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भारत में चिकित्सा पर्यटन की धूम

July 3, 2017


medical-tourism-market-in-india-hindiविश्व स्तर की चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाएं, उच्च प्रशिक्षित डॉक्टर और पेशेवर स्वास्थ्य कर्मचारी तथा कम लागत – ये तीन ऐसे प्रमुख आकर्षण हैं जो भारत में चिकित्सा पर्यटकों को अधिक आकर्षित कर रहे हैं। जबकि इनमें से ज्यादातर अमेरिका, ब्रिटेन तथा अन्य यूरोपीय देशों से आ रहे हैं यह पर्यटक कम लागत में अच्छी चिकित्सा सुविधा पर विचार कर रहे हैं, इन देशों में इलाज की कीमतें काफी अधिक हैं। इनमें अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशियाई देशों जैसे श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले मरीजों में बढ़ोतरी देखी गई है, जो उपचार के सरलता और बेहतर विकल्प चाहते हैं। भारत आयुर्वेद, सिद्ध और योग केंद्र जैसी वैकल्पिक चिकित्सा प्रणालियों और समग्र चिकित्सा के मामले में काफी धनी है, जो बड़ी संख्या में इलाज कराने वाले पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

दोहरा चिकित्सा पर्यटन उद्योग

हाल के समाचारों के अनुसार, भारत में की जाने वाली उपचार और चिकित्सा सुविधाओं का लाभ लेने के लिए विदेशी पर्यटकों की संख्या में 22 से 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्तमान में चिकित्सा पर्यटन उद्योग अनुमानित 3 बिलियन अमरीकी डॉलर है, ऐसी उम्मीद की जा रही है कि यह अगले साल तक बढ़कर 6 बिलियन अमरीकी डॉलर हो जायेगा। यह न केवल घरेलू चिकित्सा उद्योग को बढ़ावा देगा बल्कि सरकारी खजाने में भी वृद्धि करेगा। दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के विनिमय के लिए वीजा के आवेदन की जाँच और अस्पताल में चिकित्सा शिक्षा के लिए मान्यता आदि चिकित्सा पर्यटकों की ऊँची मांगे हैं, इनको पूरा करने के लिए तंत्र में एक बदलाव की जरूरत है।

उपचार के बाद की आवश्यकताएं

विदेशी पर्यटकों द्वारा कराये जाने वाले उपचारों में हृदय संबंधी सर्जरी (उपचार), घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण सर्जरी, बैरिएट्रिक सर्जरी, सुन्दरता और शारीरिक वृद्धि के लिए सर्जरी, लीवर प्रत्यारोपण, न्यूरो सर्जरी, ऑनकॉलोजिकल सर्जरी और उपचार और कृत्रिम परिवेशी निषेचन (आईवीएफ) आदि की माँग की जाती है। कई कारणों से इन उपचारों की माँग की जाती है।

कार्डियक सर्जरी की लागत लगभग 70,000 अमेरिकी डॉलर से 200,000 अमेरिकी डॉलर (बीमा कवर के बिना) के बीच हो सकती है, जबकि भारत में इसकी लागत केवल 3500 अमेरिकी डॉलर से 8700 अमेरिकी डॉलर के बीच हो सकती है। अमेरिका में लीवर प्रत्यारोपण के उपचार (सर्जरी) में लगभग 3,00,000 अमेरिकी डॉलर की लागत आती है जबकि भारत में यह लगभग 69,000 अमेरिकी डॉलर में ही हो जाती है। इस तरह से हमारा देश पश्चिमी देशों के मरीजों के लिए एक बहुत ही कम या न के बराबर लागत वाला सर्वोत्तम उपचार प्रदान करता है। एक तथ्य यह भी है कि यहाँ पर मरीजों को उपचार के लिए इन्तजार नहीं करना पड़ता है, कैंसर और स्नायु जैसे रोगियों को स्पष्ट रूप से लाभ होता है। दूसरी ओर बांग्लादेश जैसे देशों के मरीज अच्छे डॉक्टरों, ऑपरेशन की सुविधाओं और अच्छी देखभाल जैसी सुविधाओं की उपलब्धता के कारण उपचार कराने के लिए भारत आते हैं।

मस्तिष्क उपचार

चिकित्सा पर्यटन के लिये भारत एक लोकप्रिय गंतव्य के रूप में तेजी से उभर रहा है, इसके मुख्य कारणों में से एक रिवर्स ब्रेन ड्रेन (मस्तिष्क संबंधी उपचार) है। भारतीय चिकित्सा स्नातक आशाजनक उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहे हैं और वहाँ कई सालों तक काम करते हैं। हालांकि देर से ही, लेकिन इनमें से कई भारत वापस लौटने और यहाँ अभ्यास करने का विकल्प चुन रहे हैं। विशेष रूप से यह भारत की चिकित्सा पर्यटन राजधानी दिल्ली, चेन्नई और हैदराबाद सहित भारत के कई अन्य प्रमुख शहरों में देखा जाता है। भारत में चिकित्सा पर्यटन के विकास (अधिक माँग), कमाई के पहले से बेहतर अवसर (अमेरिका और ब्रिटेन की उच्च कमाई की अपेक्षा) और निवास के उच्च मानक जैसी सुविधायें विदेशों में काम करने वाले भारतीय डॉक्टरों को स्वदेश लौटने के लिए मजबूर कर रही हैं। यह पूरे भारत में चिकित्सा उद्योग के लिए एक वरदान हैं क्योंकि यह डॉक्टर और स्वास्थ्य चिकित्सक चिकित्सा पर्यटकों के साथ अच्छी तरीके से तालमेल बना लेते हैं। भारत लौटने वाला एक भारतीय डॉक्टर अपने साथ उपचार करवाने वाले उन वफादार विदेशी ग्राहकों को भी साथ लाता है जो भारत में उपचार करवाना चाहते हैं।

चाहे जो भी कारण हों, भारत द्वारा जारी मेडिकल वीजा की संख्या अपनी एक अलग कहानी बताती है। रिकार्ड बताते हैं कि 2013 में 59,129 मेडिकल वीजा जारी किये गये थे। 2014 में यह लगभग 75,671 तक बढ़ गये, इसके बाद 2015 में लगभग 134,344 चिकित्सा पर्यटकों ने भारत का दौरा किया। 2016 में 200,000 से अधिक विदेशी नागरिक इलाज करवाने के लिए भारत आये थे। इसने चिकित्सा उपचार और देखभाल से जुड़े कई अन्य व्यवसायों को भी प्रेरित किया है। इससे यात्रा और आतिथ्य उद्योग को भी काफी लाभ हुआ है। हमें अब यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि चिकित्सा पर्यटकों की बढ़ती संख्या स्वच्छता और देखभाल के मानकों को प्रभावित नहीं करती है तथा चिकित्सा के क्षेत्र में आने वाली कमियों को बढ़ावा नहीं देती है। चिकित्सा पर्यटन भारत के लिए बहुत अधिक विदेशी राजस्व प्राप्त करने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में एक केंद्रीय स्थिति हासिल करने का अच्छा अवसर है। यदि हम इसमें उम्मीद किये जाने वाले सुरक्षा उपायों और जांच के साथ आगे बढ़ते हैं।