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डिजीटल लॉकर क्या है?

May 27, 2017


digilocker-hindiडिजीलॉकर भारत सरकार द्वारा फरवरी 2015 में शुरू की गये डिजिटल इंडिया पहल का एक हिस्सा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) तथा संचार एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी, यह डिजीलॉकर वास्तव में एक ई-लॉकर है जो आपके आधिकारिक और अन्य दस्तावेजों को सुरक्षित रखता है।

डिजिटल लॉकर क्या है?

यह एक व्यक्तिगत रूप से सुरक्षित ऑनलाइन भंडारण स्थान है, इसमें आप अपने दस्तावेजों को स्टोर कर सकते हैं। यह सेवा सभी भारतीय नागरिकों के लिए आधार कार्ड के माध्यम से उपलब्ध है। प्रत्येक नागरिक को डिजिटल लॉकर में, अपनी आधार संख्या से पंजीकृत होने पर भंडारण के लिये, 1 जीबी का स्थान आवंटित किया जाएगा। आप इसमें अपने आधिकारिक दस्तावेज जैसे पैन कार्ड, पासपोर्ट के दस्तावेज और मतदाता पहचान पत्र आदि ही नहीं बल्कि विभिन्न विभागों द्वारा जारी किए गए ई-दस्तावेज़ों के स्त्रोत के आइडेंटिफायर (यूआरएल) लिंक भी स्टोर कर सकते हैं। इस प्रणाली में प्रदान की गयी ई-हस्ताक्षर सुविधा के माध्यम से आप ई-दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।

डिजिटल लॉकर का वर्गीकरण

मेरे प्रमाण पत्र:

(1) डिजिटल दस्तावेज: इसमें विभिन्न सरकारी विभागों या अन्य एजेंसियों द्वारा उपयोगकर्ता के लिये जारी किए गए दस्तावेज़ों के यूआरएल लिंक शामिल हैं।

(2) अपलोड किए गए दस्तावेज़: डिजिटल लॉकर के इस उपभाग में उपयोगकर्ता द्वारा स्टोर/ अपलोड किये गये दस्तावेज हैं। कोई भी फाइल का आकार 1 एमबी से अधिक नहीं होना चाहिए। इसमें केवल पीडीएफ, जेपीजी, जेपीईजी, बीएमपी, जीआईएफ तथा पीएनजी प्रकार की फाइलों को अपलोड किया जा सकता है।    

मेरी प्रोफाइल: उपयोगकर्ता की पूरी प्रोफाइल को यहाँ पर देखा जा सकता है।

मेरे जारीकर्ता: जारीकर्ता के नाम और उपयोगकर्ता को जारी किए गए दस्तावेज यहाँ उपलब्ध हैं।

मेरे निवेदक: अनुरोधकर्ताओं के नाम और अनुरोधकर्ताओं द्वारा अनुरोधित दस्तावेज यहाँ उपलब्ध हैं।

निर्देशिकाएँ: यहाँ पर पंजीकृत जारीकर्ताओं और अनुरोधकर्ताओं की पूरी सूची उनके यूआरएल के साथ उपलब्ध है।

इससे जुड़ने की प्रक्रिया: यह कैसे काम करता है?

इससे जुड़ने के लिये डिजिटल लॉकर (https://digitallocker.gov.in/) की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग ऑन करें।

साइन-इन पर क्लिक करें।

टैक्स्ट बॉक्स में “दर्ज आधार संख्या” में  अपने आधार नंबर की संख्या को लिखें।

यहाँ पर आपके चुनने के लिये दो विकल्प हैं- “यूज ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड)” या फिर “यूज फिंगरप्रिंट”।

ओटीपी

यदि आप ओटीपी विकल्प का चयन करते हैं तो आपके आधार के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर एक पासवर्ड भेजा जायेगा।

अपने ओटीपी को दर्ज करने के बाद “वेलीडेट ओटीपी” पर क्लिक करें।

एक बार ओटीपी मान्य हो जाने पर, उपयोगकर्ता अपना नाम और पासवर्ड दर्ज करके साइन अप प्रक्रिया को पूरा कर सकता है।

फिंगरप्रिंट

यदि आप फिंगरप्रिंट के विकल्प का चयन करते हैं तो आपको अंगूठे की छाप वाली मशीन पर अपने अंगूठे का प्रिंट देना होगा। यदि यह मान्य है तो आपकी पहचान प्रमाणित हो जाती है। उपयोगकर्ता अपना नाम और पासवर्ड दर्ज करके साइन अप प्रक्रिया को पूरा कर सकता है।

सोशल मीडिया का उपयोग

आप अपनी जीमेल आईडी या फेसबुक आईडी का भी उपयोग करके साइन इन कर संकेत हैं।

डिजिटल लॉकर प्रणाली के लाभ

  • नागरिकों को डिजिटल प्रणाली के लिये सक्षम बनाता है।
  • दस्तावेजों की आसान ऑनलाइन उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
  • भौतिक और जाली दस्तावेज़ों के उपयोग को कम करता है।
  • ई-दस्तावेजों को प्रामाणिकता प्रदान करता है।
  • सरकार द्वारा जारी किये गए दस्तावेज़ों तक एक सुरक्षित पहुँच प्रदान करता है।
  • सरकारी विभागों और एजेंसियों की प्रशासनिक लागत को कम करता है।
  • किसी भी समय और किसी भी जगह से इन दस्तावेजों तक पहुँचा जा सकता है।
  • विभागों और एजेंसियों में दस्तावेजों को आसानी से साझा करने में सक्षम बनाता है।
  • उपयोगकर्ताओं को उनके डेटा के मामले में पूर्ण गोपनीयता सुनिश्चित करता है।