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चंदन नायक कहाँ प्रशिक्षण लेंगे

August 16, 2016


चंदन नायक एफसी बैयर्न म्युनिख में लेंगे प्रशिक्षण

चंदन नायक एफसी बैयर्न म्युनिख में लेंगे प्रशिक्षण

ओडिशा में भुवनेश्वर की सरदार शाही बस्ती में रहने वाले 11 साल के फुटबॉल खिलाड़ी चंदन नायक को जर्मनी में बैयर्न म्युनिख में प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। म्युनिख में आयोजित जूनियर फुटबॉल कैम्प का सारा खर्च प्रशिक्षण देने वाली संस्था ही उठाएगी। नायक यूरोप के दूसरे सबसे लोकप्रिय फुटबॉल क्लब में एक एकेडमी प्लेयर के तौर पर खेलेंगे। क्या यह सपने के पूरे होने जैसा नहीं है? निश्चित तौर पर है!

आपमें से कई लोग फुटबॉल को फॉलो नहीं करते होंगे। ऐसे में यह बताना जरूरी है कि बैयर्न म्युनिख जर्मनी में स्थित सबसे महानतम फुटबॉल क्लबों में से एक है। यह क्लब आंद्रे मोलर, आर्जेन रॉबेन, फ्रांक हेनरी पियरे रिबरे और जेरोम एजिनिम बोटेंग जैसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए जाना जाता है।

चंदन नायक की मां, दुहती नायक लोगों के घरों में काम करती हैं। आमदनी बहुत कम है, फिर भी वह अपने बेटे चंदन को भुवनेश्वर के कैपिटल हाई स्कूल भेजती हैं। चंदन छठी कक्षा का छात्र है और फुटबॉल के लिए उसकी दीवानगी देखते ही बनती है। वह अर्जेंटीना के बार्सिलोना के लिए 10 नंबर जर्सी पहनने वाले खिलाड़ी लियोनेस मेसी को आदर्श मानता है। चंदन नायक अब बैयर्न म्युनिख जाएगा और एक एकेडमी प्लेयर के तौर पर अपने जुनून को खेल के मैदान पर उतारने की कोशिश करेगा।

बैयर्न म्युनिख, जर्मनीक्लब के बारे में

आइये उस क्लब के बारे में कुछ जानते हैं, जहां चंदन नायक रहकर फुटबॉल की बारीकियां सीखने वाला है

1900 में शुरू हुआ फुटबॉल क्लब बैयर्न म्युनिख को एफसीबी नाम से भी जाना जाता है, जो जर्मनी के म्युनिख के बावरिया में है।

एफसीबी अपनी पेशेवर टीम के लिए प्रसिद्ध है। यह बुंदेसलिगा में खेलती है। जर्मन फुटबॉल लीग सिस्टम की शीर्ष स्तर पर खेलती है।

26 राष्ट्रीय खिताब और 18 राष्ट्रीय कप के साथ, एफसीबी जर्मनी का सबसे सफल और यूरोप का दूसरे नंबर का फुटबॉल क्लब है।

यह क्लब यूईएफए कप, यूरोपीय कप विनर्स कप, यूईएफए सुपर कप, एक फीफा क्लब विश्व कप और दो अंतरराष्ट्रीय कप समेत कई पुरस्कार जीत चुका है।

यह क्लब 1998 से ही अपने चरम पर चल रहा है।

एफसीबी यूईएफए क्लब कोइफिशियंट रैंकिंग और आईएफएफएचएस क्लब वर्ल्ड रैंकिंग, दोनों में ही नंबर दो पर है।

एफसी बैयर्न के पांच मैदान है। इसमें दो मिट्टी के मैदान हैं। यह वह मैदान हैं, जहां कल के स्टार तैयार होते हैं। भारत का चंदन नायक भी यहां प्रशिक्षण पाने वाला है।

सपने की ताकत

अपनी उम्र के अन्य बच्चों की ही तरह चंदन नायक को भी फुटबॉल अच्छा लगता है। हालांकि, उसका प्रदर्शन अन्य बच्चों से अच्छा है। वह न केवल इस खेल के प्रति दीवाना है, बल्कि उसका कौशल भी अन्य से बेहतर है। फुटबॉल मैदान पर पहली बार उतरने के बाद से ही उसने गेंद पर नियंत्रण करना सीखा और ड्रिबलिंग और पास देने में महारत हासिल की।

जल्द ही उसने मैच में भाग लेना शुरू किया। लेकिन पुणे में एक ऑल इंडिया प्रतिस्पर्धा में उसे औसत ऊंचाई की वजह से भाग नहीं लेने दिया गया। उसे बाहर बैठना पड़ा था। हालांकि, उसने कोच को संतुष्ट किया और खेला। उसके ही शब्द हैं– “मैं बजाज अलायंज टूर्नामेंट में सिलेक्ट होने के बाद पुणे की प्रतिस्पर्धा में भाग लेने गया था। वहीं पर मेरा चुनाव जर्मनी के लिए हुआ।

बजाज अलायंज लाइफ जूनियर फुटबॉल कैम्प की शुरुआत 2010 में हुई थी। क्लब ने देशभर के स्कूलों और क्लब में जाना शुरू किया था। उद्देश्य था ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की तलाश, जिनके कौशल को निखारकर पूरी दुनिया के सामने बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी के तौर पर पेश किया जा सके। कंपनी ने निश्चित तौर पर इस अभियान के तहत देश के चारों कोनों को खंगाल लिया। हर साल वे श्रेष्ठ की तलाश करते। पांचखिलाड़ियों को चुनते और उन्हें जर्मनी में बैयर्न म्युनिख फुटबॉल क्लब भेजते। इस साल जिन 12 में प्रतिस्पर्धा थी, उनमें चंदन सबसे कम उम्र का था।

चंदन जर्मनी जाने को लेकर उत्साहित है। उसे यह बिल्कुल नहीं पता कि जिस क्लब में वह ट्रेनिंग के लिए जा रहा है, वह यूरोप का दूसरा सबसे अच्छा क्लब है। फुटबॉलर्स में खासा लोकप्रिय है। चंदन इस अवसर को लेकर काफी रोमांचित भी है। वह कहता है– “मुझे उम्मीद है कि मैं ऐसा प्रदर्शन करूंगा कि मैं अपने राज्य का नाम ऊंचा उठा सकूं।

उसके कोच जयदेव मोहपात्रा का कहना है कि यह गर्व का विषय है कि चंदन का सिलेक्शन बैयर्न म्युनिख के लिए खेलने के लिए हुआ है। ऑल इंडिया लेवल पर जो प्रतिस्पर्धा हुई, उसमें वह सबसे कम उम्र का था। सिर्फ 11 साल का। एक गरीब पृष्ठभूमि से आने के बाद भी उसे विदेश जाने का अवसर मिला, यह राज्य के लिए एक गर्व का विषय है।

साथी खिलाड़ियों, सीनियरों के साथ ही अन्य कोच भी चंदन के लिए काफी खुश हैं। इस उपलब्धि पर जश्न मना रहे हैं।

चंदन की मां दुहिता नायक को लगता है कि उनकी प्रार्थना को भगवान ने सुन लिया। उनका बेटा अपना सपना पूरा करने जा रहा है। लेकिन किसी भी अन्य मां की ही तरह उनका भी यही प्रार्थना है कि बेटा सकुशल लौट आए। वह कहती हैं– “मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा हमारे राज्य का नाम आगे बढ़ाए। लेकिन उसे मेरे पास सुरक्षित लौटना होगा। शुरुआत में मैं उसे बाहर जाने से रोकना चाहती थी। लेकिन उसके सभी ट्रेनर्स और शुभचिंतकों ने मुझे इसके लिए राजी किया।

निश्चित तौर पर यह परिकथा जैसा ही है। हम चंदन नायक को ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए शुभकामनाएं देते हैं और यह उम्मीद करते हैं कि वह लौटेगा तब एक फुटबॉल स्टार होगा। वह न केवल ओडिशा, बल्कि देश का नाम रोशन करेगा।