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रैन्समवेयर क्या है? ग्लोबल रैन्समवेयर हमले से खुद को कैसे सुरक्षित रखें?

May 18, 2017


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12 मई 2017 को, दुनिया को उनके कंप्यूटरों की स्क्रीन पर एक मैसेज मिला, जिसमें कहा गया था कि उनकी कंप्यूटर फाइलों को लॉक किया गया है और  300 डालर का क्रिप्टोकार्जेन्सी बिटकॉइन के रूप में भुगतान करने पर उन्हें एक पैच (विशेष कोड) प्राप्त होगा जो उनकी फाइलों को अनलॉक करेगा। यदि आपने भुगतान नहीं किया तो आपका डाटा हमेशा के लिए नष्ट हो जायेगा।

रैन्समवेयर “वान्नाक्राई” था और यह खासकर उन लोगों को रूलाना चाहता था, जिन्होंने अपना महत्वपूर्ण डाटा कंप्यूटर में स्टोर कर रखा था।

यह दुनिया भर में हज़ारों व्यावसायिक संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, सेवा प्रदाताओं आदि के लिए एक दुःखद घटना साबित हुई। रैन्समवेयर का सुदूर पूर्व एशिया और यूरोप के कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं पर शुक्रवार को आक्रमण हुआ और सोमवार की सुबह तक इसने लगभग सभी कंप्यूटरों को अपनी चपेट में ले लिया।

इससे ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) और ब्रिटेन के सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता संस्थानों पर काफी प्रभाव पड़ा, छोटे पैमाने पर हिताची, रेनॉल्ट, जापान, दक्षिण कोरिया, चीन, यूके समेत भारत में भी कई अन्य कंपनियां इससे प्रभावित हुईं।

तो रैन्समवेयर है क्या?

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है यह एक कम्प्यूटर वायरस है, यह आपकी कंप्यूटर फाइलों को संक्रमित करके नष्ट करने के उद्देश्य से बनाया गया था। इससे आपको कंप्यूटर के कुशल संचालन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, यह फाइल शेयर करने वाले पथ को पहचानने के लिए संक्रमित कंप्यूटर सिस्टम में कमजोरियों को पकड़ता है। यह संक्रमित कंप्यूटर के सम्पर्क में आने वाले कंप्यूटरों तक फैल सकता है जो प्रत्यक्ष केबल कनेक्शन द्वारा या इंटरनेट के माध्यम से कनेक्ट हों। जहाँ पर यह अपने लक्षित कंप्यूटर या डिवाइस में संक्रमण की प्रक्रिया को दोहराता है।

गलत इरादे से लिखे गये कोड को धोखा देकर दूसरे कंप्यूटरों को नष्ट करने की धमकी देना और पर्याप्त भुगतान मिल जाने पर एक विशेष कोड या प्रक्रिया के जरिये उन्हें बहाल कर देना, रैन्समवेयर कहलाता है।

रैन्समवेयर जैसे वैश्विक हमलों से स्वयं को कैसे बचायें-

यह समझना बहुत जरूरी है कि रैन्समवेयर जैसा वान्नाक्राई केवल एक दुर्भावनापूर्ण हमला है। कंप्यूटर, मोबाइल या इसी प्रकार की कोई भी अन्य डिवाइस वायरस, ट्रोजन्स या  फ़िशिंग से असुरक्षित हो सकती हैं। इसमें आपके निजी डाटा से छेड़छाड़ की जायेगी या आपकी डिवाइस केवल बंद हो जायेगी।

भविष्य में इस तरह के हमलों से सुरक्षा के लिये-

अपनी डिवाइस में एंटी वायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें

इसका एक उपाय यह है कि अपनी डिवाइस में एंटी वायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करके उसको स्वचालित मोड पर एक्टिव कर दें। यदि आपने अपने एंटी वायरस सॉफ़्टवेयर को स्वचालित मोड पर एक्टिव न करके मैन्युअल अपडेट पर एक्टिव किया है तो दोबारा हमला होने की स्थिति में आपकी डिवाइस इस हमले की चपेट में आ सकती है जो आपको अपनी डिवाइस को ऑन करने पर मालूम होगा।

इस प्रकार के हमलों के होने और उनके दुनिया भर में फैलने में एक सेकेंड से भी कम समय लगता है और जब तक आप जल्दी से ही इसका कोई हल न निकाल लें या आपको पैच (विशेष सुरक्षा कोड) न मिले, यह आपकी डिवाइस को क्षतिग्रस्त करता रहेगा।

इसलिए, आपको यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपका एंटी वायरस सॉफ्टवेयर हमेशा आटोमैटिक अपडेट मोड पर होना चाहिये, जब आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो इस प्रकार की क्षतियों से सुरक्षा के लिये यह आटोमैटिक रूप से सुरक्षा पैच को डाउनलोड कर सकता है।

याद रखें, एंटी वायरस सॉफ़्टवेयर केवल एक निश्चित सीमा तक ही आपकी डिवाइस को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। ज्यादातर वायरस या इस तरह के बुरे सॉफ़्टवेयर आपकी डिवाइस में पेन ड्राइव और ईमेल के माध्यम से भी आ सकते हैं।

अपने ऑपरेटिंग सिस्टम में बदलाव करें

यह पाया गया है कि वर्तमान में होने वाले इस “वान्नाक्राई” हमले का मुख्य लक्ष्य विंडोज एक्स पी पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम थे। माइक्रोसॉफ्ट द्वारा निर्मित इस ऑपरेटिंग सिस्टम को 2014 में बंद कर दिया गया था।

मैक और एंड्रॉइड आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम इस हमले से बच गये लेकिन कोई गारंटी नहीं है कि अगली बार भी यह बच पायेंगे। टेक्नोलॉजी के युग में इस प्रकार के हमलों से बचने के लिये कोई भी 100% सुरक्षित नहीं है लेकिन इससे बचने के उपाय किये जा सकते हैं।

वर्तमान में इस वैश्विक हमले के समय, कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं ने गलती से विंडोज एक्स पी को अपने कंप्यूटर सिस्टम में चलाना जारी रखा था। वर्तमान में चल रहे विंडोज़ 10 पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम वाले कंप्यूटर इस हमले से सुरक्षित रहे।

वायरस रैन्समवेयर, ट्रोजन या फ़िशिंग कोड आपके सिस्टम को पेन ड्राइव द्वारा, किसी अन्य सिस्टम से अपने सिस्टम को कनेक्ट करने पर और इंटरनेट के जरिए संक्रमित कर सकता है। आपके सिस्टम में यह एक अनुलग्नक के रूप में आ सकता है।

इस पर क्लिक करने से आपकी महत्वपूर्ण जानकारियाँ जैसे- बैंकिंग उपयोगकर्ता नाम, पासवर्ड आदि शेयर हो सकते हैं। “वन्नाक्राई” के मामले में यह आपके सिस्टम को चलायेगा नहीं बल्कि सिर्फ आपको रूलायेगा।

अनुलग्नक के साथ संदिग्ध ईमेल पर भी नजर रखें

इस प्रकार के आम हमलों की शुरूआत इंटरनेट पर ईमेल के माध्यम से होती है इसलिये अपने आप को इस प्रकार के हमलों से बचाने के लिये कोई भी ई-मेल खोलने से पहले ई-मेल और जंक ई-मेल को अच्छी तरह से देख लें। ई-मेल भेजने वाले की यूआरएल को भी अच्छी तरह से जाँच लें।

यह ई-मेल आपको बैंक, कंप्यूटर सप्लायर या ऑपरेटिंग सिस्टम आपूर्तिकर्ता के जैसे विश्वसनीय स्रोत से प्राप्त होने जैसा लगेगा लेकिन ध्यान से देखने पर इसमें गलत URL का पता चलता है। इस प्रकार के संदिग्ध ई-मेल या मैसेज को तुरंत डिलीट करें और इनके साथ आने वाले किसी भी संलग्नक को न खोलें।

नियमित रूप से अपने सिस्टम को स्कैन करते रहें और बाहरी बैक-अप बनाये रखें

सभी विंडोज, मैक और एंड्रॉइड सिस्टमों में पहले से ही स्कैनिंग टूल्स दिये जाते हैं, उपयोगकर्ता इन टूल्स के उपयोग से अपनी डिवाइस की कमियों को अपडेट करते रहें।

कम्प्यूटर या मोबाइल में स्टोर की गयी अपनी महत्वपूर्ण फाइलों का नियमित रूप से बाहरी बैक-अप तैयार करते रहें, इस प्रकार आप केवल उन्हीं फाइलों को खोयेंगे जो आपने अंतिम बैक-अप के बाद स्टोर की थीं। प्रत्येक दिन अपनी स्टोर की गयी फाइलों का बैक-अप बनाते रहें। व्यवसायों में कार्यरत लोगों के लिये प्रति घंटा अपना बैक-अप बनाने की सलाह दी जाती है। आपके लिये सबसे अच्छी बात यह होगी कि आप मौजूदा समय में ही किसी बाहरी डिवाइस या क्लाउड में अपना बैक-अप तैयार करते रहें।

इन नियमों का पालन करें और हर रात आराम से सोयें।