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प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी आवास खरीदारों के लिए अतिरिक्त लाभ

May 20, 2017


Pradhan-Mantri-Awas-Yojana-1 copyजब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में लोकसभा चुनाव जीता था, तब से भाजपा सरकार और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य भारत की बृहत जनसंख्या की विशाल शक्ति का उपयोग करना और वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा उपायों को सक्षम करना है। वित्तीय समावेश, पेंशन और परिवार बीमा योजनाओं के अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) नामक आवासीय योजना शुरू की। 25 जून, 2015 को पीएमएवाई को नई दिल्ली में को शुरू किया गया था और इस योजना के तहत भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक 2 करोड़ से ज्यादा आवास बनाने का वादा किया था। ये आवास देश के गरीब परिवारों के लिए उपलब्ध होंगे।

पीएमएवाई के तहत घोषित सब्सिडी

जब शुरूआत में प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की गई तो योजना कार्यक्रम द्वारा कहा गया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और निम्न आय समूह (एलआईजी) के लोगों को एक कमरे की लागत पर सब्सिडी दी जाएगी। सरकार ने कहा है कि यह सब्सिडी 1 लाख से 2.3 लाख के बीच होगी और यह राशि सरकार के खज़ाने से आएगी। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने सब्सिडी की पेशकश करने का भी वादा किया है।

यह सब्सिडी एलआईजी और ईडब्ल्यूएस आवेदकों को आवास ऋण पर कम ब्याज दर के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। योजना के शुरूआती समय में आवास लोन ब्याज दर लगभग 10.5 प्रतिशत थी, और इस योजना का लाभ उठाने वालों को 6.5 प्रतिशत की ब्याज दर पर सब्सिडी दी जायेगी।

15 साल तक ऋण अवधि और 6 लाख रुपये तक की अधिकतम ऋण राशि के साथ सब्सिडी 1 से 2.3 लाख के बीच कुछ भी जोड़ी जा सकती है।

सब्सिडी द्वारा कवर ऋण राशि में हुई वृद्धि

31 दिसंबर 2016 को नए साल की पूर्व संध्या के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कई तरह के मुद्दों के बारे में बात की। उनके मुद्दों में केंद्रीयकरण और कर चोरी उनके मुख्य विषय थे जिनके बारे में उन्होंने बात की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के नए बदलाव भी पेश किए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में अब दो नई प्रकार की श्रेणियां आवास ऋण के आवेदन और सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए उपलब्ध होगी।

इस साल (योजना के तहत) 9 लाख तक के आवास ऋण के लिए आवेदन करने वाले लोग 4% की ब्याज सब्सिडी का लाभ उठाने के पात्र होंगे और 9 लाख से 12 लाख के बीच आवास ऋण लेने वाले लोग 3 प्रतिशत की आवश्यक ब्याज सब्सिडी प्राप्त करने के पात्र होंगे।

इसका मतलब यह है कि पीएमएवाई आवेदकों के लिए ऋण की राशि प्रभावी रूप से दोगुनी हो गई है, हालांकि सब्सिडी ऋण की राशि से भिन्न हो सकती है।

“शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो नई मध्यम आय श्रेणियां बनाई गई हैं। 2017 में प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि 9 लाख रुपये तक लिए गये ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज दर की छूट मिलेगी और 2017 में लिये गये 12 लाख रुपये तक के ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज दर की छूट मिलेगी।”

लाखों लोगों के लिए संभावित लाभ

आवास वित्त के क्षेत्र में कई लोगों ने प्रधानमंत्री की घोषणा का स्वागत किया है। लाखों लोगों को इस योजना से फायदा होगा, विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस घोषणा से आवास ऋण लाने वाले लोगों में बहुत खुशी होगी।

सरकार ने अभी तक स्पष्ट विचार प्रकट नहीं किया है, साथ ही इन ऋणों का लाभ उठाने के लिए आय स्तर, आवास इकाइयों के आकार, और अन्य पात्रता मानदंडों का विवरण अभी तक प्रकट नहीं हुआ है। 2016 में प्रधानमंत्री के अंतिम देशव्यापी भाषण के बाद एसबीआई, एचडीएफसी और कोटक महिंद्रा जैसे कई प्रमुख उधारकर्ताओं ने अपनी उधार दरों को कम कर दिया है।

इसके साथ ही संयुक्त रूप से सब्सिडी के निचले आर्थिक क्षेत्र में लाखों लोगों को लाभ पहुँचने की संभावना है।

किराये से कम ईएमआई

इस तरह की ब्याज सब्सिडी के सबसे महत्वपूर्ण परिणामों में से एक यह है कि यह ऋण आसानी से भुगतान किया जा सकता है। औसत किराये से कम ईएमआई भुगतान के उदाहरण के लिए, यदि एक योग्य ऋण आवेदक (पीएमएवाई के तहत) को 15 साल की अवधि के लिए 9 लाख रुपये की ऋण राशि दी जाती है, तो उससे लिया जाने वाला ब्याज केवल 5 प्रतिशत होगा। वर्तमान में 9 फीसदी ब्याज दर के आसपास लिया जा रहा है और इस मामले में लागू सब्सिडी लगभग 4 फीसदी है। इस प्रकार, प्रत्येक महीने की ईएमआई कुल मिलाकर 7100 रुपये के आस-पास होगी, जो कि कई शहरों के कमरों के औसत किराये से कम है।

ग्रामीण आवेदकों के लिए लाभ

प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार के पास ग्रामीण क्षेत्रों के प्रधानमंत्री आवास योजना आवेदकों के लिए भी लाभ की कई योजनाएं हैं। भारत सरकार ने गरीबों के लिए इस योजना के तहत करीब 33 प्रतिशत तक आवास इकाइयों की संख्या में वृद्धि करने की योजना बनाई है। इसके अलावा देश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऋण के आवेदन के लिए दो नई श्रेणियाँ उपलब्ध होंगी। इन क्षेत्रों में 2 लाख रुपये तक का ऋण 3% की ब्याज सब्सिडी के साथ उपलब्ध होगा। इस ऋण को नए घरों के निर्माण या मौजूदा संपत्ति के विस्तार के लिए भी लिया जा सकता है।