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राष्ट्रीय खेल पुरस्कार – उम्मीदवारों के चयन में उद्देश्य और पारदर्शिता की आवश्यकता

August 31, 2017


 

राष्ट्रीय खेल पुरस्कार

आज, 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस है। ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदकों की कमी होने के बावजूद, स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में खेल को सही स्थान देने में हम सक्षम नहीं हैं। इसके बावजूद भी हम यह मानते हैं कि खेल भारतीय समाज का एक अभिन्न अंग है।

29 अगस्त 2017 को, अब तक के सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक, प्रसिद्ध खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की 112 वीं जयंती है। हॉकी के लिए भारत को तीन स्वर्ण पदक दिलाने वाले मेजर ध्यानचंद ने कई घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैचों में 400 से अधिक गोल किए है।

आज इस जयंती को मनाने के लिए एक शानदार समारोह का आयोजन किया जा रहा है, भारत के नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों को वितरित किया जायेगा। इस पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन राष्ट्रपति भवन के पवित्र हॉल में ही किया जाएगा। इस समारोह में 17 खिलाड़ियों को प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से तथा 2 अन्य खिलाड़ियों को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

पिछले सप्ताह पुरस्कार प्राप्त करने वाले विजेताओँ की सूची की घोषणा की गई थी।

अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों की सूची –

  • ज्योति सुरेखा वेनम (तीरंदाजी)
  • खुशबीर कौर (एथलेटिक्स)
  • राजीव अरोकिया (एथलेटिक्स)
  • प्रशांत सिंह (बास्केटबॉल)
  • लैश्राम देवेंद्रो सिंह (मुक्केबाजी)
  • चेतेश्वर पुजारा (क्रिकेट)
  • हरमनप्रीत कौर (क्रिकेट)
  • ओइनम बेमबेम देवी (फुटबॉल)
  • शिव चौरसिया (गोल्फ)
  • एसवी सुनील (हॉकी)
  • जसवीर सिंह (कबड्डी)
  • प्रकाश ननजप्पा (निशानेबाजी या शूटिंग)
  • एंथॉनी अमलराज (टेबल टेनिस)
  • साकेत मायनेनी (टेनिस)
  • सत्यवर्त कादियन (कुश्ती)
  • वरूण भाटी (पैरा-एथलीट)
  • थंगेवेलु मारियप्पन (पैरा-एथलीट)

राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों की सूची –

  • देवेन्द्र झाजरिया
  • सरदार सिंह

द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों की सूची –

  • बृज भूषण मोहंते (बॉक्सिंग – लाइफटाइम)
  • जी.एस.एस.वी प्रसाद (बैडमिंटन – लाइफटाइम)
  • हीरा नंद कटारिया (कबड्डी)
  • स्वर्गीय डॉ. आर. गाँधी (एथलेटिक्स)
  • श्री पी.ए. राफेल (हॉकी – लाइफटाइम)
  • श्री रोशन लाल (कुश्ती – लाइफटाइम)
  • संजय चक्रवर्ती (शूटिंग – लाइफटाइम)

ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों की सूची –

  • भूपेंदर सिंह (एथलेटिक्स)
  • सुमारई टेटे (हॉकी)
  • सैयद शाहिद हाकिम (फुटबॉल)

पुरस्कार विजेताओं के चयन पर विवाद

राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रत्येक खिलाड़ी ने खेल-कूद में काफी उच्च स्तर की मेहनत और कौशल का प्रदर्शन करके स्वयं को इस स्थान पर पहुँचाया है। जिन लोगों को इसके लिए चुना गया उनको हमारी तरफ से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं हैं। हालांकि, क्या इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि एक बार फिर इन पुरस्कारों के चयन मानदंड और चयन समिति की निष्पक्षता पर सवाल उठाये गए हैं। ऐसे विवाद और शिकायतें जिन्हे पूरा नहीं किया जा सका है वह भी एक वार्षिक मामला बन गई हैं जैसे स्वयं पुरस्कार वितरण समारोह।

राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के वितरण में पारदर्शिता की कमी एक प्रमुख मुद्दा है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि चयन समिति को अपनी पसंद के आधार पर विशिष्ट मानदंड प्रदान किये गए होंगे, लेकिन यह भी संभव है कि इस समिति के सदस्य किसी खिलाड़ी की सफलता को पूर्णतया नजरअंदाज नहीं कर सकते और पक्षपातपूर्ण विकल्प भी नहीं बना सकते, इस बात पर भी सहमति होनी चाहिए कि पक्षपात, झुकाव और राजनीति बहुत पुरानी चीज हो चुकी है, इससे छुटकारा पाना बहुत मुश्किल काम है।

पहले से चली आ रही गलतियों को सही करना होगा

इस बारे में कुछ ज्यादा बात करने से पहले हमें उन मुद्दों पर बात करनी होगी जिनमें सुधार करने की जरूरत है। क्रिकेट को भारत का राष्ट्रीय धर्म माना जा सकता है, लेकिन चयनकर्ताओं से कपिल देव और सुनील गावस्कर जैसे खिलाड़ियों को इस पुरस्कार के लिए चुनने में चूक हो गई। समान रूप से राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार) 1990 के दशक में प्रारंभ हुआ था। राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली जैसे क्रिकेटरों पर उनके प्रमुख दिनों में इतना ध्यान नहीं दिया जाता था। वर्ष भर में खेल के क्षेत्र में सबसे शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। वर्ष 2008 और 2014 में इस पुरस्कार के लिए किसी भी खिलाड़ी को योग्य नहीं पाया गया जबकि अन्य वर्षों जैसे 2002, 2009, 2012, 2016 और 2017 में कई खिलाड़ियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। महेश भूपति और मिताली राज अन्य प्रमुख नाम हैं जिनके नाम पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों में से गायब हैं।

कई वर्षों से ओलंपिक के खिलाड़ियों ने अपना पक्ष दिखाया है। इसके बावजूद 2001 में मिल्खा सिंह को अर्जुन पुरस्कार (जीवनकाल) से सम्मानित किया गया था, जबकि स्वयं इस पुरस्कार को 1960 के दशक में स्थापित किया गया था। फ्लाइंग सिख के नाम से पुकारे जाने वाले मिल्खा सिंह ने इस पुरस्कार को यह कहकर अस्वीकार कर दिया कि “मुझे ऐसे खिलाड़ियों के साथ जोड़ा गया जो मेरे स्तर के नहीं हैं।” भारतीय खेल प्राधिकरण के मानदंडों में समानता का अभाव है जिसके कारण खिलाड़ियों को चुनने के लिए उनके प्रदर्शन या खेल की एक समय सीमा निर्धारित की गई है।

कल, खेलो को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज पोर्टल की शुरूआत की गई थी। हालांकि, यह सारे प्रयास करने के बावजूद, जब तक हम सुधार शुरू नहीं करते हैं और सर्वोच्च स्तर पर पारदर्शिता नहीं लाते तब तक देश के युवाओँ तक पहुँचना मुश्किल होगा।