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भारत की तरक्की और विकास- 2015-16 पर एक नजर

August 23, 2016


भारत की तरक्की और विकास- 2015-16 पर एक नजर

भारत की तरक्की और विकास- 2015-16 पर एक नजर

आईएमएफ और केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के मुताबिक पिछले एक साल में भारत विकास दर के मामले में दुनिया की सबसे अच्छी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनकर उभरा है। आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 कहता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के सुधारवादी उपायों की वजह से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल हुई है। इससे विकास ने भी रफ्तार पकड़ी है और अर्थव्यवस्था ने भी मजबूती पाई है। 2015 में दुनियाभर में उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें स्थिर रही। इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में सफलता मिली।

2016-17 में किस पर रहेगी नजर

मूडी की इन्वेस्टर्स सर्विस और आईएमएफ के मुताबिक 2016 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ेगी। उनका कहना है कि निवेशकों का भरोसा भारत पर बढ़ा है। इससे भारत के आर्थिक भविष्य में नई ताजगी आई है। यह उम्मीद है कि नीतिगत सुधारों से हालात सुधरेंगे। खाद्य पदार्थों की कीमतें नीचे आएंगी। इससे आर्थिक तरक्की को बल मिलेगा। यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशंस और प्रॉस्पेक्ट्स बताते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2016 में 7.7 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ेगी। विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से डील करने वाले वर्ल्ड बैंक के ग्रोथ चार्टग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स (जीईपी) में भारत का नाम एक सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था के तौर पर लिया गया है।

सेवा क्षेत्र का विस्तार

2015-16 में, सेवा क्षेत्र ने बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश आकर्षित किया। भारत के सेवा निर्यात में भी सकारात्मक मूल्यवृद्धि हुई है। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा हुए है। सिर्फ आंकड़ों में बात करें तो 2015-16 में सेवा क्षेत्र ने 8 प्रतिशत की दर से विकास किया और जीडीपी में उसकी भागीदारी 64 प्रतिशत रही। इसी वित्त वर्ष में सकल मूल्य संवर्द्धित विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और शुद्ध विदेशी विनिमय में 66.1 प्रतिशत का योगदान दिया। भारत में निवेश करने के इच्छुक लोगों ने ज्यादातर निवेश सेवा क्षेत्र में ही किया है।

2016-17 में आगे क्या

उम्मीद की जा रही है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भी सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। वैश्विक परिस्थितियां भी इस क्षेत्र के पक्ष में है। ऐसे में जब भी वैश्विक आर्थिक स्थिति सुधरेगी तो उसका फायदा सेवा क्षेत्र पर भी दिखेगा। किसी भी स्थिति में, यह क्षेत्र कम से कम 7.4 प्रतिशत की रफ्तार से विकास करने की उम्मीद है। सुविधा प्रबंधन बाजार भी 2020 तक अनुमानित सीएजीआर 17 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है। यह भी उम्मीद की जा रही है कि रियल इस्टेट, हॉस्पिटलिटी और रिटेल क्षेत्रों में भी तेजी की बदौलत यह राशि 19 अरब डॉलर हो जाएगी।

कृषि क्षेत्र का विकास

पिछले एक साल की बात करें तो फलों का उत्पादन सब्जियों से ज्यादा रहा है। भारत दुनिया का दूसरे नंबर का फल उत्पादक देश बन गया है। कृषि और अन्य क्षेत्र में भारत का स्थान तीसरा है। 2015-16 में भारत से निर्यात की गई प्रमुख वस्तुओं में कृषि उत्पाद चौथे स्थान पर रहे। सीएसओ का आकलन है कि कृषि और उससे संबद्ध क्षेत्र, जैसे कि पालतु पशु, मछली और वन संपदा मिलकर 2015-16 में भारत की जीवीए में 15.35 प्रतिशत का योगदान देंगे।

2016-17 में किस पर रहेगी नजर

भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर खर्च किया है। इसमें सिंचाई सुविधाएं, कोल्ड स्टोरेज के साथ ही भंडारण भी शामिल है। उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में सकारात्मक तेजी दिखाई देगी। अन्य कारक, जैसेपरिवहन की लागत में कमी, पोर्ट गेट्स के प्रबंधन में सुधार और सुधरी हुई वित्त व्यवस्था भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। भारतीय किसान इन दिनों जेनेटिकली मोडिफाइड फसलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे उनकी पैदावार बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।

बुनियादी ढांचे का विकास

औद्योगिक नीति और प्रोत्साहन विभाग (डीआईपीपी) ने कहा है कि अप्रैल 2010 से दिसंबर 2015 तक के पांच साल में निर्माण क्षेत्र में 24.18 लाख करोड़ डॉलर का निवेश आया है। बड़ी संख्या में स्पेन की कंपनियों ने हाईस्पीड ट्रेन, स्मार्ट सिटी और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक निवेश में रुचि दिखाई है। हांगकांग स्थित इक्विटी हेज फंड सिल्वर स्प्रिंग कैपिटल मैनेजमेंट ट्रांसट्रॉय इंडिया में 2000 करोड़ रुपए का निवेश करना चाहता है। ट्रांसट्रॉय इंडिया हैदराबाद स्थित इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर है, जो भारत में राजमार्ग बनाता है। एक गैरबैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) एल्टिको कैपिटल इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में कमर्शियल ऑफिस और अन्य क्षेत्रों में 150 मिलियन डॉलर का निवेश करना चाहती है।

2016-17 में किस पर रहेगी नजर

यह उम्मीद की जा रही है कि 2016-17 के साथ ही आने वाले वर्षों में पोर्ट सेक्टर अच्छा काम करेगा। उम्मीद की जा रही है कि 2017 के अंत तक भारत के प्रमुख पोर्ट्स का ट्रैफिक 943.06 मीट्रिक टन और अन्य छोटे पोर्ट्स पर 815.20 मीट्रिक टन हो जाएगा। भारत का एविएशन मार्केट 2020 तक दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। उस अवधि में उम्मीद की जा रही है कि यह बाजार 85 मिलियन अंतरराष्ट्रीय और 336 मिलियन देशी यात्रियों को यात्रा कराने की स्थिति में होगा। यह उम्मीद की जा रही है कि इस क्षेत्र में 120 अरब डॉलर का निवेश होगा।

शिक्षा क्षेत्र में विकास

2015 की स्थिति में भारत में उच्च शिक्षा प्रणाली को दुनिया में सबसे बड़े सिस्टम में से एक माना गया। 20 साल से भी कम समय में 7 करोड़ छात्र जुड़े हैं। आने वाले समय में देश 40 मिलियन अन्य छात्रों के लिए सुविधाएं जुटा सकता है। इस क्षेत्र में खर्च 46,200 करोड़ रुपए को पार कर गया है। इसी साल भारत ईलर्निंग के क्षेत्र में अमेरिका के बाद दूसरा बड़ा देश बन जाएगा। भारत की आईटी कंपनियों ने इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। खासकर इनहाउस ट्रेनिंग और ग्रूमिंग फेसिलिटी विकसित करने के साथ ही टाईअप्स भी किए हैं।

2016-17 में इस पर रहेगी नजरः

उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगा। खासकर डिस्टेंस एजुकेशन के क्षेत्र में। इसके लिए भारत सरकार ने भी कई कदम उठाए हैं। सरकार भी एमलर्निंग और ईलर्निंग को लेकर कुछ नई योजनाएं तैयार कर रही हैं। इससे यह क्षेत्र कई मार्केट प्लेयर्स के लिए खास बन जाता है। देश को जल्द ही नॉलेज डेस्टिनेशन भी बन सकता है। यदि इस क्षेत्र में वित्तीय संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो आने वाले समय में महत्वपूर्ण योगदान निभा सकता है। इसके लिए मानव संसाधन विकास पर ध्यान देने की जरूरत है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपलब्धियां

2015 में, रोजगार और राजस्व के लिहाज से स्वास्थ्य सबसे बड़ा क्षेत्र बन गया है। बेहतर कवरेज सुविधाओं, प्राइवेट और सरकारी क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के साथ ही सेवा स्तर पर सुविधाएं बढ़ाने से इस क्षेत्र ने काफी तेज तरक्की की है। पिछले साल इस क्षेत्र ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी आकर्षित किया है। दुबई स्थित स्वास्थ्य सेवा की दिग्गज कंपनी एस्टर डीएम हेल्थकेयर केरल में कई स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों पर 600 करोड़ रुपए का निवेश करना चाहती है। इस कंपनी ने विजयवाड़ा स्थित मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल्स की चेन रमेश हॉस्पिटल्स में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है।

2016-17 में इस पर रहेगी नजर

यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले बरसों में भी चिकित्सा उपकरणों के साथ ही चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में भी तेजी आएगी। पिछले एक साल में देश ने डायग्नोस्टिक सेवाओँ में व्यापक तरक्की देखी है। इसमें बड़े पैमाने पर निवेश भी हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि इसका फायदा देश के लोगों को भी मिलेगा। भारतीय उपभोक्ता इन दिनों अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहते हैं और यह इस इंडस्ट्री के लिए एक अच्छा संकेत है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उपलब्धियां

जहां तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सवाल है, भारत ने पिछले साल बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उसका मंगलयान 24 सितंबर को मंगल ग्रह की कक्षा में एक साल पूरा कर लेगा। डीओएस और इसरो ने 22 जून को सार्क क्षेत्र और स्पेस टेक्नोलॉजी एप्लीकेशंस के मुद्दे पर ऐतिहासिक सम्मेलन का आयोजन किया। इसे विदेश मंत्रालय का भी सहयोग मिला। इस दौरान जमीनी बुनियादी ढांचे को मजबूती देने की जरूरतों पर चर्चा हुई। इसरो ने 10 जुलाई 2015 को धरती की निगरानी के लिए पोलार सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) की मदद से तीन सैटेलाइट्स लॉन्च किए।

2016-17 में किस पर रहेगी नजर

भारत टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट के साथ ही उसके औद्योगिक क्षेत्र में इस्तेमाल के मुद्दे पर दुनिया में प्रमुख नाम बनने के लिए प्रयासरत है। ताकि इसका फायदा औद्योगिक क्षेत्र को गति देने में किया जा सके। इसका फायदा रोजगार के अवसर बढ़ाने में भी मिलेगा। उम्मीद की जा रही है कि परमाणु ऊर्जा क्षेत्र भारत में काफी अच्छी गति से प्रगति करेगा क्योंकि हमारा देश इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रयत्नशील है। नैनो टेक्नोलॉजी भी फार्मा इंडस्ट्री में  बड़े बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

 

मोदी द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रम:

भारत में सामाजिक सुरक्षा हेतु अटल पेंशन योजना (एपीवाय)

‘बेटी बचाओ, बेटी पदाओ योजना’

सुकन्या समृद्धि अकाउंटः भारत में लड़कियों के लिए नई योजना

प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाय)

भारत में सामाजिक सुरक्षा हेतु अटल पेंशन योजना (एपीवाय)

2014 में मोदी द्वारा किये गए टॉप पांच कार्यक्रम

प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाय) – एक दुर्घटना बीमा योजना

प्रधान मंत्री मुद्रा योजना