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यूआईडीएआई ने लाँच किया एम-आधार ऐप

July 22, 2017


mAdhaar-appयूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने एक नया मोबाइल ऐप एम-आधार जारी किया है। इसके साथ ही अब आधार कार्ड को पर्स में रखने की कोई जरूरत नहीं होगी, बल्कि आप अपने स्मार्टफोन में अपना आधार कार्ड लेकर साथ चल सकते हैं। इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद उपयोगकर्ता को अपना आधार नंबर डालना होगा, इसके बाद उसकी डेमोग्राफिक डिटेल जैसे कि उसका नाम, जन्मतिथि, लिंग, पता और फोटोग्राफ की जानकारी उसको मिल जाएगी। आपका फोटो पहले से ही आपके आधार कार्ड में शामिल होगा।

ऐप्लीकेशन निर्माण की प्रक्रिया

फिलहाल अभी यह ऐप सिर्फ एंड्रॉयड उपयोगकर्ताओं के लिए ही उपलब्ध है। ऐप अभी बीटा वर्जन में ही उपलब्ध है। इसलिए अभी सब लोग इस सेवा का लाभ नहीं उठा पाएंगे – पहले इस ऐप को एक बार अपडेट करना होगा। उपयोगकर्ता गूगल प्ले से इसे डाउनलोड करने में सक्षम होंगे। ऐप एक बायोमैट्रिक लॉक और अनलॉक सुविधा के साथ उपलब्ध होगा, जो लोगों को यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि उनका व्यक्तिगत डेटा सुरक्षित है। एक बार लॉक सिस्टम को किसी उपयोगकर्ता द्वारा सक्षम किया जाता है, तो यह ऐप लॉक रहेगा जब तक कि उपयोगकर्ता इसे अनलॉक नहीं करता। यह स्थिति अस्थायी होगी।

सिस्टम को डिसेबल करना

यदि उपयोगकर्ता चाहें तो सिस्टम को डिसेबल भी कर सकते हैं। एम-आधार में समय आधारित एक बार उपयोग में आने वाला पासवर्ड (टीओटीपी) फीचर है। यह एसएमएस (लघु संदेश सेवा) से मिलने वाले ओटीपी से बेहतर है और इसके माध्यम से जानकारी पहले से बेहतर ढंग से सुरक्षित रखी जा सकती है। उपयोगकर्ताओं को इन ऐप्स पर अपनी प्रोफाइल अपडेट करने की अनुमति भी दी जाएगी, लेकिन इसके लिए उन्हें एक अनुरोध भेजना होगा। जब आपका अनुरोध सफलतापूर्वक मान्य हो जाएगा, तो आप आवश्यक परिवर्तन करने में सक्षम होंगे, जो आप करना चाहते हैं। इस ऐप का उपयोग करने के लिए उपयोगकर्ताओं का मोबाइल नंबर पंजीकृत होना अनिवार्य है।

मोबाइल नंबर पंजीकृत न होना

यदि उपयोगकर्ता का मोबाइल नंबर पंजीकृत नहीं है, तो उसे उसके निकटतम मोबाइल अपडेट एन्ड पॉइंट या आधार नामांकन केंद्र पर जाकर पंजीकरण करवाना पड़ेगा। ऐप भी एक्स्ट्रा फीचर जैसे कि ईकेवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक ग्राहक का पता) डेटा के साथ आता है, जो पासवर्ड और क्यूआर (त्वरित प्रतिक्रिया) का सुरक्षित कोड है। सरकार ने 1 जुलाई से आयकर रिटर्न (आईटीआर) दर्ज करने के लिए पैन (स्थायी अकाउंट नंबर) को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। इससे उन्हें एक नया पैन प्राप्त करने में मदद मिलेगी। भारत के निवासियों के लिए यूआईडीएआई द्वारा आधार और आयकर विभाग द्वारा पैन प्रदान किया जाता है। यह एक अल्फान्यूमेरिक संख्या है जिसमें 10 अंक शामिल होते हैं और इसे व्यक्तियों, फर्मों एवं किसी भी अन्य इकाई के लिए आवंटित किया जा सकता है। पिछले कुछ महीनों में विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई प्लेटफार्मों का इस्तेमाल किया है कि निर्धारित व्यक्ति ही अपने आधार को पैन के साथ जोड़ते हैं। उम्मीद की जाती है कि इससे लोगों को बहुत फायदा होगा क्योंकि वे अपने आधार कार्ड को हर जगह ले जा सकते हैं और इसके प्रयोग से नुकसान का कोई खतरा नहीं होगा। यह विशेष रूप से यह उन लोगों के लिए अधिक फायदेमंद होगा, जो अधिक यात्रा करते हैं और अपने पहचान संबंधी सभी दस्तावेज अपने साथ ले जाते हैं।