारमन का चयन, हाल ही में हुए मंत्रिमंडल के फेरबदलों की अपेक्षा कई लोगों द्वारा बड़ा आश्चर्य माना गया है। पहले से ही इस दौर में नौ नए मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की है और लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं की अगली पीढ़ी को भारत के विकासकर्ता के रूप में देखते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी कहना है कि इस पार्टी ने मूल रूप से वर्ष 2019 के आगामी संसदीय चुनावों पर नजर रखने के लिए कई तकनीकी विशेषज्ञों को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है। वास्तव में, कई लोगों का यह भी कहना है कि सीतारमन को इस तरह के महत्वपूर्ण पद पर चुनने से मोदी को काफी राजनीतिक फायदा होगा और साथ ही तमिलनाडु और दक्षिणी भारत के अन्य राज्यों में भी अपना वर्चस्व जमाने में वह सफल होंगे। मोदी द्वारा उठाया गया यह कदम वर्ष 2019 के चुनावों में बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है।

महिला शक्ति का उत्थान

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अगुवाई वाली पिछली तीन सरकारों ने हमेशा महिलाओं के हाथों में मंत्रालय की बागडोर सौंपी है, जिन्हें राजनीतिक अभिव्यक्ति में नम्र शक्ति के नजरिए से देखा जाता है। जैसे कि इस पद को सीतारमन के हाथों में सौंपना सकारात्मक कदम कहा जा सकता है। इनको रक्षा मंत्री का पद मिलने के कारण वर्तमान रक्षा मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) में, दो महिलाएं सीतारमन और केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शामिल हो गई है।

सीतारमन का राजनीतिक उत्थान

सीतारमन के लिए व्यक्तिगत और करियर के रूप में यह बहुत बड़ी सफलता को दर्शाता है। सीतारमन ने अपने अच्छे कार्य की वजह से मंत्रिमंडल के कई वरिष्ठ सहयोगियों को पछाड़कर रक्षा मंत्री का पद ग्रहण किया है। रक्षा मंत्री के पद के लिए सीतारमन को चुनने का एक मुख्य कारण यह भी है कि विपक्षियों ने आरोप लगाया था कि भाजपा इस पद की अवहेलना कर रही है। इस तरह से मंत्रिमंडल में होने वाले फेरबदल ने, एक पत्थर से दो पक्षियों, एक राजनीतिक संदेश भेजने और दूसरा प्रशासनिक प्रणाली को उकसाने वालों को समाप्त कर दिया है।

सीतारमन के बारे में कुछ तथ्य

सीतारमन का जन्म मंदिरों के शहर तमिलनाडु के मदुरई में हुआ था और अपनी हाल ही की सफलता के साथ, अब वह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी रक्षा बल का नेतृत्व करेंगी। भारतीय सशस्त्र बलों के विभिन्न पदों पर लगभग 1.4 मिलियन सैनिक काम कर रहे हैं। सीतारमन ने त्रिची के सीतालक्ष्मी रामास्वामी महाविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक किया। स्नातकोत्तर के बाद उन्होंने अर्थशास्त्र से एम. फिल की पढ़ाई पूरी की और सीतारमन का एम. फिल में पसंदीदा विषय इंडो-यूरोपीयन व्यापार था।