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भारत का वेस्ट इंडीज दौरा 2016

July 15, 2016


भारत का वेस्ट इंडीज दौरा 2016

भारत का वेस्ट इंडीज दौरा 2016


क्या टीम इंडिया वेस्ट इंडीज में श्रीलंका का कारनामा दोहरा पाएगी?

पिछले कई महीने से भारतीय क्रिकेट टीम ने टेस्ट मैच नहीं खेला है। पिछली टेस्ट शृंखला के दौरान – घरेलू शृंखला में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ- भारत ने स्पिनरों के लिए मददगार विकेट्स पर शानदार तरीके से 3-0 से शृंखला अपने नाम की थी और यह साबित किया था कि वह दुनिया में नंबर एक टेस्ट टीम है। अब, भारतीय टीम वेस्ट इंडीज के दौरे पर हैं। जो भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को नजदीकी से फॉलो करते हैं, वह जरूर जानते होंगे कि वेस्ट इंडीज की टीम की ताकत अभी वैसी नहीं है, जैसी एक जमाने में होती थी। भारत का पिछला विदेश दौरा श्रीलंका का था, जहां भारतीय टीम ने नजदीकी मुकाबले में 2-1 से शृंखला पर कब्जा जमाया था। अब सवाल यह उठता है कि क्या विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टेस्ट टीम वेस्ट इंडीज के खिलाफ वह कारनामा दोहरा सकेगी। इसका जवाब तो वक्त ही देगा, लेकिन इस वक्त इस शृंखला में भारतीय अवसरों का विश्लेषण करने में कोई परहेज नहीं होना चाहिए।

एक नजर भारतीय खिलाड़ियों पर

17 खिलाड़ियों की भारतीय टेस्ट टीम में इस फार्मेट के लिए हर तरह का अनुभव और क्वालिटी है, जो इस टीम को कम से कम कागज पर मजबूत तो बनाती ही है। बल्लेबाजी का नेतृत्व विराट कोहली करेंगे, जो संभावित तौर पर चार नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरेंगे। पहली तीन जगहों पर मुरली विजय, शिखर धवन और आजिंक्य रहाणे के आने की उम्मीद है। मुरली विजय को ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मैथ्यू हैडन के समकक्ष समझा जाता है तो वहीं शिखर धवन को वीरेंद्र सहवाल के लेफ्ट हैंड अवतार के तौर पर देखा जाता है। अजिंक्य रहाणे को हम ‘द वॉल’ यानी राहुल द्रविड़ के खाली किए स्थान का सबसे अच्छा विकल्प मान सकते हैं। रोहित शर्मा की खेलने की शैली की तुलना हम वीवीएस लक्ष्मण से कर सकते हैं, जो निश्चित तौर पर पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने मैदान में उतरेंगे। बल्लेबाजी लाइन-अप की मजबूती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केएल राहुल और चेतेश्वर पुजारा जैसे धुरंधरों को मैच में खेलने वाले 11 खिलाड़ियों में स्वाभाविक दावेदार के तौर पर नहीं देखा जा रहा।

रिद्धिमान साहा इस वक्त भारत के सबसे अच्छे विकेट कीपर हैं और मृतप्राय पिच पर स्टम्प के पीछे उनकी काबिलियत टीम के लिए काफी कारगर साबित होगी। यदि किसी भी पिच ने सीम और स्विंग में थोड़ी मदद की तो, स्टुअर्ट बिन्नी अपनी मध्यम तेज गति की गेंदों से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इतना ही नहीं निचले क्रम में बल्लेबाजी में भी महती भूमिका निभा सकते हैं। रविचंद्रन अश्विन और भुवनेश्वर कुमार की असली पहचान विकेट लेने वाले गेंदबाजों के तौर पर है, लेकिन बल्ले के साथ महत्वपूर्ण योगदान भी देते हैं। अमित मिश्रा भारत के सर्वश्रेष्ठ लेग स्पिनर हैं और कैरेबियाई पिचों पर थोड़ा भी घुमाव मिला तो वे घातक साबित होंगे।

भारत के पास तेज गेंदबाजी के विभाग में घातक हथियार हैं। आक्रमण का नेतृत्व ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी के कंधे पर होगी। दोनों ही तेज गति से गेंद फेंकने की काबिलियत रखते हैं। ईशांत के मामले में, गेंद की उछाल ही उनका हथियार होगा, वहीं शमी का स्किडी एक्शन, उनकी गेंदों को मिलने वाली स्विंग और स्पिन से बल्लेबाजों को कई मर्तबा लड़खड़ाने को मजबूर कर देता है। उमेश यादव के तौर पर सुरक्षित तेज गेंदबाज भी हैं। वह भी तेज होने के साथ ही किसी भी अच्छे दिन सबसे मारक साबित हो सकते हैं। शार्दुल ठाकुर भी टीम में हैं, जो पिछले कुछ समय में घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिताओं में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत चुने गए हैं। वरुण ऐरन भी चुने गए हैं, जिससे टीम प्रबंधन को उनकी तेज गेंदबाजी और देरी से स्विंग होती गेंद फेंकने वाले गेंदबाज का एक विकल्प मिल गया है। हार्दिक पंड्या का टीम में न होना आश्चर्यजनक है। खासकर तेज गेंदबाजी और बल्लेबाजी की क्षमता को देखते हुए वे टीम इंडिया में एक “एक्स-फेक्टर” साबित हो सकते थे। हालांकि, वह एक टेस्ट क्वालिटी ऑल-राउंडर हैं और उम्मीद है कि उन्हें जल्द से जल्द भारतीय टीम में मौका भी मिलेगा।

एक नजर वेस्ट इंडीज टेस्ट टीम पर

वेस्ट इंडीज के श्रेष्ठ खिलाड़ी, जैसे कि आंद्रे रसैल, ड्वेन ब्रावो, लेंडिल सिमंस, कैरन पोलार्ड, डैरेन सैमी, क्रिस गेल, सुनील नरेन और जेरोम टेलर टेस्ट टीम में नहीं हैं। ब्रावो, सैमी और टेलर ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, जबकि रसैल और सिमंस ने खुलकर कह दिया है कि उनके शरीर टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। पोलार्ड, गेल और नरेन को टेस्ट टीम में नहीं चुना गया क्योंकि उन्होंने प्रथम-श्रेणी क्रिकेट प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था। इन महान क्रिकेटरों की मौजूदगी निश्चित ही वेस्ट इंडीज टीम में अंतर ला देती, लेकिन इनकी गैर-मौजूदगी के साथ ही क्षेत्र में कैरिकोम के वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) में विलय को लेकर अनिश्चितता छाई हुई हैं। डब्ल्यूआईसीबी को अब इस बात पर पक्का यकीन हो चला है कि इस विलय में कुछ भी गलत नहीं है। एक अनिश्चित माहौल का असर खिलाड़ियों पर भी दिख रहा है।

एक नई पीढ़ी

कैरेबियाई चयनकर्ताओं ने 12 खिलाड़ियों की जो टीम चुनी है, वह योग्यता के लिहाज से पिछले कुछ वर्षों में सबसे अच्छी है। बल्लेबाजी के विभाग में मर्लोन सैमुअल्स और डैरेन ब्रावो मध्य क्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। क्रैग ब्रेथवेट के साथ ही फिर से टीम में शामिल किए गए लियोन जॉनसन और जैरमन ब्लैकवुड की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहने वाली है। उम्मीद की जा रही है कि बारबडोस के बैट्समैन कम ऑफ स्पिनर रोस्टन चेज को टेस्ट में पदार्पण का मौका राजेंद्र चंद्रिका से पहले मिलेगा। चंद्रिका ने भले ही भारत के खिलाफ हालिया प्रथम-श्रेणी मुकाबले में नाबाद अर्धशतक लगाया हो, उनमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जरूरी गहराई नजर नहीं आई। योग्य और कुशल शेन डोवरिच विकेट कीपिंग करेंगे। उन्होंने पहले ही ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के खिलाफ बल्लेबाजी के जौहर दिखाकर अपनी क्षमता का परिचय दे दिया है। सिर्फ यह देखना शेष है कि अतिरिक्त जवाबदारी के साथ उनकी प्रतिक्रिया क्या होती है।

जहां तक गेंदबाजी का सवाल है, सुलेमान बेन का नाम शामिल न होना थोड़ा चकित करता है क्योंकि उन्होंने पिछले कुछ महीनों में बेहतरीन गेंदबाजी का नमूना पेश किया है। उनकी जगह देवेंद्र बिशू को लिया गया हैं, वह क्षमतावान लेग स्पिनर हैं और उनका भी हक बनता है। शेनन गैब्रियल कैरेबियाई द्वीप पर सबसे तेज गेंदबाज है, लेकिन उन्हें स्थापित भारतीय बल्लेबाजों को परेशान करने के लिए अपनी गेंदबाजी में सटीकता बढ़ानी होगी। कप्तान जैसन होल्डर और कार्लोस ब्रेथवेट जैसे खिलाड़ियों से अपने महकमे में बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद तो रहेगी ही, साथ ही उन्हें जरूरत के वक्त पर निचले क्रम में बल्लेबाजी भी करनी होगी।

वेस्ट इंडीज की चयन नीति की सराहना करनी होगी कि उन्होंने खिलाड़ियों की उपयोगिता के हिसाब से उन्हें चुना और साथ ही उन्हें एक उद्देश्य भी सौंपा। खिलाडी खुद को टेस्ट मैच के लिए तैयार करें और उन्हें ऐसा करना ही चाहिए। यदि वे किसी मैच में चुक जाते हैं तो वे अगले श्रेष्ठ स्तर पर अपना प्रदर्शन करने के लिए तैयारी कर सकते हैं। फिल सिमंस ने टीम को टी-20 विश्वकप जीतने के लिए तैयार किया था। कैरेबियाई प्रशंसकों को निश्चित तौर पर उसी कारनामे को दोहराने की उम्मीद टेस्ट मैच में भी रहेगी।

स्थान

भारत अपने चार टेस्ट मैच एंटीगुआ, जमैका, सेंट लुसिया और त्रिनिदाद में खेलेगा। एंटीगुआ के नॉर्थ साउंड में सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग है। दूसरा और तीसरा टेस्ट मैच सबीना पार्क, किंग्सटन, जमैका और डैरेन सैमी नेशनल क्रिकेट स्टेडियम, ग्रॉस आइसलेट, सेंट लुसिया में खेला जाएगा। इन जगहों के विकेट तेज हैं। अंतिम टेस्ट क्वींस पार्क ओवल, पोर्ट ऑफ स्पेन, त्रिनिदाद में खेला जाएगा, जहां पिच स्पिनरों को मदद करेगी।

ऐसे में, कागज पर टीम इंडिया ने अपनी बुनियाद को मजबूत कर रखा है। ऐसा लग रहा है कि श्रीलंका में जो हुआ, वह दोहराया जाएगा। यह देखना अभी शेष है कि वेस्ट इंडीज की पिच का व्यवहार कैसा रहेगा, क्या उनमें मसालेदार पिच बनाने का साहस है या मृतप्राय विकेट बनाएंगे जो कम से कम उन्हें मैच ड्रा कराने में मददगार साबित होंगे?

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समुद्रानील