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ढोला-सादिया पुल – भारत के सबसे लंबे पुल का असम में उद्घाटन

May 27, 2017


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हाल ही में नरेंद्र मोदी ने भारत के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन असम में किया। इस पुल का नाम ढोला-सादिया है। यह लोहित नदी के ऊपर बनाया गया है और यह असम के पूर्वी सबसे ऊपरी किनारे पर इस राज्य को अरुणाचल प्रदेश से जोड़ता है, जो स्वयं देश का पूर्वी राज्य है। इस महत्वपूर्ण पुल के राष्ट्रीय निर्माण के लिए सरकार ने 2,056 से 2096 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह सदिया तिनसुकिया नामक जिले में स्थित है। अपने उद्घाटन के बाद मोदी ने पुल का जायजा करने के लिए, पुल पर काफी समय व्यतीत किया। इस पुल में 28.5 कि.मी. लम्बाई का प्रबन्ध किया गया है। यह मुंबई के बांद्रा-वर्ली संपर्क पुल से 3.55 कि.मी. लंबा है।

पुल से संबंधित कुछ जानकारी

वाहनों के लिए पुल पर तीन प्रकार की सडकों को भी सुसज्जित किया गया है और यह शहर नदी के उस पार स्थित अरुणाचल प्रदेश के ढोला गांव के साथ भी जुड़ा हुआ है। उम्मीद की जाती है कि रणनीतिक रूप से – यह पुल असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच लगभल 4 घण्टे की यात्रा के समय को कम करेगा। इससे पहले, इस यात्रा को केवल नदी के अन्दर से गुजर कर ही पूर्ण किया जा सकता था। आधिकारिक सूत्रों ने यह भी कहा है कि इस पुल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इस पर टैंक को स्थानांतरित किया जा सके। चीन का सीमावर्ती प्रांत अरुणाचल प्रदेश – भारत के साथ हो रही समस्याओं का केन्द्र है, इसलिए अरुणाचल प्रदेश को जरूरत पड़ने पर नदी के किनारे तोपखाने और सैनिकों को जल्दी से ले जाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, पुल का निर्माण करवाया गया है।

इस दिन का महत्व

लोहित नदी ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी है जो देश में तीसरी बारहमासी और सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। मोदी की अगुवाई वाली वर्तमान भारतीय सरकार की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर, इसका उद्घाटन 26 मई को हुआ था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सर्वानंद सोनोवाल की अध्यक्षता वाली वर्तमान असम सरकार की पहली वर्षगांठ, 24 मई को सम्पन्न हुई थी, जो पहले केंद्रीय खेल मंत्री थे।

निमंत्रण

वास्तव में सोनोवाल ने, मोदी को पुल का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया था। यह ब्रह्मपुत्र नदी पर चौथा पुल है, इससे पहले सरईघाट, कोलिया भोमोरा, और वर्तमान में बोगीबील में बनाए गए हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ठीक ही कहा है, कि यह पुल इस क्षेत्र में अब तक के मौजूद संचार अंतर को कम करने में सहायक होगा। जब वर्ष 2010 में कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन वाली (यूपीए) सत्ता में थी, उसी दौरान इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था।

कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

जैसा कि पहले ही बता दिया गया है कि भाजपा के नेतृत्व वाली असम की वर्तमान सरकार का यह पहला साल है और मोदी को उम्मीद है कि वे राज्य में कई बुनियादी सुविधाओं की परियोजनाओं को शुरू कर देंगे। उद्घाटन के अवसर पर मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि पिछले पांच सालों से इस क्षेत्र में लोग पुल के इंतजार में कैसे परेशान रहे हैं और आखिरकार उनकी प्रतीक्षा कैसे खत्म हो गई है। भारत में असम के एक महान गायक भूपेन हजारिका के नाम पर इस पुल को शुरू करने की संभावना है।