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अगस्त महीने में प्रमुख भारतीय त्योहार

July 28, 2016


अगस्त के महीने में मनाए जाने वाले प्रमुख भारतीय त्योहार

अगस्त के महीने में मनाए जाने वाले प्रमुख भारतीय त्योहार

अगस्त भारतीयों के लिए खास महीना होता है। इस महीने में देश न केवल अपना स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) मनाता है, बल्कि कई जश्न भी इसमें होते हैं। हम आपके लिए अगस्त महीने में मनाए जाने वाले कुछ भारतीय त्योहारों की जानकारी लाए हैं:

आदि पेरुक्कु – 2 अगस्त 2016 (मंगलवार)

आदि पेरुक्कु आदि (तमिल माह) के 18वें दिन मनाया जाता है। यह एक मानसून आधारित उत्सव है, जो मुख्य रूप से खेती से जुड़े लोग मनाते हैं। उफनती नदियों से आए पानी को लेकर यह मनता है। तमिलनाडु के कई मंदिरों में यह उत्सव मनाया जाता है। वहां महिलाएं देवी पचई अम्मा की आराधना करती हैं। इस दिन ज्यादातर परिवार लंच पैक कर आसपास की झील या तालाब के किनारे पिकनिक करना पसंद करते हैं। महिलाएं और बच्चे शाम को इन जलाशयों के पास दीप जलाकर आभार प्रकट करते हैं। सांकेतिक तौर पर सरकार भी इस दिन बाढ़ के पानी को छोड़ने के आदेश जारी करती है।

हरियाली तीज – 5 अगस्त 2016 (शुक्रवार)

हरियाली तीज या छोटी तीज भी एक मानसून आधारित उत्सव है, जो उत्तर भारत में विवाहित महिलाएं मनाती हैं। यह त्योहार श्रावण महीने की पहली तीज को मनाया जाता है। बारिश और झूलों का संबंध काफी पुराना है। पुरुष हरियाली तीज पर अपनी पत्नियों के लिए बड़े पेड़ों पर झूले लगाते हैं। इस दिन भारतीय महिलाएं देवी पार्वती की आराधना कर सुखी दांपत्य जीवन के लिए आशीर्वाद लेती है और अपने सबसे अच्छे और नए कपड़े पहनती हैं। उत्सव को लेकर नाचनागाना भी खूब परवान चढ़ता है। विवाहित महिलाएं उपवास करती हैं और अपने मातापिता से इस दिन उपहार प्राप्त करती हैं।

नागपंचमी– 7 अगस्त 2016 (रविवार)

भारतीय समाज प्रकृति और सभी जीवों के सहअस्तित्व का सटीक उदाहरण है। देश के ग्रामीण जीवन में सांपों का अपना महत्व है। देशभर में उनसे डरा भी जाता है और उन्हें पूजा भी जाता है। नागपंचमी वह दिन होता है जब सांपों और नागों की पूजा की जाती है। महिलापुरुष लाइन लगाकर उन्हें दूध पिलाते हैं। यह सावन महीने के पांचवें दिन मनाया जाता है। सपेरे मंदिरों में कोबरा एवं अन्य नागों को लेकर आते हैं। महिलाएं उन्हें दूध पिलाती हैं। इसी के साथ कई जगहों पर महिलाएं सांपों की तस्वीर बनाकर अपने परिवार की सुरक्षा के लिए उनकी पूजा करती हैं।

वरलक्ष्मी व्रत – 12 अगस्त 2016 (शुक्रवार)

वरलक्ष्मी व्रत, दक्षिण भारत (कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश) और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में विवाहित महिलाएं करती हैं। यह एक व्रत है और त्योहार भी। यह उत्तर भारत में महिलाओं के मनाए जाने वाले करवा चौथ की ही तरह होता है। पति की लंबी उम्र और सुरक्षा के साथ ही दांपत्य जीवन में सुखआनंद के लिए पूजाअर्चना की जाती है। महिलाएं पूरे दिन व्रत करती हैं और एक कलश पर देवी लक्ष्मी की तस्वीर बनाकर पूजा करती हैं। देवी को सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती हैं। यह उत्सव है तो घरेलू, लेकिन इसे दक्षिण भारत में बड़े जोरशोर और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

जमशेद नवरोज (पतेती)- 17 अगस्त 2016 (बुधवार)

पतेती शेनशाई कैलेंडर का पालन करने वाला पारसी समाज मनाता है। यह नववर्ष की पूर्व संध्या के तौर पर मनाया जाता है। अगले दिन नवरोज को नववर्ष के पहले दिन के तौर पर मनाया जाता है। हालांकि, कई लोग पतेती को ही नए साल का पहला दिन मानकर मनाते हैं और अब यह नए वर्ष का नाम हो गया है। जो पारसी कदमी कैलेंडर को मानते हैं, वह नवरोज जुलाई में मनाते हैं और जो फासली कैलेंडर अपनाते हैं वह मार्च में।

रक्षा बंधन – 18 अगस्त 2016 (गुरुवार)

भारत में बड़े पैमाने पर मनाए जाने वाले इस प्रसिद्ध त्योहार, राखी या रक्षा बंधन को भाईबहन के प्रेम के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है। यह सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। लड़कियां और महिलाएं राखी या सजावटी धागा तैयार करती हैं और अपने भाई की कलाई पर बांधती हैं। बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं। राखी एक एकजुट करने वाला त्योहार भी है। जाति, समुदाय और धार्मिक बाधाओं को तोड़कर सामाजिक बंधनों को मजबूत करने के लिए भी राखी बांधी जाती हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी – 25 अगस्त 2016 (गुरुवार)

भादौ महीने के आठवें दिन जन्माष्टमी मनाई जाती है। हिंदू इस दिन को भगवान कृष्ण के जन्मदिन के तौरपर बड़े उत्साह से मनाते हैं। यह भारत के बड़े त्योहारों में से एक है, जिसे उत्साह और समर्पण के साथ मनाया जाता है।

देशभर में मिठाइयां तैयार की जाती हैं। गानेनाचने के कार्यक्रम होते हैं। मंदिरों में रातरात भर के कार्यक्रम होते हैं। कई घरों में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को मनाने के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं। बृंदावन और मथुरा ऐसी दो जगहें हैं, जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु यह त्योहार मनाने पहुंचते हैं।

नंद महोत्सव (दही हांडी) – 26 अगस्त 2016 (शुक्रवार)

नंद महोत्सव जन्माष्टमी के अगले दिन मनाया जाता है। यह माना जाता है कि नंद (कृष्ण के पालक पिता) और गोकुल गांव भगवान कृष्ण के जन्म के अवसर पर रातभर संगीत, नाच और कई खेलों में मशगुल रहता है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है दही हांडी। पूरे भारत, खासकर मुंबई में, युवा लड़केलड़कियां मानव पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर बंधी दहीहांडी को फोड़ते हैं। गोकुल के मुख्य समारोह को दोहराते हैं। दही हांडी में कौशल के साथ ही ताकत भी जरूरी होती है। समारोह में भाग लेने वाले समूहों में बड़े स्तर पर प्रतियोगिता भी होती है।

अगस्त भारत में कई उत्सवों का भी महीना है। ग्रीष्म ऋतु की गर्मियां जा चुकी हैं और बारिश की मस्त हवा मौसम में हावी है। नेहरू ट्रॉफी बोट रेस के लिए यह सही समय है, जो केरल के अलपुज्जा गांव की पुन्नमदा झील पर होती है। यह रेस पर्यटन का मुख्य आकर्षण बनती जा रही हैं। हजारों पर्यटक देशदुनिया से वहां पहुंचते हैं। झापन मेला भी एक उत्सव है जो भारतीय समाज में सांपों की भूमिका का जश्न मनाता है। यह एक बड़ा उत्सव है खासकर बिष्णुपुर और भारत के अन्य इलाकों में। इस दौरान मंसा देवी की प्रार्थना भी की जाती है।

मानसून का मेला यानी सावन मेला, देश के अलगअलग हिस्सों में मनाया जाता है। श्रद्धालु पवित्र नदियों से पानी भरकर पास के शिव मंदिरों तक पैदल जाते हैं और वहां भगवान शिव को वह जल चढ़ाते हैं। अपने परिवार के साथ त्योहारों में भाग लेते हैं। गोगामेदी उत्सव राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में होता है। यह भी बड़ा पर्यटन आकर्षण है। इस दौरान राज्य के हस्तशिल्प और सांस्कृतिक विरासत की बड़े पैमाने पर नुमाइश लगती है।

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