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भारत के प्रसिद्ध मानसून ट्रैक्स

July 2, 2018


भारत के प्रसिद्ध मानसून ट्रैक्स

मानसून यानी भारत में जश्न का माहौल। सावन के झूले, संगीत और नाचगाना। साथ में गरमागरम पकौड़े। यह सब बारिश अपने साथ लेकर आती है। रोमांचक खेलों के शौकीनों के लिए मानसून में खुश होने की अपनी वजह है। बारिश के साथ ही देश में कुछ बहुत ही खूबसूरत ट्रैकिंग अनुभव भी सामने मिलते हैं। यह मौसम ऐसा है, जब प्रकृति भी अपने रंगों में होती है। फूल खिले होते हैं। हर ओर हरियाली नजर आती है। यहां हम देश के चुनिंदा ट्रैकिंग ट्रेल्स की जानकारी दे रहे हैं, जो इस मानसून में ट्रैकर्स के बीच लोकप्रिय बने हुए हैं

वैली ऑफ फ्लॉवर्स, उत्तराखंड

उत्तराखंड में फूलों की घाटी

उत्तराखंड में फूलों की घाटी से गुजरने वाला यह ट्रैक किसी भी ट्रैकर के लिए अद्वितीय रोमांचक सपने के पूरे होने जैसा है। वैली ऑफ फ्लावर्स एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व के कोर ज़ोन में आता है। घाटी की धड़कनें रोक देने वाली प्राकृतिक सुंदरता इस ट्रैक को और खूबसूरत बना देती है। 500 से ज्यादा अलगअलग किस्मों के खूबसूरत फूल ट्रैक के रूट पर उगते हैं। जून से अक्टूबर के बीच ही यह यह घाटी अपने शबाब पर होती है। ट्रैक का रूट गोविंदघाट से शुरू होकर अलकनंदा नदी के किनारे से होकर घनघरिया तक 13 किमी की दूरी तक पहुंचता है। वैली ऑफ फ्लॉवर्स यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट है।

कश्मीर ग्रेट लेक्स, जम्मूकश्मीर

कश्मीर ग्रेट लेक्स

जम्मूकश्मीर की खूबसूरती का क्या कहना। रोमांच पसंद करने वालों के लिए सोनमर्ग से राज्य की सात खूबसूरत अल्पाइन लेक्स तक ट्रैक जाता है। इस 72 किमी लंबा स्ट्रेच सबसे लोकप्रिय ट्रैकिंग रूट्स में से एक है। हिमालय का बेहतरीन नजारा यहां से नजर आता है। यह आठ दिन का ट्रैक 72 किमी की हरीभरी घाटी, खूबसूरत फूलों और साफ नीले आसमान से होकर गुजरता है। इस ट्रैक पर जो सात झीलें आपके सामने आती हैं, उनमें, गंजबल झील, गदसर झील, विशानसार झील, कृष्नासर झील, डल झील, मानसबल झील, वुलर झील और तुलियन झील।

हम्प्टा दर्रा, हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश में हम्प्टा दर्रा

हिमाचल प्रदेश पर्यटकों और ट्रैकर्स के लिए सबसे पसंदीदा राज्य है। देश के इस हिस्से में हिमालयीन दर्रे खूबसूरत होने के साथ ही दर्शनीय भी हैं। हम्प्टा दर्रा आपको लेहमनाली राजमार्ग पर मनाली से स्पीति घाटी तक ले जाती है। यह देश के बेहतरीन क्रॉसओवर ट्रैक में से एक है। लाहौल और कुल्लू की चमत्कृत कर देने वाली घाटियों से गुजरने वाला ट्रैक 4 दिन का है। हालांकि, इस बीच प्रकृति प्रेमी दोतीन दिन निकालकर चंद्रताल झील भी जाते हैं। यह ट्रैक ज्यादा मुश्किल नहीं है। शुरुआत करने वाले भी यहां तैयारी कर सकते हैं।

सिंहगढ़ किला, महाराष्ट्र

मानसून आते ही कई ट्रैकर्स महाराष्ट्र की राह पकड़ते हैं। महाराष्ट्र में एकदो नहीं बल्कि कई रोमांचक ट्रैक्स हैं, जो खास तौर पर मानसून में प्रकृति की बेहतरीन तस्वीर पेश करते हैं। सिंहगढ़ किला समुद्र की सतह से 4,320 फीट ऊपर है। यह किला पुणे से करीब 90 मिनट का ट्रैक है। जो ट्रैकर्स नहीं हैं, उनके लिए यह सबसे अच्छा विकल्प है। अतेकर वस्ती से होकर आप ठंडी हवा, हरेभरे जंगल और दहाड़ती जलधाराओं का अनुभव ले सकते हैं। सिंहगढ़ किले का अपना इतिहास है। इसके आसपास के घाट वक्त बिताने के लिए बेहतरीन जगह है। इस ट्रैक पर तानाजी और लोकमान्य तिलक के घर पर बने स्मारकों को देखना न भूले।

तडियांदमोल चोटी, कर्नाटक

यदि उत्तर और उत्तरपूर्व में हिमालय का प्रभुत्व है तो पश्चिमी घाट एक अलग तरह के ट्रैकिंग अनुभव देते हैं। खासकर उन लोगों के लिए जो देश के पश्चिम हिस्से में ट्रैकिंग का अनुभव चाहते हैं। कूर्ग की खूबसूरती बेजोड़ है। तडियांदमोल चोटी रोमांच पसंद करने वालों का स्वर्ग है। यह समुद्री सतह से 5,740 फीट की ऊंचाई पर स्थित कूर्ग की शीर्ष चोटी है। काक्काबे बेस कैम्प से मेडिकेरी तक यह ट्रैक जाता है। यह ट्रैक हरेभरे मैदानी इलाकों से होकर शोला जंगल तक जाता है। यह क्षेत्र मानसून के दौरान जी उठता है और यहां की वनस्पति इसको बखूबी साथ देते हैं।

तरसर मरसर, जम्मूकश्मीर

गर फिरदौस बसरु जमीन अस्त, हमी अस्तो, हमीं अस्तो, हमी अस्तो” (यदि धरती पर स्वर्ग है तो यहीं हैं, यहीं हैं, यहीं हैं)। जब भी बात जम्मूकश्मीर की आती है तो यह वाक्य सामने आ जाता है। लेकिन एक बार आप तरसर मरसर ट्रैक कर लिया तो आपको पता चल जाएगा कि यह सच है। 7 दिन के इस 33 किमी लंबे ट्रैक के दौरान आपको रंगबिरंगी और सुगंधित फूलों से भरपूर घाटी नजर आती है। कोलाही पर्वत दो खूबसूरत झीलों को बांधकर खड़े हैं। इनके नाम हैंतरसर और मरसर। अरु बेस से सुम्बुल तक का यह क्षेत्र वनस्पति की किस्मों की बहुलता पेश करता है। कई किस्में तो आपको सिर्फ इसी इलाके में मिलेंगी।

रूपकुंड, उत्तराखंड

लहरदार हरे घास के मैदान, गड़गड़ाती धाराएं, नीला आसमान और सफेद सूतसे बादलों के बीच उत्तराखंड में रूपकुंड की 5 दिन की यात्रा के दौरान आपको एक पल भी बोरियत नहीं होगी। यह ट्रैक कर्णप्रयाग से 85 किमी की दूरी पर लोहाजंग में 7,700 फुट की ऊंचाई पर शुरू होता है। यह ट्रैक बेदनी, बघयाल, पातर नचौनी, भगवबाशा और अन्य खूबसूरत पॉइंट्स ले जाता है। हरेभरे पहाड़ों के क्षितिज और रूपकुंड झील के परम सौंदर्य के प्रति खिंचाव प्रकृति प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण है। यह ढलान किसी भी नौसिखिया के साथसाथ किसी भी अनुभवी ट्रैकर के लिए परफेक्ट है।

यमथांग वैली और जीरो पॉइंट, सिक्किम

सिक्किम में यमथांग वैली

भारत के प्रकृति प्रेमियों के लिए सिक्किम एक बेहतरीन ठिकाना है। इस राज्य से होकर गुजरने वाला ट्रैक बहुत मुश्किल है। लेकिन यदि आपको प्रकृति से प्यार है तो इसकी मुश्किलें आपके लिए कुछ नहीं है। यह ट्रैक आपको यमथांग घाटी से जीरो पॉइंट तक लाथुंग से होकर ले जाएगा। यह सिक्किम में मानव सभ्यता का अंतिम बिंदू है। यह ट्रैक बेहतरीन जलप्रपातों, बौद्ध मठों और रंगबिरंगी अभयारण्यों से होकर गुजरता है। यह ट्रैक माउंट कटाओ और यम्सामडोंग तक जाता है। इसके आसपास के दर्शनीय नजारे, सफेद बर्फ से ढंके पहाड़ और दहाड़ते जलप्रपात आपको प्राकृतिक सुंदरता में लीन कर देंगे।  

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