2018 की प्रमुख विशेषताएं
2019 के कैलेंडर को व्यवस्थित करने का समय आ गया है यह भी जरुरी है कि 2018 पर पुन: एक नजर डाली जाए। यही नए साल का सार है, सही कहा ना? पुन: नजर डालें और देखें कि हम कितना आगे आ गए हैं और इससे आगे क्या है। रुढ़ीवादिता या अनभिज्ञता, इनमें से किसी में भी कोई वृद्धि नहीं हुई।
तो, आइए नजर डालें और 2018 को एक अंतिम रूप दें। इन 365 दिनों में हमने क्या सीखा? खैर, काफी कुछ। 2018 की कुछ प्रमुख विशेषताएं, #मी टू आंदोलन से लेकर, हमारी स्वर्णिम सफलता की कहानियों पर एक नजर डालें।
#मीटू
2018 में बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा शुरू किया गया #मीटू आंदोलन दोबारा उभरता हुआ दिखाई दिया। दत्ता ने आरोप लगाया कि अनुभवी अभिनेता नाना पाटेकर ने दस साल पहले सेट पर उनके साथ यौन शोषण किया था। हालांकि उनकी बात पर कई बार सवाल भी उठाए गए, इन आरोपों ने एक चिंगारी की तरह काम किया, जिसने कई लोगों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस आंदोलन के उभरते दिनों में, कई महिलाएं देश में प्रभावशाली पुरुषों के हाथों यौन उत्पीड़न की अपनी व्यक्तिगत कहानियों के साथ सामने आईं। कई हास्य कलाकार, फिल्म उद्योग के लोग, पत्रकार आदि, जिन पर गंभीर उत्पीड़न के आरोप लगाए गए, के नाम सार्वजनिक हुए। इसमें सबसे बड़ा नाम शायद पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर का था। 10 से अधिक महिलाओं द्वारा आरोप लगाए जाने के तुरंत बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
इसरो की प्रगति
19 दिसंबर को संचार उपग्रह जीसैट-7 ए को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया और इसी के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का 2018 का आखिरी मिशन समाप्त हुआ। वर्ष के दौरान, इसरो द्वारा 8 मिशन शुरु किए गए थे। इस वर्ष के जनवरी में संगठन का 100 वां उपग्रह मिशन भी चिह्नित किया गया।
2018 भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए बेहतरीन साबित होने के साथ ही, आगामी वर्ष के लिए उत्साही योजनाएं पहले से ही निर्धारित की जा चुकी हैं। इनमें चंद्रयान -2, हमारे चंद्रमा की परिक्रमा करने वाला उपग्रह, इसके साथ ही साथ भारत का पहला अंतरिक्ष अभियान आदित्यक – एल 1 की लॉचिंग भी शामिल है।
खेल क्षेत्र
हर साल की तरह, 2018 भी हमारे खिलाड़ियों के लिए भाग्यशाली वर्ष रहा, चाहे वह कोई भी खेल रहा हो। फुटबॉल में, कप्तान सुनील छेत्री मेस्सी के साथ दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बने। हमारी पुरुष क्रिकेट टीम टेस्ट, दो वनडे और टी -20 में नंबर वन पर रही। भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में, तीसरे स्थान पर आकर 66 पदक जीते, जिसमें 26 स्वर्ण पदक अपने खाते में डालें। एशियाई खेलों में भी, खिलाड़ियों ने 69 पदक हासिल करते हुए, देश के गौरव को बढ़ाया। यह एशियाई खेलों में देश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।
राजनीति
2018 में, तीन प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव होने के साथ ही भारत का राजनीतिक माहौल तनावपूर्ण बना रहा, और इसके साथ ही, 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियां अपने चरम पर रही। यह साल देश के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा। इस साल हमने अपने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि, जैसे कई लोकप्रिय नेताओं को खो दिया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को, राज्य विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीत के साथ ही मिजोरम में हार हासिल हुई। एक और बात जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, वह थी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा क्षेत्रों के “नाम बदलने” का सिलसिला। सीएम ने इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज और मुगलसराय का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय रखा। हाल ही में, तेलंगाना राज्य में चुनाव प्रचार करने के दौरान, योगी आदित्यनाथ ने हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने का भी प्रस्ताव रखा, जिस पर कई लोगों ने उनका उपहास किया।
1984 के दंगों के बाद पहली बार किसी बड़े नाम – कांग्रेस पार्टी के सज्जन कुमार को दोषी करार दिया गया। दूसरी ओर, एक अन्य आरोपी, कमलनाथ को मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री का पद सौंपा गया, जिसने कड़ी आलोचनाओं को जन्म दिया।