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सद्भावना दिवस 2016

August 19, 2016


सद्भावना दिवस 2016

सद्भावना दिवस 2016

हर साल 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती को सद्भावना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 2016 में सद्भावना दिवस पर श्री राजीव गांधी की 72वीं जयंती मनाई जाएगी। राजीव गांधी के परिजन और उनकी पार्टी यानी कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागण वीर भूमि जाएंगे, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था। उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी।

सद्भावना का अंग्रेजी में अर्थ होता हैगुडविल और हार्मनी। इस तरह यदि हम अनुवाद करें तो इसे भारत के लिए हार्मनी डे भी कह सकते हैं। श्री राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधान मंत्री थे। उन्होंने देश में सांप्रदायिक सद्भाव, शांति और राष्ट्रीय एकता के नारे को बुलंद किया। वे न केवल भारत में इसके लिए प्रयास करते रहे, बल्कि उन्हें पूरी दुनिया के लिए गुडविल एंबेसडर के तौर पर जाना जाता है। युवा होने के नाते उनकी विचारशैली आधुनिक थी। उन्होंने एक विकसित राष्ट्र का सपना देखा था। इसके लिए उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रोजेक्ट भी शुरू किए थे। सद्भावना दिवस पूरे देश में 20 अगस्त 2016 को मनाया जाएगा।

राजीव गांधी

भारत के सबसे प्रसिद्ध और ताकतवर परिवार में जन्म लेने वाले राजीव गांधी देश के पहले प्रधान मंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू के नाती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे थे। राजीव गांधी को प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी उस समय मिली, जब उनकी मां इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई। 1984-1989 तक देश के छठे प्रधानमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल रहा। राजीव गांधी 40 बरस की उम्र में प्रधानमंत्री बने और आज भी उन्हें देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त है।

उनका करियर

राजीव गांधी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल कई विवाद हुए। भोपाल गैस त्रासदी, शाह बानो केस के बाद बोफोर्स कांड हुआ, जिसका खामियाजा उन्हें कुर्सी की कीमत से चुकाना पड़ा। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लड़े गए 1989 के लोकसभा चुनाव में उनकी कांग्रेस पार्टी को करारी शिकस्त मिली थी। राजीव गांधी एक युवा विजनरी थे। विश्व शांति के साथ ही भारत को विकसित देशों की सूची में खड़ा करना उनके प्रमुख उद्देश्य थे।

राजीव गांधी ने भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार की कोशिश की। उदाहरण के लिए प्राइवेट उत्पादन बढ़ाने के लिए कॉरपोरेट कंपनियों को सब्सिडी जैसे इंसेटिव दिए।

उन्होंने लाइसेंस राज खत्म करने के लिए उपाय किए ताकि भारत में बिना किसी लालफीताशाही के कारोबार संचालित किए जा सके।

उन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उससे संबद्ध उद्योगों में सरकारी सहयोग बढ़ाया।

उन्होंने भारत में उच्च शिक्षा के आधुनिकीकरण के साथ ही विस्तार पर जोर दिया।

राजीव गांधी को पता था कि किसी भी देश के विकास में प्रमुख योगदान शिक्षा का ही होता है। इसी वजह से उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय पद्धति लागू की। ग्रामीण आबादी को कक्षा छह से 12 तक मुफ्त आवासीय शिक्षा प्रदान की।

1986 में, राजीव गांधी के हस्तक्षेप से ही सीशेल्स में बगावत को कुचला गया। मिशन का नाम था ऑपरेशन फ्लॉवर्स आर ब्लूमिंग।

1988 में राजीव गांधी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व के पक्ष में अपने विचार प्रकट किए।

1991 में तमिल नाडू में चेन्नई के पास श्रीपेरम्बदुर में राजीव गांधी की चुनावी रैली के दौरान हत्या कर दी गई। उस समय उनकी उम्र महज 47 वर्ष थी।

समारोह

सद्भावना दिवस पूरे देश में पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

भारत के अलगअलग राज्यों में इस दिन सांस्कृतिक समारोहों के साथ ही प्रतिस्पर्धाएं भी आयोजित होती हैं।

देशभर में स्थित राजीव गांधी के स्मारकों और प्रतिमाओं का सम्मान होता है।

कई स्कूल सद्भावना रैली का आयोजन करते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र भाग लेते हैं।

समारोह में पर्यावरण को काफी महत्व दिया जाता है। साफसुथरे और हरेभरे पर्यावरण के लिए नए पौधे रोपे जाते हैं।

कांग्रेस पार्टी के नेता और परिजनों के साथ ही करीबी सहयोगी वीरभूमि पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। वीरभूमि पर ही श्री राजीव गांधी का अंतिम संस्कार किया गया था।

इस दिन देशभर में लोग एक शपथ भी लेते हैं। यह शपथ कहती है– “मैं सद्भावना शपथ के अवसर पर प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं जाति, सम्प्रदाय, क्षेत्र, धर्म अथवा भाषा का भेदभाव किए बिना सभी भारतवासियों की भावनात्मक एकता और सद्भावना के लिए कार्य करूंगा। मैं पुनः प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं हिंसा का सहारा लिए बिना सभी प्रकार के मतभेद बातचीत और संवैधानिक माध्यमों से सुलझाउंगा।

राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार

1992 में राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। इसके जरिए सांप्रदायिक सद्भाव और शांति के लिए देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री की ओर से किए गए प्रयासों को नई पहचान दी गई। इस पुरस्कार में पांच लाख रुपए और एक प्रमाण पत्र शामिल रहता है। हर साल यह पुरस्कार सद्भावना दिवस पर दिया जाता है। जिन लोगों को यह पुरस्कार दिए गए, उनमें मदर टेरेसा, शहनाई उस्ताद बिसमिल्लाह खान, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुभद्रा जोशी, लता मंगेशकर और पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन शामिल हैं।

उपसंहार

श्री राजीव गांधी निःसंदेह विश्व शांति और विकास पर अपने विचारों के जरिए कई दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ गए हैं। उनके ही शब्दों में– “भारत एक पुरातन देश होने के साथ ही युवा राष्ट्र है। हर जगह के युवाओं की ही तरह हम भी बेचैन है। मैं भी युवा हूं और मेरे भी कई सपने हैं। मैं एक मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर भारत का सपना देखता हूं। एक ऐसा भारत जो दुनिया में मानव सेवा के क्षेत्र में अग्रणी देशों की पंक्ति में खड़ा हो।”

आज भारत राजीव गांधी के सपने को पूरा करने को तैयार है। शांति और सद्भाव से ही भारत के विकास की प्रक्रिया को गति मिल सकती है।