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उर्जित पटेल आरबीआई के नए गवर्नर

August 29, 2016


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उर्जित पटेल आरबीआई के नए गवर्नर

उर्जित पटेल आरबीआई के नए गवर्नर

रघुराम राजन का भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुखिया (गवर्नर) पद पर कार्यकाल 4 सितंबर 2016 को खत्म हो जाएगा। उनकी जगह आरबीआई के ही डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल इस पद के लिए चुने गए हैं। इस पदोन्नति के साथ ही पटेल भारत के केंद्रीय बैंक के गवर्नर बनने वाले 24वें व्यक्ति हो जाएंगे। उन्हें जनवरी में ही दूसरा कार्यकाल दिया गया था। डिप्टी गवर्नर के तौर पर पटेल ने आरबीआई के उस पैनल का नेतृत्व किया जो मौद्रिक नीति पर रिपोर्ट पेश करता था। उनकी ही रिपोर्ट पर आरबीआई में मौजूदा सुधारों को शुरू किया गया है।

मौद्रिक नीति समिति का आधार बनाना

पटेल समिति की रिपोर्ट ने मौद्रिक नीति समिति की बुनियादी भी रखी है। अब आरबीआई के साथ ही उसके गवर्नर की अधिकांश शक्तियां इस समिति के हाथों में चली जाएंगी। समिति ने सरकारी कर्ज के प्रबंधन के लिए भी एक एजेंसी बनाने की सिफारिश की है। इस नई समिति के नेतृत्व में राष्ट्र की सरकार मुद्रास्फीति का लक्ष्य तय करेगी। आरबीआई और उसके गवर्नर को उसे हासिल करना होगा। यदि लक्ष्य हासिल नहीं किया जाता, तब आरबीआई गवर्नर को संसद में जवाब देना होगा।
अब तक का सफर

पटेल ने इससे पहले बोस्टन कन्सल्टिंग ग्रुप में एडवाइजर (एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर) के तौर पर काम किया था। वे येल यूनिवर्सिटी के एक पूर्व छात्र हैं, जहां से उन्होंने 1990 में इकोनॉमिक्स में पीएचडी की थी। उन्होंने 1986 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एम.फिल किया। 2009 से उन्होंने ब्रूकिंग इंस्टीट्यूशन में नॉन-रेसिडेंशियल कैपेसिटी के साथ- सीनियर फैलो की भूमिका निभाई। 1990 से 1995 तक पटेल ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में काम किया। भारत के सात ही अमेरिका, म्यांमार और बहामास जैसे कई देशों के डेस्क से ऑपरेट किया। आईएमएफ ने उन्हें 1996 से 1997 तक आरबीआई में प्रतिनियुक्ति पर भी भेजा था।
उस क्षमता में उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े कई क्षेत्रों में सुझाव दिए थे, जिनमें से कुछ नीचे दिए हैं-

•कर्ज बाजार का विकास
•वास्तविक विनिमय दर लक्ष्य निर्धारण
•बैंकिंग क्षेत्र में सुधार
•विदेशी विनिमय बाजार का क्रमिक-विकास
•पेंशन फंड से जुड़े सुधार
1998 से 2001 के बीच, पटेल ने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, आर्थिक मामलों के विभाग में कंसल्टेंट के तौर पर काम किया। उन्होंने इससे पहले निम्न भूमिकाओं को निभाया हैः
• प्रेसिडेंट (बिजनेस डेवलपमेंट), रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल)
• इंटीग्रेटेड एनर्जी पॉलिसी कमेटी के सदस्य (2004 से 2006)
• इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कंपनी (आईडीएफसी) के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और सदस्य, 1997 से 2006 तक
•गुजरात राज्य पेट्रोलियम कॉरपोरेशन बोर्ड के सदस्य

वर्ष 2000 से 2004 तक पटेल केंद्र और राज्य स्तर पर कई उच्च स्तरीय समितियों में करीब से जुड़े रहे। उनमें से कुछ का उल्लेख नीचे किया जा रहा है-
•वित्त मंत्रालय के अधीन प्रत्यक्ष कर पर बनी टास्क फोर्स
• नागरिक उड्डन सुधारों पर बनी समिति
• भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की एडवायजरी कमेटी (रिसर्च प्रोजेक्ट्स और मार्केट स्टडीज)
• ऊर्जा मंत्री के राज्य बिजली बोर्ड्स पर बना विशेषज्ञ समूह के साथ ही नागरिक और रक्षा सेवा की पेंशन प्रणाली की समीक्षा के लिए बना उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समूह
• इंफ्रास्ट्रक्चर पर प्रधान मंत्री के टास्क फोर्स के सचिवालय, दूरसंचार मामलों पर बना मंत्रियों का समूह

पटेल ने कई क्षेत्रों में तकनीकी प्रकाशन और शोध पत्र भी लिखे हैं, जो इस तरह हैं:
• इंडियन मैक्रोइकोनॉमिक्स (भारतीय समष्टि अर्थशास्त्र)
• फाइनेंशियल इंटरमीडिएशन (वित्तीय हस्तक्षेप)
• पब्लिक फाइनेंस (लोक वित्त)
• इंटरनेशनल ट्रेड (अंतरराष्ट्रीय व्यापार)
• इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचा)
• इकोनॉमिक्स ऑफ क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन का अर्थशास्त्र)

मोदी द्वारा शुरू किए गए अन्य कार्यक्रम:

भारत में सामाजिक सुरक्षा हेतु अटल पेंशन योजना (एपीवाय)

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना’

सुकन्या समृद्धि अकाउंटः भारत में लड़कियों के लिए नई योजना

प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाय)

भारत में सामाजिक सुरक्षा हेतु अटल पेंशन योजना (एपीवाय)

2014 में मोदी द्वारा किये गए टॉप पांच कार्यक्रम

प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाय) – एक दुर्घटना बीमा योजना

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