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आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कथित रूप से मिला प्लास्टिक चावल

June 9, 2017


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क्या हैदराबाद में बेचे जा रहे हैं प्लास्टिक के चावल? तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोगों के बीच मंगलवार को एक बड़े पैमाने पर चौका देने वाला सच सामने आया, जिसमें कुछ किराने की दुकानों पर प्लास्टिक के चावल बेचे जाने की अफवाहें थीं। प्लास्टिक के चावल दिखाने वाले कई वीडियो में गुंथे हुए चावलों को गेंद की तरह उछलते हुए दिखाया गया था जो पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कथित रूप से मिला प्लास्टिक चावल, इस प्रकार इस अफवाह को फैलाया जा रहा था।

पिछले हफ्ते चारमीनार क्षेत्र, यूसुफगुड़ा, सरुरनगर और मीरपेट से शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जहाँ लोग दावा कर रहे हैं कि कई आउटलेट प्लास्टिक से बने चावल बेचे जा रहे हैं जो स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर रहे हैं।

शिकायतकर्ताओं में से एक, मीरपेट के अशोक का दावा है कि जब उन्होंने चावल खाने के समय निवाला बनाया तब वह गेंद की तरह उछल रहा था उन्होंने आगे बताया कि उनके परिवार का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से ऐसा खराब हुआ, जिसका इलाज डॉक्टर भी नहीं कर सके। अपने बयान में अशोक ने कहा, कि उनके बच्चों को दस्त आने लगे, सभी को पाचन संबंधी समस्याएं थीं। इन चावलों के लगातार इस्तेमाल से दवाएं और चिकित्सक इलाज करने में सक्षम नहीं हो पा रहे थे। अब हमें पता चला है कि ऐसा क्यों हो रहा था।

एक अन्य शिकायतकर्ता, तेलगू टीवी पत्रकार इंद्रसेन ने बिरयानी के चावलों में इसी तरह की समस्या को पाया, उन्होंने बिरयानी सरुरनगर में खरीदी थी। वे कहते हैं कि जब उन्होंने शिकायत की, तो उनके साथ मार-पीट की गई।

शिकायतों के आधार पर, सिविल आपूर्ति विभाग ने मीरपेट की दुकानों पर छापा मारा और नमूने जब्त किए, जो अब जांच के लिए भेजे गए हैं। खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने उन क्षेत्रों में किराने की विभिन्न दुकानों से स्टॉक जब्त कर लिया है, जहाँ से शिकायतें प्राप्त हुईं और उन्हें प्रयोगशाला में गुणात्मक विश्लेषण के लिए भेज दिया गया है।

प्लास्टिक के चावलों का वायरल वीडियो

वायरल वीडियो बनाने वाले विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के नागरिक हैं, वीडियो में पॉलिथीन को मशीनों में डाला जाता था, फिर उसमें से नूडल जैसी प्लास्टिक की छड़ें निकलती हैं। इन छड़ो को ठीक चावल की तहर काटा गया था। वास्तव में यह भी दावा है कि प्लास्टिक के चावल चीन की बाजार से आए हैं।

हालांकि, वीडियो में दिखाए गए तथ्यो की पुष्टि नहीं हुई है। वास्तव में, कुछ विशेषज्ञों ने बताया है कि चावल की कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम से कम है, जबकि प्लास्टिक के चावलों की कीमत 70 रुपये प्रति किलोग्राम है। वे कहते हैं कि चावलों को प्लास्टिक से बदलने के लिये किसी के पास कोई तर्क नहीं है, जो कि अधिक महंगे हैं।

इसके अलावा, विशेष रूप से भारत में यह कल्पना भी नहीं की जा सकती, जो दुनिया में चावल का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके अलावा, प्लास्टिक के चावलों का उत्पादन करने के लिये बहुत अधिक लागत और बड़ी विनिर्माण इकाइयों की स्थापना करना होगा, जो बिल्कुल अवैध है। इसका मतलब यह है कि प्लास्टिक के चावल वास्तविक चावल से अधिक महंगे और जोखिम भरे होंगे। हालांकि, अतीत में कुछ खबरें सुनने को मिलीं हैं जिनमें प्लास्टिक से बने अंडे और डिटर्जेंट पाउडर से बने दूध की पुष्टी हुई है और चीन की गोभियाँ भी प्लास्टिक से ही बनी हुई हैं। इसलिए, यह प्रयोगशाला की टेस्ट रिपोर्टों का इंतजार करने का समय है ताकि यह पुष्टि हो सके कि भारत में प्लास्टिक के चावल हैं या नहीं हैं।

जबकि कथित “प्लास्टिक चावल” के परीक्षण के परिणाम की प्रतीक्षा की जा रही है, सिविल आपूर्ति के आयुक्त सी.वी. आनंद ने बुधवार को नागरिकों को अफवाहों में विश्वास न करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण विश्लेषक उस्मान मोहिउद्दीन, महाप्रबंधक जयदेव सिंह और सहायक प्रबंधक (तकनीकी) जी. सैदुलू की उपस्थित में नागरिक आपूर्ति प्रयोगशाला में शिकायतकर्ता से एकत्रित किए गए नमूनों के प्रारंभिक परीक्षण के परिणामों से पता चला है कि ये चावल “प्लास्टिक चावल” नहीं हैं। इस बीच, चावल के नमूनों को राज्य रासायनिक प्रयोगशालाओं को रासायनिक परीक्षणों के लिए भेजा गया है ताकि इनका पूरी तरह से परीक्षण किया जा सके।

अंतिम परिणाम सामने आने तक प्रवर्तन और सतर्कता अधिकारियों को चेतावनी दी गई है। अधिकारियों को एक वीडियो के माध्यम से दिशानिर्देश दिए गए हैं ताकि वह प्लास्टिक चावल का पता लगाने में सक्षम हों, वह पता लगा सकें कि क्या यह सामान्य चावल के साथ मिलाया गया है, संदेह होने पर जांच करने की सलाह दी गई है।

इस तरह का मामला सामने आने पर – चावल में प्लास्टिक का पता लगाने के लिए-

  • तेल परीक्षणः एक चम्मच तेल में कच्चे चावलों को गर्म करें। यदि चावल पिघलते हैं और बर्तन की तली पर चिपकते हैं, तो यह चिंता का कारण है ऐसा तब होता है जब चावल प्लास्टिक के बने होते हैं।
  • उबाल द्वारा जांच: यदि चावल प्लास्टिक से बने हैं, तो एक मोटी परत पानी में उबलते हुए बर्तन के शीर्ष पर बनने लगती है।
  • जल परीक्षण: चावल पानी से भारी होते हैं, यदि वे प्लास्टिक के नहीं हैं। इस प्रकार, जब आप पानी में चावल डालते हैं, तो वे प्लास्टिक की तरह तैरना शुरू कर देते हैं और इस प्रकार उपभोग के लिए अनुकूल नहीं होते हैं।