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नारीवाद: अधिकार और कमियां

अगस्त 2018 के आखिरी सप्ताह में, 150 पुरुषों ने अपनी बुरी पत्नियों के ‘विषाक्त’ नारीवाद से छुटकारा पाने के लिए अपने विवाह का ‘अंतिम संस्कार’ कर दिया। इस पूरे समारोह को सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन (एसआईएफएफ) द्वारा आयोजित किया गया था। एक बुनियादी सदस्य के मुताबिक, नारीवाद अपने समानता के मूल एजेंडे से भटक गया है। “इसका मतलब यह है कि सरकार चाहती है कि पुलिस अब शयनकक्षों में प्रवेश करे, जो शादी के बंधन [...]

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प्रो-लाइफ या प्रो-चॉइस: गर्भपात का मुद्दा

पिछले एक दशक में दो समूहों के बीच इस मुद्दे की संख्या में वृद्धि देखी गई, जिन्हें प्रचलित रूप में “प्रो-लाइफ” और “प्रो-चॉइस” के नाम से जाना जाता है। हालांकि, इस मुद्दे के दोनों आधार भूत तथ्य बहुत पुराने हैं और किसी भी राष्ट्रीय सीमा तक ही सीमित नहीं हैं। भारतीय संदर्भ में, यह मुद्दा हमारी जटिल नैतिकता और सामाजिक मूल्यों की वहज से अधिक पेचीदा हो गया है। गर्भपात का मुद्दा क्या है? प्रो-लाइफ: [...]

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इस स्वतंत्रता दिवस पर अच्छे नागरिक कैसे बनें

अरस्तू ने एक बार कहा था, “एक अच्छा आदमी और एक अच्छा नागरिक होना हमेशा एक ही बात नहीं है”। ये कथन अस्पष्ट हैः जो तोड़ा-मरोड़ा और कई बार फिर से बनाया गया है। 15 अगस्त 1947 का वह दिन था जब इंडिया-भारत-हिंदुस्तान आधिकारिक तौर पर एक स्वतंत्र राष्ट्र और उसी के साथ दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बन गया। लोकतंत्र शासन वह शासन है जिसमें शासन जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा [...]

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पुरुष यौन शोषण और भारत

अगस्त 2018 में, एक नाबालिग ने अपने 3 स्कूली साथियों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया और बाद में उन्हें यौन अपराध अधिनियम (पीओसीएसओ), 2012 के तहत बच्चों के संरक्षण के लिए दोषी ठहराया गया। पीड़ित कक्षा 4 का एक छात्र था, जबकि अपराधी कक्षा 7, 8 और 10 के छात्र थे। हालांकि यह मामला अदालत तक पहुँचने में कामयाब रहा, लेकिन ऐसे कई अन्य मामले हैं जिन पर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसका कारण [...]

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खुश और सफल लोगों के दैनिक जीवन की 15 आदतें - जिनको आप अपना सकते हैं

कई बार लोग अपनी सफलता के साथ भौतिकवादी चीजों को लेकर भ्रमित होते रहते हैं। खुश और सफल लोगों के जीवन की आदतों को “जानने-समझने” से पहले, किसी को यह समझने का प्रयास करना चाहिए कि जीवन में खुश और सफल होने का मतलब क्या है। खुशी और सफलता दो अलग-अलग चीजें हैं  जो कि काफी व्यक्तिगत हैं। सफलता “इनसाइड जॉब” की तरह होती है, जबकि खुशी वह होती है जब व्यक्ति संतुष्टि महसूस करता [...]

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सैनिटरी नैपकिन और भारत : जीएसटी का सफरनामा

जब मासिक धर्म के बारे में बात करना लगभग प्रत्येक महिला के लिए एक सामाजिक कलंक के बारे में बात करने के बराबर था, तो एक चीज इस चुप्पी को तोड़ने में कामयाब रही है। माल और सेवा कर (जीएसटी) ने बहुत सारे कारणों से अनेक लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है, जिनमें से एक सैनिटरी नैपकिन पर लगने वाली टैक्स दरें है। जब पहली बार जीएसटी की घोषणा की गई थी, तो [...]

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भीड़तंत्र और हत्या (लिंचिंग)-भारत में नया मानदंड?

जुलाई में एक अच्छे दिन पर, 32 वर्षीय मोहम्मद आजम अहमद सामाजिक समारोह में भाग लेने के लिए कर्नाटक के हैंडिकेरा गाँव जा रहे थे। मोहम्मद आज़म, गूगल के एक इंजीनियर थे और हैदराबाद में कंपनी के एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। वह अपने दोस्त मोहम्मद सलमान, नूर मोहम्मद और कतर देश के सलहम ईसाल कुबासी के साथ थे। दोस्तों का समूह एक कप चाय और शाम के नाश्ते के लिए रूका। वही [...]

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पर्यावरण संरक्षण अधिनियम1986

दिसंबर 1984 में ठंडी सर्दियों की वह मध्यरात्रि जिसमें भोपाल शहर गहरी नींद में सो रहा था और यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के कीटनाशक संयंत्र अपने नियमित कार्य को पूरा कर रहे थे, उस समय शहर को अपनी चपेट में लेने वाली दुर्घटना के बारे किसी को कोई भी जानकारी नहीं थी। अचानक, आसपास के इलाकों में रहने वाले परिवारों और श्रमिकों को आपातकालीन अलार्म घंटी की आवाज सुनाई दी और एक घ्रणास्पद गंध का [...]

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फेक न्यूज : भारतीय समाज को अस्थिर बनाना

भारत और पूरा विश्व फेक न्यूज (फर्जी खबरें) जैसी समस्या से जूझ रहा है, जिसने न केवल समाज की बुनियादी नींव को हिला कर रख दिया है बल्कि जनता के बीच भय भी उत्पन्न कर दिया है। पिछले कुछ सालों में, सोशल मीडिया एक जंगल की तरह बन गया है और फेक न्यूज (फर्जी खबरें) इस सोशल मीडिया जैसे जंगल में आग की तरह फैलती जा रही हैं जो बेवजह नुकसान का कारण बनती है। [...]

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भारत में धर्मनिरपेक्षता और इसकी विवेचना

भारत देश को कई अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों की भूमि माना जाता है जो हजारों सालों से सद्भाव और सह-अस्तित्व की भावना में जी रहा है। भारतीय विविधता आधुनिक भारत की शक्ति और आधार रही है, देश की समावेशी प्रकृति दुनिया के किसी अन्य देश की अपेक्षा अलग है। भारत जैसे देश में धर्मनिरपेक्षता जटिल सामाजिक ताने-बाने के साथ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्राचीन काल से दुनिया के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग धर्मों के [...]

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