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वर्सोवा बीच पर सफाई का परिणाम

July 4, 2017


versova-beach-makeover-hindiवर्सोवा बीच पश्चिमी मुंबई का एक क्षेत्र है। यह हमेशा समुद्र तट और किले के लिए जाना जाता है। अरब सागर का सामना करते हुए, इस समुद्र तट ने पिछले कुछ वर्षों में मानव निर्मित विनाश को देखा है, जिससे पूरे क्षेत्र में कचरा बिखरा हुआ है। हाल ही के वर्षों में, कचरा और सीवेज के ढेर ने पर्यटकों के लिए वर्सोवा समुद्र तट को असुरक्षित बना दिया था। नवंबर 2015 और मई 2016 में किये गये एक अध्ययन से पता चला कि जुहू, वर्सोवा और अकसा सबसे प्रदूषित समुद्र तट थे। दो साल पहले, मुंबई के वकील और पर्यावरणवादी अफरोज शाह से प्रेरित होकर वर्सोवा के निवासियों ने समुद्र तट की सफाई के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं।

सफलता

शाह ने अपने एक कार्यक्रम के दौरान वर्सोवा समुद्र तट के नजदीकी हिस्सों पर प्लास्टिक अपशिष्ट का 5.5 फीट (1.67 मीटर) ऊंचा ढेर देखा। शाह ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अपने पड़ोसी हरबंश माथुर (84 वर्षीय) के साथ मिलकर कचरा साफ करना शुरू किया। जिससे पड़ोसियों को अत्यधिक प्रेरणा मिली और उन्होनें स्वच्छता अभियान में स्वयं को पेश कर दिया।

साफ-सफाई के दौरान तट पर 2.5 किलोमीटर दूरी तक लगभग 50,000 किलोग्राम कचरे को हटा दिया गया था। वास्तव में, यह दुनिया का सबसे बड़ा समुद्र तटीय स्वच्छता अभियान था, जोकि सरकार के द्वारा आयोजित न करने पर स्वयं नागरिकों द्वारा आयोजित किया गया था।

  • निवासियों के लिए एक साप्ताहिक साफ-सफाई अभियान आयोजित किया गया था क्योंकि वहाँ अभी भी कचरे का ढेर लगा रहता है।
  • अधिक संख्या में स्वयंसेवकों को समुद्र तट की साफ-सफाई में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया।
  • दिसंबर 2015 में, स्वयंसेवकों के लिए स्थानीय अधिकारियों ने कचरा ट्रक और खुदाई मशीन जैसे उपकरण उपलब्ध करवाए।
  • एक व्यक्ति द्वारा वर्सोवा समुद्र तट को साफ करने का विलक्षण प्रयास अगले छह महीनों में पूर्ण आंदोलन में बदल गया।
  • एक सप्ताह में सभी क्षेत्रों से 300 प्रतिभागी साफ-सफाई में शामिल हो गए, जिससे स्वयंसेवकों की संख्या में वृद्धि हुई।
  • वर्सोवा निवासियों ने स्वयंसेवकों (वीआरवी) के समूह का गठन किया था, वह लोग अपनी प्रगति को नियमित रूप से फेसबुक पर अपडेट करते थे।
  • समुद्र में सीवेज को रोकने के लिए समुद्र तट के पास शौचालयों को साफ रखने के लिए आंदोलन शुरू किया गया।
  • मार्च 2017 तक लगभग 43 सप्ताहों में, वर्सोवा निवासी स्वयंसेवकों ने वर्सोवा समुद्र तट से पाँच लाख किलोग्राम (5,000 मीट्रिक टन) कचरा साफ करने में सफलता प्राप्त की।

वीआरवी के प्रयासों को केवल विश्व स्तर पर ही ध्यान नहीं दिया गया बल्कि संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) में कहा गया कि यह जुलाई 2016 में “इतिहास का सबसे बड़ा समुद्र तटीय स्वच्छता अभियान” है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार, हर साल लगभग 13 लाख टन प्लास्टिक अपशिष्ट को दुनिया के महासागरों में फेंक दिया जाता है, जिसके लिए अब दुनिया को कार्य करने की आवश्यकता है।

अफ़रोज शाह को दुनिया भर के उन गंदे समुद्र तटों को साफ करने के प्रयासों के लिए जो पहले बहुत गंदे तटों के रूप में जाने जाते थे जबरदस्त सम्मान प्राप्त हुआ है। प्रदूषण के खिलाफ इस लड़ाई में प्रधानमंत्री मोदी ने शाह की पहल “प्रेरणादायक उदाहरण” की प्रशंसा की। शाह की इस उपलब्धि को यूएनईपी द्वारा मान्यता मिली और उन्हें संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च पर्यावरण पुरस्कार “चैंपियन आफ अर्थ” से सम्मानित किया गया।

शाह ने जो किया है वह भारत के हर नागरिक द्वारा किया जा सकता है। इसमें सरकार को दोष देना और अनदेखा करना आसान है। लेकिन इस समय हर भारतीय को स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत प्लास्टिक कचरे को कम करके और कचरा निपटान करके, भारत को अधिक कुशल बनाने के लिए जमीनी स्तर पर सक्रिय कदम उठाने होंगे। इससे पर्यावरण की रक्षा करने में मदद मिलेगी जो हमारा पोषण करती है। इस पहल का फैलना हमारे लिए अच्छी खबर है। महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) ने 19 समुद्र तटों जैसे माध, मारवे, गोराई, मनोरी, चिमबाई, माहिम, अक्सा, ईरंगल, उत्तन, वसई, दादर, दाना पानी, सिल्वर, गिरगांव चौपाटी, हैम्ला, पीरवाडी बीच(नवी मुंबई), जुहू और कलंब तथा मरीन ड्राइव को साफ करने के लिए इसी मॉडल का पालन करने की योजना बनाई है।

इंदौर में खान (खान) नदी को साफ करने के लिए साफ-सफाई अभियान भी शुरू किया गया है। उम्मीद है कि वर्सोवा समुद्र तट की सफलता की कहानी से प्रत्येक भारतीय नागरिक प्रेरित होगा, जिससे यह पहल पूरे भारत में जंगल की आग की तरह फैल जाएगी।