दिल्ली में आइकॉनिक गुड़िया संग्रहालय
स्थान: नेहरू हाउस, बहादुर शाह जफर मार्ग, नई दिल्ली
एक गुड़िया लड़की की पहली सबसे अच्छी दोस्त होती है जिसके साथ वह अपने दिमाग में हर छोटी-छोटी चीज को साझा करती है। यह उनके जीवन का सबसे पहला खिलौना है, विडंबना यह है कि गुड़िया एक लड़की के व्यवहार की प्रतीक होती है। चाहे वह एक सहज गुणवत्ता या सिर्फ एक सामाजिक निर्माण हो, लड़कियाँ हमेशा एक गुड़िया की तरह नियमानुकूल और उचित मानी जाती हैं। शायद लड़की के जीवन में एक गुड़िया का यह विशेष महत्व दिल्ली में गुड़िया संग्रहालय को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिलने का कारण है।
शंकर अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय बच्चों के लिए स्वप्न की दुनिया की तरह है। इसकी स्थापना 1965 में की गयी थी। 5184 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला यह देश का सबसे बड़ा गुड़िया संग्रहालय है। पेशे से एक प्रसिद्ध राजनीतिक कार्टूनिस्ट, के. शंकर पिल्लई ने इस संग्रहालय के पीछे विचार की अवधारणा को समझा इस प्रकार इसे शंकर की गुड़िया संग्रहालय के रूप में जाना जाने लगा। आज इसमें 85 देशों की लगभग 6500 प्रदर्शनियों का आयोजन होता है।
संग्रहालय दो हिस्सों में बँटा हुआ है। इसका आधा हिस्सा यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड तथा दूसरा हिस्सा भारत सहित अन्य एशियाई देशों के लिए है। इसमें भारतीय पोशाक पहने करीब 500 अद्वतीय गुड़ियाँ शामिल हैं। कुछ गुड़िया विभिन्न भारतीय नृत्य के रूपों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। संग्रहालय में जिन गुड़ियों को मरम्मत की आवश्यकता होती है उनके लिये एक “क्लीनिक” है। शंकर गुड़िया संग्रहालय या गुड़िया संग्रहालय, बच्चों के लिए पूरे दिन भ्रमण करने योग्य स्थान है। सुंदर गुड़िया के इस तरह के एक विशाल संग्रह को एक साथ मिलते हुए देखकर बच्चों को बहुत मजा आता है। इससे इनके चेहरे पर न केवल खुशी आती है बल्कि उनको दुनिया भर की कई चीजों का ज्ञान भी प्राप्त होता है। तो यदि आप एक बच्चे हैं या नहीं, वास्तव में एक अच्छे अनुभव के लिए आपको गुड़िया संग्रहालय का दौरा करना चाहिए जो अपने आप में अकेला है।
समय: सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक
प्रवेश शुल्क: वयस्क 15 रूपये, बच्चे 5 रूपये