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सीबएसई द्वारा पुनः लागू किये गये नियमः केवल एनसीईआरटी की पुस्तकें और स्कूल परिसर के भीतर कोई भी वाणिज्यिक गतिविधि नहीं।

April 25, 2017


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केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने देश भर में अपने संबद्ध स्कूलों को चेतावनी दी है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद एनसीईआरटी और सीबीएसई द्वारा प्रकाशित पुस्तकों के स्थान पर निजी प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित महंँगी पाठ्य पुस्तकें खरीदने के लिये छात्रों को बाधित न किया जाए। सीबीएसई द्वारा प्रकाशित पाठ्य पुस्तकें नाम मात्र दरों पर आती हैं।

कमी में आपूर्ति करने के लिए, सीबीएसई ने स्कूलों को एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों के लिए ऑनलाइन माँग करने के लिए कहा था, इसमें 2,000 से अधिक स्कूलों ने भाग लिया था और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के अनुसार, एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों की 2,000 निजी स्कूलों में आपूर्ति की गई है।

सभी सीबीएसई संबद्ध स्कूलों को एनसीईआरटी/सीबीएसई पाठ्य पुस्तकों के प्रयोगो के संबंध में 12 अप्रैल 2016 को व्यक्त किए गये परिपत्र में दिये गये निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता थी। लेकिन शिकायतें नियमित रूप से बच्चों के स्कूलों द्वारा प्रयोग किये जाने वाले दबाव के कारण निजी प्रकाशकों द्वारा पाठ्य पुस्तक खरीदने के लिये आ रही हैं।

महंँगी होने के साथ-साथ निजी प्रकाशकों द्वारा कुछ पाठ्यपुस्तकों में भी ऐसी सामग्री होती है, जो सीबीएसई द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम को गलत बताती है हाल ही में, कक्षा 12 की शारीरिक शिक्षा पाठ्य पुस्तकों में महिलाओं के चित्रण के लिए एक निजी प्रकाशक के खिलाफ दिल्ली पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। पुस्तक में महिलाओं के लिए आदर्श शरीर के रूप में 36-24-36 आंकड़े को चित्रित किया गया था, शैक्षणिक दुनिया में और सोशल मीडिया पर इस कृत्य की बहुत आलोचना की गई।

बोर्ड नें संबद्धता कानून नियम 19.1(2)- संस्थाओं जैसे संस्थानों, ट्रस्टों और कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत पंजीकृत संस्थाओं का भी उल्लेख किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि स्कूल एक सामुदायिक सेवा के रूप में चलाए जा रहे हैं, एक व्यवसाय उद्यम के रूप में नहीं और इस तरह स्कूल के परिसर में किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए। एक सलाह में, सीबीएसई ने उन सभी स्कूलों को यह चेतावनी दी है कि छात्रों को किताबें, वर्दी, जूते और स्टेशनरी वस्तुओं की बिक्री जैसे वाणिज्यिक गतिविधियों में शामिल किसी भी स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

माता-पिता और हितधारकों की शिकायतों के बाद स्कूलों में वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ सलाह व्यक्त की गई है। बोर्ड ने स्कूलों को भेजे गए संदेश में कहा, “बोर्ड ने शिकायतों पर गंभीर निर्णय लिया है और स्कूलों को माता-पिता को पाठ्य पुस्तकों, नोट बुक, सामग्री, वर्दी, जूते, स्कूल बैग इत्यादि चुने गए विक्रेताओं से ही खरीदने या परिसर में ही खरीदने के लिए मजबूर करने जैसे अस्वास्थ्य कर अभ्यास से दूर रहने के निर्देश दिए जाते हैं।” संदेश में आगे कहा गया है कि स्कूल केवल गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने के लिए हैं।

बोर्ड केवल एनसीईआरटी पुस्तकों के नियमों और स्कूल परिसर के भीतर कोई व्यावसायिक गतिविधियों के नियमों के पालन के बारे में बहुत गंभीर है। इन नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। बोर्ड पूरे देश में 18,000 से अधिक स्कूलों को संबद्धता प्रदान करता है। और अपने कामकाज में विसंगतियों के कारण उत्तर प्रदेश में कुछ स्कूलों से अपनी संबद्धता को हटा लिया है।

यह वास्तव में माता पिता के लिये अच्छी खबर है, खर्चे नाम मात्र होने के अलावा एनसीईआरटी की किताबें भारत भर में होंगी और यह सब उन बच्चों के लिए आसान होगा, जो मध्य सत्र में स्थानांतरण करना चाहते हैं। इसके अलावा वाणिज्यिक गतिविधियों की रोकथाम का अर्थ होगा कि स्कूल बच्चों को वास्तव में उन चीजों को खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है, जो वास्तव में अधिकतर समय की आवश्यकता नहीं हैं।