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आपकी पहली एकल यात्रा के लिए अद्भुत स्थल

July 5, 2018


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अगर आपने अकेले यात्रा करने का निर्णय लिया है और भारत को अपनी पहली एकल यात्रा के लिए चुना है, तो एकल यात्रा करने के लिए बहुत सारी योजनाओं को तैयार करने की आवश्यकता है, खासकर यदि आप एक महिला यात्री हैं। चूंकि एकल यात्रा में सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व दिया जाता है। यात्रा के टिकटों की बुकिंग करना और आवास की व्यवस्था करना, यात्रा को शुरू करने से पहले सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक माना जाता है। भारत में विविध विकल्पों को देखते हुए, यात्रियों को एक आदर्श एकल यात्रा के लिए निश्चित समय में एक गंतव्य चुनना और पसंद करना मुस्किल काम हो गया है।

आपकी एकल यात्रा को आसान बनाने के लिए यहाँ भारत के कुछ अद्भुत स्थलों की सूची प्रस्तुत है।

आगे यह तय करने के लिए पढ़ें कि आप कहाँ की यात्रा करना चाहते हैं –

चम्बा की यात्रा

चम्बा

चंबा- यह हिमाचल प्रदेश का एक छोटा और शांत गाँव है, जहाँ आप प्रचुर मात्रा में सुकून का अहसास कर सकते हैं। कम से कम शब्दों में कहा जाए तो यहाँ बर्फ से ढके हुए पहाड़ों की सुंदरता अत्यधिक लुभावनी है। यहाँ के स्थानीय लोगों की सादगी और गर्मजोशी देखकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे। चंबा अपने मंदिरों, सेब के बागों और खूबसूरत पहाड़ों के लिए प्रसिद्ध है। ग्रीष्म ऋतु में इस गाँव की यात्रा करने का एक उत्तम समय है, क्योंकि इस समय यहाँ का तापमान 25 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।

यहाँ सुरक्षा को शायद ही चिंता का विषय माना जाए, क्योंकि चंबा में अपराध की दर लगभग न के बराबर है।

चंबा क्यों जाएं?

प्रसिद्ध चंबा मंदिर

जब आप चम्बा की यात्रा कर रहे हैं तो यहाँ के मंदिरों को देखना न भूलें। यहाँ का लक्ष्मी नारायण मंदिर सबसे लोकप्रिय है। इसका निर्माण शकीरा शैली में साहिल वीरमन द्वारा 10 वीं सदी में करवाया गया था।

वास्तु भव्यता और प्राचीन काल की कहानियों ने यहाँ अपना एक जादू बिखेर रखा है। यहाँ के चंपावती मंदिर, विजेश्वरी मंदिर, चामुंडा देवी मंदिर, हरि राय मंदिर और बंसी गोपाल मंदिर की यात्रा से दूर रह पाना मुश्किल है।

अन्य दिलचस्प स्थान

चंबा में कलतोप खजियार वन्यजीव अभयारण्य, भुरी सिंह संग्रहालय, रंग महल और अखण्ड चंडी महल यहाँ के लोकप्रिय स्थान हैं।

यात्रा आरंभ करने वाले यात्रियों के लिए धर्मशाला कई लम्बी पैदल पगडंडियों का प्रवेश द्वार है, जिसके जरिए आप ऊपर की रवी घाटी और चंबा जिले में जा सकते हैं। जंगलों के माध्यम से यात्रा करते हुए नदियों, झील के झरनों और ग्लेशियर देखने का अनुभव आपके मन पर एक अमिट छाप छोड़ देगा। यह जगह तिब्बती समुदाय के लिए प्रसिद्ध है।

यह क्षेत्र निचले और ऊपरी धर्मशाला में विभाजित है। इस क्षेत्र के उत्तरार्द्ध का भाग मैकलियोड गंज के रूप में भी जाना जाता है। यह स्थान अपने गुलजार बाजारों के कारण यात्रियों के दिलों के बहुत करीब है, जहाँ कोई भी यात्री हस्तकला वस्तुओं की खरीदारी कर सकता है और तिब्बती भोजन का आनंद ले सकता है।

धर्मशाला की यात्रा क्यों करें?

  1. आप पूरे मैकलियोड गंज का पैदल भ्रमण कर सकते हैं या ऑटो-रिक्शा या टैक्सी भी किराए पर कर सकते हैं।
  2. नाम चित्रशाला (सिधबारी, चामुंडा आरडी), त्सुग्लागखांग कॉम्प्लेक्स (मंदिर आरडी), तिब्बत संग्रहालय (ओप त्सग्लागखांग), तिब्बती पुस्तकालय, भागसुनाग पतन (लगभग धर्मशाला से 11 किमी), कुणाल पठार (धर्मशाला से लगभग 3 किमी), धरमकोट (धर्मशाला से लगभग 14 किलोमीटर) और पीक चित्रशाला (मंदिर आरडी, मैकलियोड गंज) की यात्रा करें।
  3. डल झील पर जाकर प्रकृति के शानदार दृश्य का अवलोकन करें; दलाई लामा के त्सग्लागखांग कॉम्प्लेक्स के निवास पर जाएं और भागसुनाग झरना की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लें।

मैकलियोड गंज की यात्रा का सबसे अच्छा समय मई और जून का है।

इस छोटे से शहर में कई रेस्तरां और होटल हैं इसलिए भोजन और आवास की कोई समस्या नहीं है।

सांगला घाटी

सांगला घाटी

सांगला घाटी- सांगला घाटी हिमाचल प्रदेश में हिमालय के निचले भाग में स्थित है। यह प्राकृतिक घाटी छोटे-छोटे कस्बों से संलग्न हैं, जो एक दूसरे के आकर्षण को बढ़ाते हैं। चिटकुल को भारत-तिब्बत की सीमा पर बसे हुए अंतिम भारतीय गाँव के रूप में जाना जाता है और एक तरफ रक्छम संगला घाटी के साथ नाटकीय रूप से अलग-अलग परिदृश्य के लिए जाना जाता है और इसके दूसरी तरफ बसपा नदी (सतलज की एक सहायक नदी) है। ग्रीष्मकाल में सांगला घाटी की यात्रा का उत्तम समय माना जाता है, क्योंकि यह घाटी दिसंबर से मई तक भारी बर्फबारी की वजह से बंद हो जाती है।

यदि आप लाहौल और स्पिति से किन्नौर में प्रवेश करना चाहते हैं, तो आपको नाको (टैबो और रेकोंग पेओ के बीच की सड़क) के पास मॉलिंग नुलाह से यात्रा करना होगा। इस क्षेत्र में भूस्खलन की संभावना बनी रहती है। यदि आप अपने वाहन को खुद चला रहे हैं तो सावधान रहें, क्योंकि इन सड़कों पर कभी भी हादसा हो सकता है।

सांगला घाटी यात्रा क्यों करें?

  1. यह बसपा नदी के तट पर बनी एक लुभावनी घाटी है।
  2. संगला और चिटकुल के बीच स्थित रक्छम अपेक्षाकृत कम व्यावसायिक स्थान है। इस गाँव की सुंदरता अकल्पनीय है। इस गाँव में न तो कोई डाकघर, न ही कोई पुलिस स्टेशन और न ही कोई इंटरनेट या आधुनिक संचार की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए, रक्छम आपके और प्रकृति के बीच आकर्षण को प्रसारित करता है।

हिमाचल प्रदेश की यात्रा के लिए सुझाव

  1. अधिकांश यात्रियों का मानना ​​है कि हिमाचल प्रदेश के लोग बहुत सरल और मेहमान नवाज हैं। इसलिए अधिकांश क्षेत्रों के आस-पास एक एकल महिला यात्री के लिए कोई समस्या नहीं है।
  2. राज्य भर में फैले हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के होटलों में रहने की कोशिश करें। ये अधिक विश्वसनीय और आसानी से उपलब्ध हैं। आप प्रीमियम होटल, डीलक्स होटल या अपने बजट के अनुसार होटल प्राप्त कर सकते हैं।
  3. लंबी दूरी के लिए वोल्वो या वातानुकूलित बसों की बजाय राज्य परिवहन निगम द्वारा चलाई जा रही बसों में यात्रा करने का प्रयास करें।
  4. हो सके तो सर्दियों में यात्रा न करें, क्योंकि हिमाचल प्रदेश के सभी हिस्सों में अत्यधिक ठंड पड़ती है।
  5. अपने साथी यात्रियों या स्थानीय लोगों के साथ ज्यादा तस्वीरे न लें।
गोकर्ण

गोकर्ण

गोकर्ण- गोकर्ण सूर्यास्त के समय अपने समुद्र तटों पर आश्चर्यजनक सुंदर दृश्यों को पेश करता है। कर्नाटक के इस छोटे से तटीय शहर में हर गुजरते वर्ष में तेजी के साथ यात्रियों की वृद्धि हो रही है। संस्कृत में गोकर्ण का अर्थ है गाय का कान (गो = गाय, कर्ण = कान)। तीर्थयात्रा का यह स्थान उन लोगों के लिए आदर्श है, जो आत्मपरीक्षण के लिए कुछ एकान्त क्षणों को व्यतीत करना चाहते हैं। जो लोग इस जगह की सुंदरता को देखने के लिए बेताब हैं और आम तौर पर लम्बी पैदल यात्रा करना चाहतें हैं, वे लोग यहाँ के प्रसिद्ध महाभलेश्वर मंदिर की यात्रा का आनंद उठा सकते हैं।

हालांकि गोकर्ण सबसे लोकप्रिय समुद्र तट है, लेकिन उतना साफ नहीं है। यहाँ ज्यादा पानी की गतिविधियों की अपेक्षा न करें। अत्यधिक आनंद लेने के लिए गोकर्ण से थोड़ी दूरी पर स्थित गंगावल्ली नदी के करीब जाएं। आप कम ज्ञात समुद्र तटों पर भी जा सकते हैं, जो कि प्रसिद्ध गोकर्ण समुद्र तट से ज्यादा स्वच्छ और एकांत हैं।

गोकर्ण की यात्रा क्यों करें?

  1. गोकर्ण के पाँच समुद्र तटों अर्थात गोकर्ण समुद्र तट, कुडल समुद्र तट, ओम समुद्र तट, हॉफ-मून समुद्र तट और पेराडिस समुद्र तट पर जाएं।
  2. महाबलेश्वर मंदिर, महा गणपति मंदिर, उमा महेश्वर मंदिर, भद्रकाली मंदिर, तमरा गौरी मंदिर, वेंकटेश्वर मंदिर आदि की यात्रा करें।
  3. सामुदायिक उत्सव जैसे महाशिवरात्री और कार्तिक महोत्सव का आनंद लें।

कर्नाटक की यात्रा के लिए सुझाव

  1. मंदिरों में प्रवेश करने से पहले जूतों को बाहर रखने जैसी स्थानीय परंपराओं का सम्मान करें।
  2. यहाँ भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों द्वारा जबरन वसूली बहुत अधिक है, इस लिए उनसे दूरी बनाए रखें।
  3. सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान न करें, क्योंकि इसके लिए आप को भारी शुल्क चुकाना पड़ सकता है।
  4. बिना अनुमति के पानी के बहुत करीब न जाएं या तैरकी न करें।
  5. खासकर पीक सीजन के दौरान, ठहरने की जगह को पहले ही बुक कर लें।

एकल यात्रा करते समय सावधानियाँ:

  1. जगह की संवेदनाओं के अनुसार पोशाक और भीड़ का हिस्सा बनने की कोशिश करें।
  2. अपने घर वालों या परिवार के सदस्यों को नाम, पता, संपर्क नंबर, टिकट संख्या, यात्रा का विवरण, आदि सहित अपनी पूरी यात्रा का विवरण दें।
  3. अजनबी के साथ अपने आवास से संबंधित कोई भी जानकारी साझा न करें और न ही किसी को यह बताएं कि आप अकेले यात्रा कर रहे हैं।
  4. महिलाएं आरक्षित रेल के डिब्बों में यात्रा करने का प्रयास करें।
  5. अकेले यात्रा करते समय हमेशा काली मिर्च स्प्रे, चाकू और अन्य ऐसे आत्मरक्षक सामानों को अपने साथ रखें।

भारत यात्रियों को विस्मित करने के लिए हर बार कुछ नई पेशकश करने के लिए कभी नहीं रुकता है। आध्यात्मिक अनुभव के लिए, हरिद्वार, रामेश्वरम, तिरुपति आदि की यात्रा करें। प्राचीन महल और वास्तुकला को देखने के लिए साल के शुरुआत में उदयपुर और जयपुर की यात्रा करें। जो लोग उल्लास के मूड में हैं, वे गोवा, पोंडी और कोवलम की यात्रा कर सकते हैं। यदि आप अपने काल्पनिक पर्वतों को देखना चाहते हैं तो लेह, मंसूरी, कूर्ग, मनाली जैसे कुछ सर्वोत्तम स्थानों की यात्रा कर सकते हैं।

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