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भारत में भूकंप वाले शीर्ष 10 शहर

May 24, 2017


earthquake-hindiपृथ्वी की सबसे बाहरी परत अपूर्ण रूप से बने किनारों के साथ टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। ये प्लेटें लगातार गति में हैं। इन प्लेटों की अपूर्ण पंक्तियों के साथ जब वे एक-दूसरे से टकराती हैं तब भूकंप उत्पन्न होता है। टेक्टोनिक प्लेट्स का स्थान, जहाँ टक्कर होती है, वह हाइपोसेंटर होता है, जब कि हाइपोसेंटर से सीधे ऊपर पृथ्वी की सतह का क्षेत्र भूकंप का उपरिकेन्द्र होता है। भूकंप के हिंसक झटकों के परिणाम स्वरुप इमारतें और पुल टूट जाते हैं। कभी-कभी इसकी तीव्रता भूस्खलन, हिमस्खलन, और सुनामी की शुरुआत करने के लिए काफी होती है।

क्या भूकंप का अनुमान लगाया जा सकता है?

विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बड़ी प्रगति के बावजूद भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जिसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। भविष्य में भूकंप आने की संभावना वैज्ञानिक डेटा के आधार पर की जा सकती है, लेकिन यह समय की एक बहुत लंबी अवधि में विस्तृत है। उदाहरण के लिए वैज्ञानिकों ने अगले 30 सालों में किसी भी समय दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया में एक बड़े भूकंप की 38% संभावित भविष्यवाणी की है। वैज्ञानिकों को एक विश्वसनीय भविष्यवाणी के लिए भविश्यवक्ता की आवश्यकता होती है। भविश्यवक्ता पृथ्वी की गतिविधियों में एक संकेत है जो उपस्थित भूकंप की तरफ इशारा करता है। हालांकि भूकंप विशेषज्ञ भूकंप के संबंध ऐसे किसी भी भविश्यवक्ता को खोजने में नाकाम रहे हैं।

भूकंपी क्षेत्र या भूकंप सम्भावित क्षेत्र

यह सच है कि वैज्ञानिक भविष्यवाणी करने का तरीका खोज नहीं पाएं हैं कि भूकंप कब आने वाला है, लेकिन कहाँ आने वाला है उनके पास यह जानकारी होना बहुत अच्छी बात है। पूरी दुनिया भूकंप की तीव्रता के आधार पर पाँच भूकंपीय क्षेत्रों में विभाजित है। भारत दुनिया के 10 सबसे अधिक भूकंप की चपेट में आने वाले देशों में आता है। भूकंप में बिना किसी पूर्व सूचना के बड़े पैमाने पर मौतों के साथ विनाश होता है। हाल ही में नेपाल में भूकंप एक चेतावनी के रूप में आया था, यह इस बात को साबित करता है कि यह कभी भी आ सकता है। इसलिए ऐसे मामलों में जहाँ भविष्यवाणियां संभव नहीं हैं, हम भारत में भूकंप के सबसे कमजोर स्थानों के बारे में जानकारी ले सकते हैं और भूकंप आने पर इसका सामना कर सकते हैं।

10 सबसे कमजोर शहर

भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा जारी किए गए भूकंपीय क्षेत्र मानचित्र के अनुसार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (एनडीएम) की रिपोर्ट में उद्धृत भारतीय शहर जो उच्च भूकंप सम्भावित क्षेत्र माने जाते हैं जहाँ भूकंप आने की संभावना बहुत अधिक है:

  1. गुवाहाटी: जोन V से संबंधित – बहुत गंभीर तीव्रता वाला क्षेत्र।
  2. श्रीनगर: जोन V से संबंधित – बहुत गंभीर तीव्रता वाला क्षेत्र।
  3. दिल्ली: जोन IV से संबंधित – एक अधिक तीव्रता वाला क्षेत्र।
  4. जामनगर: जोन IV से संबंधित – एक अधिक तीव्रता वाला क्षेत्र।
  5. पटना: जोन IV से संबंधित – एक अधिक तीव्रता वाला क्षेत्र।
  6. मेरठ: जोन IV से संबंधित – एक अधिक तीव्रता वाला क्षेत्र।
  7. जम्मू: जोन IV से संबंधित – एक अधिक तीव्रता वाला क्षेत्र।
  8. अमृतसर: जोन IV से संबंधित – एक अधिक तीव्रता वाला क्षेत्र।
  9. जालंधर: जोन IV से संबंधित – एक अधिक तीव्रता वाला क्षेत्र
  10. देहरादूनः जोन IV से संबंधित – एक अधिक तीव्रता वाला क्षेत्र – ज़ोन III के तहत आने वाले 30 अन्य भारतीय शहर मध्यम तीव्रता वाले क्षेत्र हैं।

भूकंप के लिए तैयारी

किसी भी चेतावनी के बिना भूकंप एक अचानक हमला है और यह वर्ष के किसी भी समय आ सकता है। इस प्राकृतिक आपदा पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है भूकंप से बचने के लिए आप और आपके परिवार की योजना और अभ्यास के बारे में कुछ सुरक्षा युक्तियां निम्नलिखित हैं:

  • जिस क्षेत्र में आप रह रहे हैं उसमें भूकंप का खतरा कितना है यह सुनिश्चित करें। जागरुक होना महत्वपूर्ण है।
  • आप जिस इमारत में रहते हैं या किसी भी अन्य इमारत (जैसे कार्यालयों और स्कूलों) जिसको आप अक्सर देखते हैं, भूकंप के दौरान उनसे निकलने की योजनाओं के बारे में जानें।
  • प्रत्येक कमरे से आपातकालीन निकास रखे और यदि संभव हो तो रस्सी या सीढ़ी को पास रखें।
  • अगर निकास संभव नहीं है तो घर के भीतर एक सुरक्षित जगह को चिह्नित करें।
  • आपातकालीन सामग्री जैसे भोजन, पानी, प्राथमिक चिकित्सा किट और आग बुझानेवाले साधन को तैयार रखें और अच्छी तरह से यह चिह्नित करें कि वे कहाँ रखे हैं।
  • उपयोगिता स्विच या वाल्व को मुख्य बिजली स्विच की तरह चिह्नित करें ताकि वे बंद किए जा सकें।
  • यदि आप अलग हो गए हैं तो एक आपातकालीन बाहरी सुरक्षित स्थान को चिह्नित करें जहाँ पूरे परिवार को एकत्र होना है।
  • यदि संभव हो तो अपने साथ ले जाने वाली चीजों की प्राथमिक सूची बनाएं जिसमें आपका बटुआ और सभी आपातकालीन दस्तावेज और बैंक खाता संख्याएं होनी चाहिए।
  • महत्वपूर्ण दस्तावेजों जैसे कि बिल, बीमा पॉलिसी, स्वामित्व प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाणपत्र आदि को फायर प्रूफ बाक्स में सुरक्षित रखें जो आपदा के खत्म होने के बाद प्राप्त किये जा सकें।
  • छेद करके दीवार गिराने, मजबूत स्थान पर खुद को ढकने और मजबूत वस्तु को पकड़ने का अभ्यास पूरे परिवार के साथ करें।
  • कृपया घर के बच्चों को पूरी जानकारी दें ताकि वे जान सकें कि भूकंप आने पर क्या किया जाना चाहिए।
  • कुछ भूकंप बड़े भी हो सकते हैं इसलिए झटकों के लिए तैयार रहें।
  • भूकंप के दौरान भूमि का घूमना कभी-कभी ही मृत्यु और चोट का कारण होता है, अधिक विनाश तब होता है जब आग, उड़ते हुए काँच के टुकड़े और गिरने वाली वस्तुएं प्रभाव डालती हैं। अत: एक समुदाय के रूप में एक साथ काम करें और खतरे से निपटने की योजनाएं तैयार करें।

सरकार के लिए सुझाव:

  • शहरों को बनाने के दौरान सरकार को पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए। भूकंप सम्भावित क्षेत्रों में कंक्रीट संरचनाओं की बहुत ऊँचाई खतरनाक है। गुड़गांव जोन IV भूकंपीय क्षेत्र के अन्तर्गत आता है जो एक गंभीर तीव्रता वाले क्षेत्र का उदाहरण है। 2001 में भुज में आए भूकंप की तरह आने वाला भूकंप इस शहर को मलबे में बदल देगा।
  • पहाड़ी क्षेत्रों में कंक्रीट से भवन निर्माण को रोकना चाहिए। भूकंप के मामले में लकड़ी और बांस के घरों की इमारत की पुरानी परंपरा से कम विनाश दिखाई देता है।
  • सरकार को विनियमन, निर्माण और अन्य सुरक्षा नियमों को लागू करना चाहिए।
  • जिला राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एक व्यापक आपदा प्रबंधन योजना तैयार होनी चाहिए।
  • सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में एक आपदा प्रबंधन योजना होनी चाहिए, जिसमें आसानी से चिकित्सा आपूर्ति, एम्बुलेंस इत्यादि शामिल हों। यदि आवश्यकता हो तो क्षमता बढ़ाने के विकल्प हों। भूकंप के कारण हुई क्षति का असर भारत में कई गुना बढ़ गया है क्योंकि नागरिकों के बीच तैयारियों और जागरूकता की कमी है। तो विनाश को कम करने के लिए जागरूक रहें सुरक्षित रहें।