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शिर्डी के साँईं बाबा का मंदिर – भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक

June 8, 2017


shirdi-sai-baba-mandir-hindiभारत के प्रसिद्ध मंदिरों के माध्यम से यात्रा के अपने अगले चरण में, हम महाराष्ट्र राज्य में शिर्डी के प्रसिद्ध साँईं बाबा मंदिर (मुंबई से करीब 300 कि.मी.) को चलें। शिर्डी के साँईं बाबा एक आध्यात्मिक गुरु थे, जो हिंदू और मुस्लिम दोनों भक्तों द्वारा समान रूप से पूज्य थे। साँईं बाबा ने अपना घर शिर्डी गाँव में बनाने का फैसला किया था। मुस्लिम फकीर के रूप में उनकी उपस्थिति के बावजूद, उन्होंने हिंदू शास्त्रों से व्याख्यान दिए और सभी धर्मों, जातियों और पंथों को समान रूप से सभी भक्तों को ज्ञान दिया। माना जाता है कि शिर्डी के साँईं बाबा अपने जीवनकाल के दौरान, कई चमत्कार किए, इसलिए उनकी मृत्यु के बाद लगभग एक सदी के अंत में उनकी लोकप्रियता अधिक बढ़ रही है। शिर्डी के साँईं बाबा का मंदिर – भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक है।

शिर्डी के साँईं बाबा भारत में आध्यात्मिकता के साधकों के लिए, प्रेरणा की प्रमुख शक्तियों में से एक रहे हैं। भारत की आजादी के बाद, धर्म बँट गए थे, इसलिए उनहोंने हिंदुओं और मुसलमानों को एक करने का बहुत प्रयास किया। आज भी, सभी धर्मों के लोग साँईं बाबा की पूजा करते हैं और हजारों लोग हर साल मंदिर में पूजा करते हैं। गुरुवार का दिन शिर्डी साँईं बाबा मंदिर में पूजा के लिए विशेष दिन है, क्योंकि यह दिन गुरु या मार्गदर्शक के लिए विशेष माना जाता है।

स्थान और आवास सुविधाएँ

निकटतकम हवाई अड्डे –

औरंगाबाद का हवाई अड्डा – 150 कि.मी.

पुने का हवाई अड्डा – 215 कि.मी.

मुंबई का हवाई अड्डा – 282 कि.मी.

निकटतम रेलवे स्टेशन –

साँईं नगर रेलवे स्टेशन – 0.5 कि.मी.

कोपरगाँव जंक्शन – 16 कि.मी.

मनमाड जंक्शन – 58 कि.मी.

निकटतम बस अड्डा –

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) बस अड्डा – रोडवेज बसें – 0.5 किलोमीटर

निजी बसें आपको मंदिर परिसर के बहुत करीब छोड़ सकती हैं।

आवास सुविधाएँ –

शिर्डी में 700 पंजीकृत होटल और सराय के अलावा, मंदिर प्रशासन स्वयं भक्तों के आवास की जरूरतों को पूरा करता है। प्रशासन द्वारा प्रस्तावित तीन आवास सुविधाएँ हैं –

साँईं आश्रम

द्वारावती

भक्तों के लिए नया निवास

इनकी बुकिंग ऑनलाइन भी की जा सकती हैं।

शिर्डी वाले साँईं बाबा का इतिहास

कहा जाता है कि साँईं बाबा 1838 ई. में पैदा हुए थे। उनके जन्म, परिवार और शुरुआती सालों का विवरण अस्पष्ट है। उन्होंने 1858 से शिर्डी में रहना शुरू कर दिया था। अपने शुरुआती वर्षों में, साईं बाबा ने दुष्ट लोगों से दूर रहकर, उस गाँव की दयालू महिलाओं और व्यापारियों ने उनके रहने के लिए स्थान शु-निश्चित करवाया। शिर्डी में अधिकांश लोग हिंदू थे और उनकी उपस्थिति ने सूफी मुस्लिम होने का संकेत दिया था।

एक बार, शिर्डी के साईं बाबा ने कई चमत्कार किए, जिनमें से अधिकांश चमत्कारों द्वारा बीमारियों का उपचार भी किया। इसमें हैजा, कुष्ठ रोग, और प्लेग जैसे रोगों का पर्याप्त इलाज न मिल पाने के कारण बीमारियाँ बड़े पैमाने पर थीं। साँईं बाबा ने बीमारियों को प्रशासित किया और उन्हें जल्दी से ठीक किया, जैसा कि उनके चमत्कार बढ़ने शुरू हुए, वैसे ही गाँव एक ऐसा स्थान बन गया, जहाँ भक्त हमेशा भोजन और आश्रय पा सकते थे। अमीर भक्तों ने स्थान का निर्माण कराने और भोजन का वितरण करने के लिए योगदान दिया।

वर्ष 1918 में, साँईं बाबा शिर्डी के एक छोटी मस्जिद में रहते थे। उन्होंने दृष्टांतों की बात की और हमेशा अपने श्रोताओं को सभी जीवों में भगवान की खोज करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनकी कहानी लिखी गई थी और उनके जीवनकाल के दौरान भी उनकी प्रशंसा में भजन गाए गए थे। साँईं बाबा का स्वभाव सरल होने के कारण, उनका जीवन रहस्य बना रहा।

मंदिर

शिर्डी के साँईं बाबा के भक्तों की पूजा करने के लिए, प्राथमिक स्थान मस्जिद और चावड़ी बाजार, उनके जीवनकाल के दौरान ही बनाए गए थे। ये अब भव्य संरचनाओं में पुर्निमित किए जा चुके हैं, समाधि मंदिर – मुख्य मंदिर का मकबरा है, जहाँ बाबा के मृत शरीर को दफन किया गया था। बाबा के जीवन-आकार की संगमरमर की मूर्ति यहाँ स्थापित की गई है, जो इस मंदिर में भक्तों द्वारा पूजी जाती है। समाधि मंदिर में एक बड़े हॉल में, प्रत्येक दिन प्रार्थना और दर्शन के लिए सैकड़ों भक्तों को बैठने की व्यवस्था है।

समाधि मंदिर के अलावा, वर्तमान मंदिर परिसर में एक खंडोबा मंदिर है – एक क्षेत्रीय देवता का मंदिर, जिसमें संत फकीर की पूजा की जाती है। गुरु स्थान मंदिर परिसर में एक जगह है, जहाँ एक नीम के पेड़ की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस नीम के पेड़ के नीचे साँईं बाबा के गुरु के दफनाया गया था। मस्जिद, जहाँ साँईं बाबा अपने जीवन का सबसे अधिक समय खर्च करते थे और द्वारकामाई एक और पवित्र स्थान है, जो परिसर में निहित है। मंदिर परिसर में एक बड़ा बगीचा, लेन्डी गार्डन लगाया गया है, जो कि साँईं बाबा का प्रतीक हैं। चावड़ी के शुरू में एक दुकान / कार्यालय था, लेकिन कहा जाता है कि रात में, साँईं बाबा का शयन कक्ष बन गया। परिसर में शिव, गणेश और शनि के कई छोटे मंदिर हैं। मंदिर में एक संग्रहालय भी है, जो अपने निजी लेखों के उपयोग को प्रदर्शित करता है।

वर्तमान मंदिर अहमदनगर जिले के श्री साँईं बाबा संस्थान ट्रस्ट द्वारा प्रशासित है। भक्तों के लिए मंदिर परिसर के माध्यम से लंबी साँप की तरह बनी रेलिंग में भक्त बाबा के दर्शन के लिए, इंतजार में खड़े रहते हैं। मंदिर परिसर में सभी बुनियादी सुविधाएँ हैं, जैसे पीने का पानी, विश्रामगृह, बैठने और आराम करने के लिए। मंदिरों में धार्मिक वस्तुएँ, किताबें, चित्र और खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाली, कई दुकानों ने भी मंदिर के चारों तरफ और आसपास कब्जा कर लिया है।

प्रसिद्ध स्थान

शिर्डी में साँईं बाबा मंदिर अपनी इच्छा पूर्ति और उपचार के लिए प्रसिद्ध है। हजारों श्रद्धालु हर साल मंदिर की यात्रा करने की प्रतिज्ञा करते हैं, जब उनकी इच्छाएँ पूरी हो जाती हैं और दुर्घटनाएँ नहीं होतीं है। कई बीमार भक्त, इस विश्वास के साथ आते हैं कि साँईं बाबा उनकी बीमारियों को ठीक करेंगे। माना जाता है, कि मंदिर में दी गई पवित्र राख या उधली में चमत्कारिक उपचार गुण हैं। मस्जिद में शिर्डी के साईं बाबा द्वारा जलाई गई पवित्र अग्नि या धुनी मस्जिद में चौबीसों घंटे दहकती रहती है।

अपने निधन से पहले, शिर्डी के साईं बाबा ने अपने शरीर को दफनाने के लिए कहा और मंदिर में जाने वाले सभी भक्तों को आशीर्वाद देने का वादा भी किया। कई भक्त साईं बाबा  के इस फैसले से असन्तुष्ट और निराश दिखाई दिए। मंदिर अपनी गहन शांति और आध्यात्मिक कंपन के लिए जाना जाता है।

आगंतुकों के लिए सूचना

आरती और पूजा का समय

समय पूजा स्थान
सुबह 4 बजे मंदिर खुलने का समय समाधि मंदिर
सुबह 4:30 बजे काकड़ आरती समाधि मंदिर
सुबह 5 बजे मंगल स्नान समाधि मंदिर
सुबह 5:40 बजे दर्शन शुरू समाधि मंदिर
सुबह 11:30 बजे धुनी पूजा द्वारकामाई
शाम 12 बजे दोपहर की आरती समाधि मंदिर
शाम 4:30 बजे धूप आरती समाधि मंदिर
शाम 9 बजे चावड़ी और गुरूस्थान बंद होने का समय
शाम 9:45 बजे द्वाराकामाई बंद होने का समय
शाम 9:45 बजे सेज आरती समाधि मंदिर
शाम 11:45 बजे द्वाराकामाई बंद होने का समय

 

दर्शन के लिए टिकट ऑनलाइन या पीआर कार्यालय से मंदिर के पास बुक किया जा सकता है।

साँईं बाबा के साक्षात दर्शन प्रत्येक दिन मंदिर की वेबसाइट के माध्यम से 4 बजे और 11:45  बजे के बीच ऑनलाइन करा सकते हैं।

मंदिर में महत्वपूर्ण त्यौहार मनाये जाते हैं –

शिर्डी साईं बाबा के मंदिर में मनाए जाने वाले कुछ प्रमुख त्यौहार हैः

  • रामनवमी (मार्च / अप्रेल)
  • गुरू पूर्णिमा (जुलाई)
  • ईद (जुलाई)
  • विजयादशमी / दशहरा (सितम्बर / अक्टूबर)

श्री साँईं बाबा के मंदिर का पताः

श्री साँईं सनातन ट्रस्ट,(शिर्डी)

पोस्ट – शिर्डी ताल, जिला – अहमदनगर

राज्य – महाराष्ट्र (भारत)